महाभारत ज्ञान: हमेशा ईमानदारी से कमाएं धन, ना करें कौरवों द्वारा की गई धन से जुड़ी ये गलत
महाभारत के अनुसार एक बार धृतराष्ट्र से संवाद करते हुए विदुर ने उन्हें कुछ नीतियां बताई और इन्हीं नीतियों को विदुर नीति के नाम से जाना जाने लगा। इन नीतियों में विदुर ने कई सारी चीजों से जुड़ा ज्ञान दिया है और इन्हीं नीतियों में से एक नीति में विदुर ने धन के संबंध मुख्य बाते बताई हैं, जो कि हर मनुष्य को पता होनी चाहिए।
श्लोक –
श्रीर्मङ्गलात् प्रभवति प्रागल्भात् सम्प्रवर्धते।
दाक्ष्यात्तु कुरुते मूलं संयमात् प्रतितिष्ठत्ति।।
इस श्लोक में विदुर द्वारा कहा गया है कि-
धैर्य बनाए रखें
इंसान के अंदर धैर्य होना बहुत ही जरूर है। इंसान को हमेशा सोच समझ कर ही धन से जुड़ा निर्णय लेना चाहिए। अक्सर हम जल्दबाजी में धन खर्च कर देते हैं और बाद में जाकर हमें अपनी गलती का एहसास होता है। इसलिए आप जब भी कहीं पर धन खर्च करें, तो पहले अच्छे से सोच लें और हर पहलू को जानने के बाद ही धन का प्रयोग करें। धन के संबंधी कामों में हमेशा धैर्य बनाए रखें।
ईमानदारी से ही धन कमाना चाहिए
इस श्लोक के मुताबिक इंसान को हमेशा मेहनत और ईमानदारी से ही पैसे कमाने चाहिए। मेहनत और ईमानदारी से कमाए गए पैसों में सदा ही बरकत बनी रहती है। जबकि जो लोग गलत काम के जरिए पैसे कमाते हैं उनके पास लक्ष्मी नहीं टिकती है और ऐसे लोगों का विनाश हो जाता है। महाभारत में कौरवों ने पांडवों से उनकी धन-संपत्ति छल और गलत तरीके से छीन ली थी। लेकिन ये संपत्ति उनके पास ज्यादा समय तक नहीं टिकी और इस संपत्ति के कारण ही कौरवों का पूरा वंश खत्म हो गया। इसलिए इंसान को कभी भी औरो के धन पर नजर नहीं डालनी चाहिए और सदा अपनी मेहनत के दम पर ही पैसे कमाने चाहिए।
सही जगह करें निवेश
विदुर के अनुसार इंसान को हमेशा पैसों का निवेश सही जगह पर ही करना चाहिए और धन का कभी भी गलत इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। अगर इंसान किसी गलत जगह पर पैसों का निवेश या प्रयोग करता है तो उसके पास अधिक समय तक लक्ष्मी नहीं रहती है। महाभारत में कौरवों के पास धन आने के बाद उन्होंने इसका इस्तेमाल पांडवों के खिलाफ किया और ऐसा करने से उनका धन केवल बर्बाद ही हुआ और उनके हाथ कुछ नहीं लग सका। इसलिए आप अपने धन का निवेश और प्रयोग हमेशा सही कार्य पर ही करें। ताकि आपको लाभ मिल सके।
धन का दुरुपयोग ना करें
इंसान को कभी भी शराब और जुए पर अपने पैसे बर्बाद नहीं करने चाहिए और अपनी गलत आदतों को जल्द से जल्द छोड़ देना चाहिए। महाभारत में गलत आदत के कारण ही पांडव अपना सब कुछ हार गए थे। कौरवों के साथ द्यूत-क्रीड़ा (जुआ खेलने) खेलना पांडव पर भारी पड़ा और जुए की वजह से ही वो अपना राज्य और धन खो बैठे थे। इसलिए आप कभी भी जुए जैसी चीजों पर धन का दुरुपयोग ना करें। विदुर के अनुसार जुआ खेलने वाले व्यक्ति के पास लक्ष्नी मां का वास ज्यादा दिन तक नहीं हो पाता है और वो जीवन भर गरीब ही बने रहते हैं।