महादेव जी ने 19 वर्षों तक शनिदेव को पीपल के पेड़ पर लटका दिया था उल्टा, जानिए वजह
मनुष्य के अच्छे और बुरे कर्मों का लेखा-जोखा शनि देव के पास होता है, यह मनुष्य को उसके कर्मों के अनुसार ही फल देते हैं, शनि देवता की ग्रह और देव दोनों ही रूप में इनकी पूजा होती है, हर कोई मनुष्य शनि देवता की कृपा प्राप्त करना चाहता है, जिसके लिए यह इनकी पूजा अर्चना करते हैं, जिस व्यक्ति के ऊपर शनि का आशीर्वाद रहता है उस व्यक्ति के जीवन की परेशानियां दूर होती है, शनि की कृपा से व्यक्ति का जीवन सुखमय बनता है, शनि देवता को दंडाधिकारी भी कहा गया है, आपको बता दें कि यह पद देवों के देव महादेव द्वारा इनको प्राप्त हुआ था, अगर हम शास्त्रों के अनुसार देखें तो शनि देवता के अधिदेवता ब्रह्मा और प्रत्यधि देवता यम है, शनिदेव का वाहन गिद्ध है और यह लोह रथ की सवारी करते हैं, एक बार इन्होंने अपने पिता को अपनी बुरी दृष्टि डालकर कुष्ठ रोग दे दिया था, ऐसा बताया जाता है कि शनि देव की अगर किसी के ऊपर बुरी दृष्टि पड़ जाए तो राजा भी रंक बन जाता है, साधारण मानव ही नहीं बल्कि देवी-देवता भी शनिदेव के प्रकोप से भयभीत रहते हैं, लेकिन शनि देव को भी 19 वर्षों तक उल्टा लटकना पड़ा था, आखिर यह इतने सालों तक उल्टे क्यों लटके थे? आज हम आपको इसके पीछे की कथा बताने जा रहे हैं।
शास्त्रों में इस बात का उल्लेख किया गया है कि सूर्य देवता ने अपने सभी पुत्रों को उनकी योग्यता के अनुसार विभिन्न लोको का अधिपत्य प्रदान किया था परंतु सूर्य देव के पुत्र शनि देव संतुष्ट नहीं हुए थे और उन्होंने पिता की आज्ञा नहीं मानी, शनि देवता ने अन्य दूसरे लोको पर भी अपना कब्जा जमा लिया था, तब सूर्य देवता भगवान शिव जी की शरण में गए थे और इन्होंने महादेव से प्रार्थना की थी, तब शिवजी ने अपने गणों को शनिदेव से युद्ध करने के लिए भेजा था, जब शनिदेव के साथ शिवजी के गणों का युद्ध हुआ तब शनि देव ने इनको युद्ध में हरा दिया था, जब यह बात शिवजी को पता लगी तो यह स्वयं शनिदेव से युद्ध करने के लिए गए और इन दोनों के बीच काफी भयंकर युद्ध हुआ था।
भगवान शंकर जी और शनिदेव के युद्ध के दौरान शनि ने शिवजी पर अपनी बुरी दृष्टि का प्रभाव डाला था, तब भगवान शिव जी अत्यधिक क्रोधित हुए, इन्होंने अपनी तीसरी आंख खोल दी थी, भगवान शिव जी ने अपने त्रिशूल से शनि देव पर प्रहार किया, इस युद्ध में शनि देव को हार का सामना करना पड़ा था, महादेव ने शनि देव को सबक सिखाने के लिए इनको 19 वर्षों तक पीपल के पेड़ पर उल्टा लटकाया था।
शनि देव पीपल के पेड़ पर 19 वर्षों तक उल्टा लटककर शिवजी की उपासना में लीन रहे थे, शनिदेव की यह दशा देखकर सूर्यदेव काफी चिंतित हो गए और यह पुत्र मोह में आकर शिवजी से इनको जीवनदान प्रदान करने की प्रार्थना की थी, तब देवों के देव महादेव ने प्रसन्न होकर शनि देव को 19 वर्षों बाद मुक्त किया था और इनको अपना शिष्य बना कर संसार का दंडाधिकारी नियुक्त कर दिया था, यही वजह थी कि शनि देव को पीपल के पेड़ पर 19 सालों तक लटकना पड़ा था।