अध्यात्म

काशी की पवित्र धरती पर माता का चमत्कारिक दरबार, जहां भक्त दर्शन करके हो जाता है धन्य

भारतवर्ष में विभिन्न धर्मों को मानने वाले लोग रहते हैं और सभी लोग अपने अपने देवी-देवताओं की पूजा करते हैं और मंदिरों में दर्शन के लिए जाते हैं, वैसे देखा जाए तो देश भर में बहुत से धार्मिक स्थल मौजूद है और इनके प्रति लोगों का अटूट विश्वास देखने को मिलता है, कहीं ना कहीं लोगों के मन में इन मंदिरों के प्रति विश्वास अवश्य रहता है इसी वजह से यह अपनी दुख परेशानियां लेकर भगवान के दरबार में जाते हैं, लेकिन आज हम आपको एक ऐसे मंदिर के बारे में जानकारी देने वाले हैं जो काशी में स्थित है और इस मंदिर में लोग दूर-दराज से पूजा और दर्शन करने के लिए आते हैं।

दरअसल, हम आपको जिस मंदिर के बारे में जानकारी दे रहे हैं यह मंदिर काशी के गंगा किनारे बालाजी घाट पर स्थित है, इस मंदिर को मां ब्रह्मचारिणी के मंदिर के नाम से लोग जानते हैं, इस मंदिर में श्रद्धालुओं की भारी भारी भीड़ सुबह से ही लग जाती है, सभी भक्त माता के दर्शन करने के लिए लंबी कतार में खड़े रहते हैं, माता रानी के रूप के दर्शन करने के लिए श्रद्धालु नारियल, चुनरी, माला, फूल आदि लेकर माता के दरबार में जाते हैं और अपनी बारी आने का इंतजार करते हैं, सभी भक्त बड़ी ही श्रद्धा भक्ति से माता के दर्शन करते हैं।

इस मंदिर में जो ब्रह्मचारिणी देवी का स्वरूप है वह अत्यंत भव्य है, माता की मूर्ति के दाहिने हाथ में जप की माला और बाएं हाथ में कमंडल रहता है, ऐसा बताया जाता है कि जो भक्त माता रानी के इस रूप की पूजा आराधना करता है उसको साक्षात परब्रह्म की प्राप्ति हो जाती है, जो श्रद्धालु माता के इस रूप के दर्शन करता है उसको यश और कीर्ति की प्राप्ति होती है, इस मंदिर से लोगों का अटूट विश्वास देखने को मिलता है।

माता के इस दरबार में वैसे तो रोजाना ही भक्तों की भारी भीड़ लगी रहती है परंतु जब नवरात्रि के दिन आते हैं तो इस मंदिर में लाखों की संख्या में भक्त माता के दर्शन करने के लिए उपस्थित होते हैं, ऐसा बताया जाता है कि नि:संतान दंपतियों को माता के इस रूप के दर्शन करने से संतान सुख की प्राप्ति हो जाती है, जिन् दंपति की कोई संतान नहीं होती है वह अपनी दुख परेशानियां लेकर माता के इस दरबार में दर्शन करने के लिए आते हैं और माता के आशीर्वाद से उनको संतान सुख प्राप्त होता है, इसके साथ ही जो भक्त माता के दर्शन करता है उसकी सभी मनोकामनाएं अवश्य पूरी होती है।

इस मंदिर के पुजारी का ऐसा बताना है कि जिस किसी बालिका का विवाह नहीं हो रहा होता है या फिर जिस बच्चे का पढ़ने में मन नहीं लगता है अगर वह नियमित रूप से ब्रह्मचारिणी देवी के दर्शन और इनकी पूजा करें तो उसकी सभी परेशानियां दूर होती है अर्थात उनकी सभी मन्नते पूरी हो जाती है, इतना ही नहीं इस मंदिर के पुजारी का ऐसा कहना है कि यह मंदिर अनादि काल से ही है, और जब से काशी है तब से ही ब्रह्मचारिणी देवी का मंदिर यही ब्रह्मा घाट पर स्थित है, वैसे तो आम दिनों में सुबह 6:00 बजे से दिन के 12:00 बजे तक और शाम को 4:00 बजे से रात के 10:00 बजे तक यहां पर दर्शन और पूजा की जाती है, परंतु शारदीय नवरात्रि के दूसरे दिन ब्रह्मचारिणी देवी के दर्शन और पूजन का विधान है, यह मंदिर सुबह 4:00 बजे ही मंगला आरती के पश्चात आम लोगों के लिए खुल जाता है।

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