आखिर किस वजह से भगवान श्री कृष्ण जी ने अभिमन्यु की नहीं की थी रक्षा, जानिए इसका क्या था कारण
जब-जब धरती पर पाप का बोझ बढ़ा है तब-तब भगवान ने धरती पर अवतार लिया है, भगवान कृष्ण जी ने भी धरती पर पापियों का नाश करने के लिए अवतार लिया था, भगवान कृष्ण जी की लीलाओं के बारे में तो सभी लोग भली-भांति जानते ही हैं, महाभारत के युद्ध में भगवान श्री कृष्ण जी ने बहुत बड़ी भूमिका निभाई थी, आप सभी लोगों ने महाभारत की कथा देखी या सुनी अवश्य होगी, महाभारत का युद्ध पांडवों और कौरवों के बीच हुआ था, महाभारत के युद्ध में भगवान श्री कृष्ण जी ने अर्जुन को गीता का उपदेश देते हुए सही मार्गदर्शन किया था परंतु बहुत ही ऐसे कम लोग होंगे जिनको इस बात की जानकारी होगी कि महाभारत के युद्ध में भगवान श्री कृष्ण जी ने अर्जुन के पुत्र अभिमन्यु की रक्षा क्यों नहीं की थी, आखिर क्या कारण था कि भगवान कृष्ण जी ने अभिमन्यु को नहीं बचाया था? भगवान कृष्ण जी धर्म की रक्षा करने वाले माने माने गए हैं परंतु इसके बावजूद भी इन्होंने अभिमन्यु को नहीं बचाया था, अभिमन्यु की उम्र कम होते हुए भी उन्होंने युद्ध में भाग लिया था और युद्ध के दौरान वह वीरगति को प्राप्त हो गए थे।
भगवान श्री कृष्ण ने अभिमन्यु की क्यों नहीं की थी रक्षा?
जब धरती पर पाप का बोझ बढ़ रहा था तब भगवान कृष्ण जी ने पृथ्वी पर जन्म लिया था, द्वापर युग में दुष्टजनों का विनाश करने के लिए भगवान विष्णु जी कृष्ण रूप में धरती पर आए थे, तब ब्रह्मा जी ने सभी देवताओं को श्री कृष्ण जी की मदद के लिए पृथ्वी लोक में जन्म लेने का आदेश दिया था, जब ब्रह्मा जी ने देवताओं को आदेश दिया तब सभी देवताओ ने ब्रह्मा जी की बात पर अमल किया था परंतु चंद्रमा ने अपने पुत्र वर्चा को पृथ्वी लोक में अवतार लेने की बात को इंकार कर दिया था, तब ब्रह्मा जी ने कहा था कि उनका पुत्र वर्चा पृथ्वीलोक पर अवतार नहीं लेगा परंतु सभी देवताओं का दबाव होने की वजह से धर्म की रक्षा के लिए उनको यह कदम उठाना पड़ा था, देवताओं के दबाव की वजह से चंद्रमा जी काफी विवश हो गए थे तब उन्होंने सभी देवताओं के समक्ष एक शर्त रखी थी।
देवताओं के समक्ष चंद्रमा ने यह शर्त रखी थी कि उनका पुत्र अधिक दिनों तक पृथ्वी लोक पर नहीं रहेगा और उनका पुत्र भगवान कृष्ण जी के मित्र अर्जुन के पुत्र के रूप यानी अभिमन्यु के रूप में जन्म लेगा और यह अर्जुन की अनुपस्थिति में स्वयं अकेला ही अपना पराक्रम दिखाएगा और वीरगति को प्राप्त होगा, जिसकी वजह से अभिमन्यु के पराक्रम की तीनों लोकों में गाथा रहेगी, तब देवता गण चंद्रमा की इस शर्त को मान गए और चंद्रमा के पुत्र ने अभिमन्यु के रूप में जन्म लिया था।
जैसा कि आप सभी लोग जानते हैं अभिमन्यु बहुत बड़े महारथी थे और यह अकेले ही महाभारत के चक्रव्यूह में घुस गए थे, महाभारत के चक्रव्यूह में घुसने के पश्चात इन्होंने अपना पराक्रम दिखाया था, अभिमन्यु एक बहुत ही शक्तिशाली और वीर योद्धा था, अभिमन्यु एक ऐसा शक्तिशाली योद्धा था जिसने अपनी मां के गर्भ में ही चक्रव्यूह तोड़ना सीख लिया था परंतु महाभारत के युद्ध के दौरान अभिमन्यु वीरगति को प्राप्त हो गया था, अभिमन्यु के इसी पराक्रम और शक्ति की वजह से आज भी लोग इसको जानते हैं, अभिमन्यु छोटी सी उम्र में ही वीरगति को प्राप्त हो गए थे, यही कारण था की चंद्रमा की शर्त की वजह से ही भगवान कृष्ण जी ने अभिमन्यु की रक्षा नहीं की थी।