पिता का अंतिम संस्कार किया, फिर ठोंक डाला शतक, देखें चीकू का किंग कोहली बनने तक का सफर
मास्टर-ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर यदि क्रिकेट के भगवान है तो विराट कोहली क्रिकेट के राजा, क्रिकेट के किंग है। क्रिकेट के किंग उन्हें हम अपनी मर्जी से नहीं कह रहे है बल्कि यह नाम, यह उपाधि उन्हें करोड़ों क्रिकेट फैंस ने दी है। क्रिकेट के दिग्गज भी उन्हें किंग कोहली कहा करते है।
विराट कोहली किसी पहचान के मोहताज नहीं है। दुनियाभर में विराट एक बड़ा नाम है। भारत ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में विराट के फैंस है। विराट तो बस विराट है। न रनों के मामले में, न शतक के मामले में, न लोकप्रियता और सफलता के मामले में और न ही रुतबे एवं व्यक्तित्व के मामले में आज का कोई क्रिकेटर उनके आस-पास भी नहीं भटकता है।
विराट क्रिकट की दुनिया का चमकता-दमकता सितारा है। सालों से यह सितारा चमक-दमक रहा है। इसकी चमक कभी फीकी नहीं पड़ने वाली है। यह सितारा न केवल क्रिकेट जगत बल्कि पूरे खेल जगत में अपनी छाप छोड़ चुका है।
इस सितारे की गिनती दिग्गजों में होती है। लेकिन किन चीजों ने विराट को किंग कोहली या किंग बनाया ? आइए आज आपको बताते है कि कैसे ‘चीकू’ नाम का लड़का क्रिकेट का राजा बन गया।
विराट कोहली का जन्म नई दिल्ली में 5 नवंबर 1988 को हुआ था। बचपन से ही सपना देख लिया था क्रिकेटर बनने का। आदर्श माना ‘क्रिकेट के भगवान’ सचिन तेंदुलकर को। सचिन को देख देखकर वे बड़े हुए। उन्हीं को देखकर क्रिकेट का जूनून सिर पर सवार हुआ। फिर एक के बाद एक सचिन के ही रिकॉर्ड को उन्होंने तोड़ना शुरू कर दिया।
विराट की मां का नाम सरोज कोहली है जबकि उनके पिता का नाम प्रेम कोहली था। विराट के पिता इस दुनिया में नहीं है। जब विराट महज 18 साल के थे तब ही उनके पिता ने इस दुनिया को अलविदा कह दिया था। प्रेम कोहली अपने बेटे को जीते जी इंडिया के लिए खेलते हुए देखना चाहते थे लेकिन ऐसा नहीं हो पाया।
प्रेम कोहली रात के दो बजे दुनिया से विदा हो गए। जब पिता का निधन हुआ तब विराट दिल्ली की ओर से कर्नाटक के खिलाफ रणजी ट्रॉफी खेल रहे थे। शाम तक वे 40 रनों पर नाबाद थे।
अगले दिन घर गए। पिता का अंतिम संस्कार किया और वापस मैदान पर लौट आए। इतने गम में भी विराट ने शतक जड़ दिया और यहीं से शुरुआत हो गई विराट कोहली के किंग विराट कोहली बनने की।
विराट ने सैकड़ा पिता को समर्पित किया। इसके बाद कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। आगे जाकर भारत के लिए कप्तान के रूप में अंडर-19 विश्वकप जीता।
तीनों ही फॉर्मेट में भारत क लिए खेलें और तीनों ही प्रारूपों में भारत की कप्तानी भी की। वे भारत के सबसे सफल कप्तानों में से एक रहे है।
बचपन में विराट को उनके कोच ने ‘चीकू’ नाम दिया था। उन्होंने बताया था कि उनका हेयर स्टाइल देखने के बाद उन्हें कोच ने यह नाम दिया था। वहीं आगे जाकर यह ‘चीकू’ क्रिकेट का किंग बन गया। विराट को किंग बनाया उनके गजब के धैर्य, निरंतरता, कड़ी मेहनत और सकारात्मक सोच ने।
विराट औरों से बिलकुल अलग है। तब ही तो वे जिस मुकाम पर आज मौजूद है वहां आज का कोई क्रिकेटर नहीं है। बड़े-बड़े दिग्गजों को उन्होंने धूल चटाई है। सोशल मीडिया पर भी विराट का अलग ही रुतबा है। वे इंस्टाग्राम पर 100 मिलियन, 150 मिलियन, 200 मिलियन फ़ॉलोअर्स वाले पहले क्रिकेटर है। इंस्टा पर उन्हें करीब 239 मिलियन (23 कॉर्ड) से ज्यादा लोग फॉलो करते है।
विराट सिर्फ एक नाम नहीं बल्कि एक ब्रांड है, एक भावना है, एक एहसास हैं। विराट करोड़ों क्रिकेट प्रेमियों के दिलों में बसे हुए हैं। विराट पर लोग जान छिड़कते है। उनकी एक झलक पाने के लिए लोग बेताब रहते हैं।