मनीष सिसोदिया बोले ‘मैं शाहीन बाग के मुसलमानों के साथ खड़ा हूँ’ लेकिन हिंदुओं के साथ कौन खड़ा हैं?
दिल्ली के शाहीन बाग़ में पिछले कुछ दिनों से सीएए को लेकर विरोध हो रहा हैं. अब इन विरोधियों के समर्थन में आम आदमी पार्टी (AAP) के लीडर और दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया भी खुलकर सामने आ गए हैं. हाल ही में सिसोदिया ने शाहीन बाग़ में सीएए का विरोध करने वालों को हर झंडी दिखाते हुए उनके साथ खड़े रहने की बात कही हैं. आपकी जानकारी के लिए बता दे कि ये वहीं एंटी – सीएए प्रोटेस्ट हैं जहाँ एंटी – इंडिया और एंटी – हिंदू नारे लग चुके हैं.
2020 के चुनाव आने के पहले ही ‘आप’ के अध्यक्ष और दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोधिया ने CNN News18 से बातचीत करते हुए ये स्पष्ट कर दिया हैं कि ‘आम आदमी पार्टी’ दिल्ली के शाहीन बाग़ में हो रहे विरोध प्रदर्शन का समर्थन करती हैं. उन्होंने इस दौरान कहा कि ‘शाहीन बाग़ का रास्ता खुलवाना मेरी जिम्मेदारी नहीं हैं. मैं शाहीन बाग़ के लोगो के साथ खड़ा हूँ, जेएनयू के साथ खड़ा हूँ.‘
हो गया खुलासा, शाहीन बाग के लोगों के साथ खड़े हैं आम आदमी पार्टी के नेता#ShaheenBagh #AamAadmiParty @AamAadmiParty
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— Newsroom Post (@NewsroomPostCom) January 23, 2020
वैसे देखा जाए तो ये काफी आश्चर्य जनक था कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल और उसकी आम आदमी पार्टी शाहीन बाग़ के सांप्रदायिक प्रदर्शनकारियों का सपोर्ट करेंगे. इसकी वजह ये हैं कि इसके पहले इस पार्टी ने खुद को शाहीन बाग़ मामले में कोई साइड लेने से दूर ही रखा था. इसका कारण ये थी कि ‘आप’ एमएलए अमनातुल्लाह खान दिसंबर में हुए जामिया नगर के उस प्रोटेस्ट में नजर आए थे जिसने बाद में हिंसक रूप ले लिया था. इस घटना के बाद उनके खिलाफ सोशल मीडिया पर हिंसा भड़काने के विरुद्ध एक एफआईआर भी दर्ज हुई थी.
बता दे कि खान ने 15 दिसंबर को दिल्ली के शाहीन बाग़ में एक भड़काऊ भाषण दिया था. इस दौरान उन्होंने बीजेपी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा था कि सरकार का नागरिक संशोधन कानून (सीएए) देश के मुसलमानों के साथ भेदभाव करता हैं. इसके साथ ही खान ने ये भी आरोप मड़ा था कि जब ट्रिपल तलाक एक्ट लागू किया गया था तब मुसलमानों की खामोसी को केंद्र सरकार ने कमजोरी समझ लिया था. खान के द्वारा दी गई ये भड़काऊ स्पीच सीएए का विरोध करने जमा हुए हजारों लोगो के द्वारा सुनी गई थी. सूत्रों की माने तो ये भाषण इलाके में हिंसा भड़कने के कुछ मिनटों पहले ही दी गई थी.
हालाँकि इन सबके बावजूद केजरीवाल ने खुद को शाहीन बाग़ प्रोटेस्ट से दूर ही रखा हैं. उन्होंने इस मामले में ना तो कोई ट्वीट किया हैं और ना ही वे खुद वहां प्रदर्शनकारियों का साथ देने गए हैं. कुछ जानकारों का मानना हैं कि वे दिल्ली के आगामी चुनावों को देखते हुए इस टॉपिक पर सेफ खेल रहे हैं.