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डॉक्टरों ने लौटाई नेत्रहीन बच्ची की आंखें, पहली बार दुनिया देखी तो दिया ऐसा रिएक्शन – Video

पैदा होते ही अंधेरे में जी रही थी बच्ची, सर्जरी के बाद आई आंखों की रोशनी तो बेटी का रिएक्शन देख रो पड़ी मां

कहते हैं नेत्र दान सबसे बड़ा दान होता है। इसलिए कई लोग अपने मरने के बाद आखों का दान करने की शपथ लेते हैं। आपके मरने के बाद शरीर वैसे भी आपके कोई काम का नहीं रहता है। ऐसे में यदि हम अपनी आंखों का दान कर दें तो किसी नेत्रहीन की अंधेरी जिंदगी में उजाला हो सकता है। आई ट्रांसप्लांट (Eye Transplant) के जरिए उसकी आंखों की रोशनी दोबारा आ सकती है। जब ऐसा होता है तो उस शख्स के चेहरे की खुशी कुछ और ही होती है।

नेत्रहीन बच्ची ने पहली बार देखी दुनिया

आज हम आपको एक ऐसी छोटी सी बच्ची से मिलाने जा रहे हैं जिसने पैदा होते से सिर्फ अंधेरा ही देखा। जन्म के बाद से ही उसकी आँखों की रोशनी चली गई थी। वह कुछ भी देख नहीं सकती थी। लेकिन फिर किसी ने नेत्रदान किया। बाद में ये आँखें आई ट्रांसप्लांट के माध्यम से बच्ची को मिली। जब ऑपरेशन के बाद बच्ची ने पहली बार अपनी आँखें खोली और संसार को देखा तो ये नजारा देख हर कोई रो पड़ा।

दरअसल इन दिनों सोशल मीडिया पर बच्चे के पहली बार दुनिया को देखने का एक वीडियो बड़ा वायरल हो रहा है। वीडियो में देखा जा सकता है कि एक छोटी सी बच्ची अपनी मां की गोद में बैठी है। उसकी आंखों पर पट्टी लगी है। डॉक्टर आई ट्रांसप्लांट के बाद वह पट्टी हटाती है। इससे बच्ची रोने लगती है। फिर डॉक्टर बच्ची को धीरे-धीरे अपनी आँखें खोलने को कहती है।

बेटी का रिएक्शन देख रो पड़ी मां

बच्ची जैसे ही अपनी आंखें खोलती है तो अपने सामने अंधेरे की बजाय उजाले और लोगों को देख हैरान रह जाती है। वह अपनी मां को भी ध्यान से देखती है। बच्ची की आंखों की रोशनी आते ही मां भावुक हो जाती है। उनकी आंखों से आंसू बहने लगते हैं। सिर्फ मां ही नहीं बल्कि सोशल मीडिया पर जिसने भी ये वीडियो देखा वह भी भावुक हो जाता है।

इस वीडियो को ट्विटर पर र Figen नाम की यूजर ने साझा किया है। वीडियो 5 मिनट 1 सेकंड का है। ट्वीटर पर बड़ा पॉपुलर हो रहा है। इस वीडियो को साझा करते हुए कैप्शन में लिखा गया है ‘विज्ञान सच में चमत्कारी है। बच्ची की प्रतिक्रिया देखिए, जिसने पहली बार दुनिया को देखा। ऐसा आंखों के ट्रांसप्लांट के बाद संभव हो पाया।’

उम्मीद करते हैं कि इस वीडियो को देख आप भी प्रेरित हुए हैं। यदि हां तो अपनी मृत्यु के बाद नेत्रदान करना न भूलें। साथ ही दूसरे लोगों को भी ऐसा करने की सलाह दें।

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