मां दुर्गा इस मंदिर में साक्षात हुई थी प्रकट, इनकी शक्तियों को देखकर वैज्ञानिक हुए आश्चर्यचकित
इस संसार में ऐसे बहुत से स्थान है जहां पर बहुत से देवी देवताओं के मंदिर मौजूद है, और इन सभी मंदिरों की अपनी कोई ना कोई विशेष कहानी और इनके चमत्कार सुनने को मिलते हैं, जिनकी वजह से यह दुनिया भर में प्रसिद्ध है, उत्तराखंड भी देवभूमि के नाम से जाना जाता है, इस स्थान को देवों की भूमि कहा जाता है, इसी स्थान पर देश के सबसे अधिक तीर्थस्थल मौजूद है, उत्तराखंड की पवित्र भूमि पर ऐसे बहुत से चमत्कारिक मंदिर मौजूद है जिनके चमत्कार दुनिया भर में प्रसिद्ध है, इन मंदिरों में हर साल श्रद्धालुओं की भारी भीड़ लगी रहती है, देश ही नहीं बल्कि विदेशों से भी श्रद्धालु इन तीर्थ स्थलों की यात्रा के लिए आते हैं, आज हम आपको इस पोस्ट के माध्यम से एक ऐसे मंदिर के विषय में जानकारी देने वाले हैं जिनकी अनोखी शक्तियों के आगे नासा के वैज्ञानिक भी हार मान चुके हैं।
आज हम आपको जिस मंदिर के बारे में जानकारी दे रहे हैं यह मंदिर उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले में स्थित है, इस मंदिर को कसार देवी मंदिर के नाम से जाना जाता है, ऐसा बताया जाता है कि इस मंदिर की स्थापना दूसरी सदी में हुई थी और इस स्थान पर मां दुर्गा साक्षात प्रकट हुई थी, अगर हम इस स्थान की खासियत की बात करें तो यह भारत की एकमात्र और दुनिया की तीसरी जगह है जहां पर चुंबकीय शक्तियां मौजूद है, इसके पीछे नासा के वैज्ञानिकों ने भी बहुत से अध्ययन किए हैं परंतु उनको इन शक्तियों के बारे में अभी तक कुछ भी जानकारी हासिल नहीं हो पाई है।
उत्तराखंड का यह मंदिर बहुत ही चमत्कारिक है, इस मंदिर के लिए ऐसी मान्यता है कि जो भक्त यहां पर दर्शन करने के लिए आते हैं उनको मंदिर तक पहुंचने के लिए सैकड़ों सीढ़ियों को पार करना पड़ता है परंतु इतनी सीढ़ियां होने के बावजूद भी भक्त किसी थकान के बिना ही वह इन सीढ़ियों पर चढ़ जाते हैं, इस मंदिर के विषय में ऐसा माना जाता है कि ढाई हजार वर्ष पहले माता दुर्गा ने शुंभ और निशुंभ नामक दो राक्षसों को मारने के लिए कात्यायनी रूप में अवतार लिया था, इसके पश्चात इस स्थान की मान्यता मां कासरी देवी मंदिर के रूप में हुई थी, माता का यह मंदिर अल्मोड़ा शहर से लगभग 10 किलोमीटर की दूरी पर मौजूद है, यह मंदिर का कसाय पर्वत पर स्थित है, पर्यावरण की जानकारी रखने वाले व्यक्तियों के अनुसार ऐसा बताया जाता है कि इस मंदिर के आसपास का क्षेत्र वैन एलेन बेल्ट है, इसी वजह से यहां चुंबकीय शक्तियां मौजूद है, यह स्थान ध्यान और तप के लिए सबसे उत्तम स्थान है, इसी स्थान पर स्वामी विवेकानंद ने भी ध्यान किया था और उनको ज्ञान की प्राप्ति हुई थी।
इस मंदिर के आसपास का नजारा बहुत ही आकर्षक है अगर आप इस मंदिर में कभी आयेंगें तो आप यहां के नजारे को देखकर इसकी तरफ आकर्षित हो जाएंगे, कसार देवी के आसपास का पूरा क्षेत्र हिमालय के वन और अद्भुत नजारे से घिरा हुआ है, देश-विदेश से भारी संख्या में श्रद्धालु यहां पर रोजाना आते हैं, कुछ लोगों का ऐसा कहना है कि इस स्थान पर विदेशी साधकों ने बड़ी संख्या में अस्थाई ठिकाना भी बना लिया है, इस स्थान के चुंबकीय शक्ति के पीछे आखिर क्या रहस्य है इस विषय में वैज्ञानिकों का ध्यान लगातार जारी है।