अध्यात्म

यह है एक ऐसा चमत्कारी और अनोखा मंदिर, जहां भोलेनाथ और गौतम बुद्ध है एक साथ विराजमान

हमारा भारत देश अनगिनत मंदिरों से घिरा हुआ है, हमारे देश भर में बहुत से देवी-देवताओं के मंदिर मौजूद है, जिनका कोई ना कोई अपना वजूद और महत्व है, अक्सर इन मंदिरों की विशेषता और इनके चमत्कार को देखने के लिए लोग दूर-दराज से आते हैं, अपने अंदर समेटे हुए बहुत से रहस्य और अपने अद्भुत इतिहास की वजह से ही यह मंदिर पूरे विश्व भर में काफी प्रसिद्ध है, इन मंदिरों में दर्शन करने से मनुष्य को मानसिक शांति के साथ-साथ अपने जीवन के दुखों से छुटकारा मिलता है, आप लोगों ने ऐसे बहुत से मंदिरों के बारे में सुना होगा और उन मंदिरों में दर्शन करने के लिए भी गए होंगे, लेकिन आज हम आपको एक ऐसे मंदिर के बारे में जानकारी देने वाले हैं जहां पर दो धर्म एक साथ पूजे जाते हैं, अलग-अलग स्थानों की बजाय एक ही स्थान पर दो धर्मों को पूजा जाता है।

हम आपको जिस मंदिर के बारे में जानकारी दे रहे हैं यह दार्जिलिंग की वादियों में स्थित है, इस स्थान पर लोग दो धर्म को एक ही जगह पर पूजते हैं, देश के कोने-कोने से श्रद्धालु यहां पर आते हैं, इस मंदिर में भगवान शिव जी की पूजा के साथ-साथ गौतम बुद्ध की भी उपासना की जाती है, शिवरात्रि के दिनों में यहां का नजारा देखने लायक होता है, यहां भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है, दार्जिलिंग की वादियों में होली हिल के नाम से प्रसिद्ध स्थान पर यह मंदिर मौजूद है, इस मंदिर को महाकाल मंदिर के नाम से जाना जाता है, इस मंदिर के अंदर हिंदू धर्म और बौद्ध धर्म के को मानने वाले लोग एक साथ पूजा अर्चना करते हैं, यह एक ऐसा मंदिर है जो दो धर्मों को एक साथ जोड़ता है।

दार्जिलिंग के इस प्रसिद्ध और अनोखे महाकाल मंदिर में लोग दूर-दूर से दर्शन करने के लिए आते हैं, वैसे देखा जाए तो इस स्थान पर भगवान शिव जी और गौतम बुद्ध के अलावा भी बहुत से छोटे-छोटे मंदिर स्थापित है, इस स्थान पर आप काली माता, मां भगवती, हनुमान जी और गणेश जी की प्रतिमा देख सकते हैं, यहां पर एक गुफा भी मौजूद है, जहां पर बौद्ध धर्म के अनुयाई प्रार्थना करते हैं, यहां पर जो भी भक्त महाकाल मंदिर में प्रवेश करता है उसको स्वर्ग जैसा अनुभव होने लगता है, भोलेनाथ का यह मंदिर दार्जिलिंग की खूबसूरत वादियों के बीच बना हुआ है, जिसका नजारा देखकर लोगों का मन आकर्षित हो जाता है, इस नजारे को देखकर लोग काफी खुश होते हैं, यह स्थान प्रकृति की सुंदरता को दर्शाता है, इस मंदिर के प्रवेश द्वार पर बहुत से घंटे लगे हुए हैं और बौद्ध धर्म के प्रतीक फ्लैग, संगीत, धर्म और सुंदरता देखने लायक है।

अगर आप कभी इस मंदिर में दर्शन करने के लिए जाएंगे तो इसका नजारा काफी बेहतरीन है, यह मंदिर गोलाकार आकृति में बना हुआ है और इस मंदिर के बीच के भाग में शिवलिंग स्थापित है, जब आप इस मंदिर के प्रवेश द्वार पर पहुंचेंगे तो आपको यहां पर नंदी बाबा विराजमान नजर आएंगे, भगवान शिव जी के स्वरूप शिवलिंग के बगल में ही गौतम बुद्ध की भी प्रतिमा बनी हुई है, हिंदू और बौद्ध धर्म के पुजारी एक साथ यहां पर पूजा अर्चना करते हैं, इस मंदिर की सुंदरता देखने लायक है।

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