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अग्निपथ योजना में हुआ बड़ा बदलाव, अब 21 नहीं 23 साल तक के युवा हो सकेंगे भर्ती

‘अग्निपथ योजना’ को लेकर देशभर में खूब बवाल हो रहा है। कई युवा इस योजना का भयंकर विरोध कर रहे हैं। मोदी सरकार ने सालों से चली आ रही रक्षा भर्ती प्रक्रिया में मंगलवार को बदलाव किया था। थलसेना, नौसेना और वायुसेना में सैनिकों की भर्ती को लेकर अग्निपथ योजना शुरू की गई थी। इस योजना में सेना में भर्ती किए जाने वाले युवाओं संग 4 साल का कॉन्ट्रैक्ट किया जाएगा। सरकार का टारगेट तीनों सेनाओं में इस साल लगभग 46,000 सैनिकों की भर्ती करना है।

हालांकि इस योजना के ऐलान होने के बाद से ही देशभर में युवा इसका विरोध कर रहे हैं। वे इस योजना के खिलाफ सड़कों तक पर उतार आए हैं। यूपी, हरियाणा, एमपी, राजस्थान और बिहार सहित 8 राज्यों में इस योजना का सबसे अधिक विरोध हो रहा है। आलम ये है कि कहीं इसके विरोध में ट्रेन को रोका गया तो कहीं आग लगा दी गई।

21 से 23 हुई सेना भर्ती की अधिकतम उम्र

इस विरोध को देखते हुए मोदी सरकार ने योजना में कुछ बदलाव किए हैं। अब इस योजना के तहत सेना में भर्ती होने की अधिकतम उम्र सीमा 23 साल होगी। पहले ये 21 साल हुआ करती थी। लेकिन सरकार ने इसे दो साल और बढ़ा दिया है। बता दें कि आमतौर पर सेना में सिलेक्ट होने के लिए व्यक्ति की उम्र कम से कम 17.5 वर्ष और अधिक से अधिक 21 वर्ष होनी चाहिए। हालांकि अब इसमें परिवर्तन करते हुए अधिकतम उम्र सीमा 23 कर दी गई है।

राजनाथ बोले- युवा तैयारी करें, जल्द होगी भर्ती

मोदी सरकार की ‘अग्निपथ योजना’ योजना के तहत जो भी जवान इसमें भर्ती होंगे उन्हें ‘अग्निवीर’ कहकर पुकारा जाएगा। अब जहां एक तरफ युवा इस योजना का विरोध कर रहे हैं तो वहीं दूसरी तरफ केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का एक बयान सामने आया है। उन्होंने नौजवानों से शांति बनाए रखने की अपील की है।

साथ ही कहा कि ‘युवा लोग सेना में भर्ती की तैयारी करें। जल्द ही भर्ती प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। बीते दो वर्षों से भर्ती प्रक्रिया बंद थी। इसलिए हमने इसकी आयु सीमा को इस वर्ष 21 से 23 साल कर दिया है। यह योजना से युवाओं को बड़ा लाभ मिलेगा।’

आरजेडी के गुंडे कर रही हिंसा – गिरिराज सिंह

युवाओं के इस विरोध प्रदर्शन पर केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह का भी बयान आया है। उन्होंने कहा कि इस प्रदर्शन की वजह विपक्षी दल है। जहां-जहां हिंसा हुई है वह आरजेडी के गुंडे कर रहे हैं। वे स्टूडेंट्स को ढाल बनाकर उनसे हिंसा करवा रहे हैं। हिंसा करने वाले ऐसे गैर स्टूडेंट्स को चिह्नित करना आवश्यक है।

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