श्रीराम जी ने इस मंदिर में की थी गणेशजी की स्थापना, मात्र दर्शन से ही हर चिंता हो जाती है दूर
भगवान गणेश जी विघ्नहर्ता है और भक्त इनकी पूजा अर्चना करके अपने जीवन की तमाम परेशानियों से मुक्ति पाने की प्रार्थना करते हैं, वैसे देखा जाए तो देश भर में भगवान गणेश जी के बहुत से मंदिर मौजूद है और इन मंदिरों में रोजाना ही भक्त भगवान गणेश जी की आराधना में लीन रहने रहते हैं, हो सकता है कि आपके आस पास भी कोई गणेश मंदिर हो और उसकी स्थापना साधारण रूप से हुई होगी, परंतु आज हम आपको एक ऐसे गणेश मंदिर के बारे में जानकारी देने वाले हैं जिसकी स्थापना स्वयं भगवान श्री राम जी ने की थी, ऐसा बताया जाता है कि इस मंदिर में जो भी व्यक्ति दर्शन करने के लिए आता है उसको अपनी सभी चिंता से मुक्ति मिल जाती है।
हम आपको जिस गणेश मंदिर के बारे में जानकारी दे रहे हैं यह मंदिर मध्यप्रदेश में बना हुआ है, मध्य प्रदेश के उज्जैन में स्थित इस गणेश मंदिर को चिंतामन गणेश मंदिर के नाम से जाना जाता है, चिंतामन गणेश मंदिर में भगवान गणेश तीन रूप में विराजमान है और यहां दर्शन करने मात्र से ही व्यक्ति के जीवन की सभी चिंता समाप्त हो जाती है, वैसे तो इस मंदिर में रोजाना ही भक्त आते हैं परंतु गणेश चतुर्थी के दिन में यहां पर भक्तों की संख्या कुछ अधिक ही देखने को मिलती है, भगवान गणेश जी का यह मंदिर उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर से लगभग 6 किलोमीटर दूरी पर स्थित है, इस मंदिर की स्थापना को लेकर इसका इतिहास बताया जाता है कि भगवान गणेश जी की जब भगवान श्री राम जी वनवास में थे तब उन्होंने गणेश जी के इस मंदिर की स्थापना की थी।
इस मंदिर के बारे में ऐसा बताया जाता है कि भगवान श्री राम जी अपनी पत्नी सीता और अपने भाई लक्ष्मण के साथ वनवास के दौरान यहां पर पहुंचे थे और यहां पर उन्होंने कुछ समय तक आराम भी किया था, आराम करने के बाद उनको आगे बढ़ना था लेकिन तभी भगवान श्री राम जी को ऐसा आभास हुआ कि यह स्थान किसी प्रकार के दोष से ग्रस्त है, तब श्री राम जी के मन में शिव-पार्वती के पुत्र गणेश जी की स्थापना करने का ख्याल आया, तब भगवान श्री राम, सीता और लक्ष्मण द्वारा एक पत्थर पर भगवान गणेश जी की स्थापना की गई थी, कुछ समय तक इन्होंने यहीं पर समय व्यतीत किया था और रोजाना ही भगवान गणेश जी की पूजा अर्चना किया करते थे, इसी समय के दौरान श्री राम जी के भाई लक्ष्मण ने एक बावड़ी बनाई थी जिसको लक्ष्मण बावड़ी कहा जाता है, जो कि वर्तमान समय में भी यहां पर मौजूद है।
बुधवार के दिन चिंतामन गणेश जी के इस मंदिर में भक्तों की भारी भीड़ लगी रहती है, भगवान गणेश जी यहां पर तीन रूपों में विराजित है, जो भक्त यहां पर दर्शन करने के लिए आते है उसकी सभी चिंता भगवान गणेश जी दूर करते हैं, इनका पहला रूप चिंतामन है जो कि भक्तों को चिंता से मुक्ति दिलाता है, इनका दूसरा रूप इच्छामन है जो कि भक्तों की मनोकामनाएं पूरी करता है और इनका तीसरा रूप सिद्धिविनायक है जोकि सिद्धि प्रदान करता है।