90% लोग नहीं जानते कि कब दही खाना ‘जहर’ बन जाता है
क्या आपको रात में दही खाना चाहिए?
दही का सेवन करते समय रखें इन बातों का ध्यान |
दही हमारे लिए बहुत ही फायदेमंद होती है| दही का नियमित उपयोग लगभग प्रत्येक घर में होता है. दही हमारे खाने का स्वाद तो बढ़ाता हीं है, दही में प्रोटीन, कैल्शियम, राइबोफ्लेविन, लैक्टोज, आयरन, फास्फोरस, विटामिन B6 और विटामिन B12 इत्यादि पाए जाते हैं. Curd is very beneficial, Yogurt,
अक्सर लोगों के मन में यह दुविधा रहती है कि दही किस मौसम में खाएं, कब खाएं और किस रोग में न खाएं। आयुर्वेद की चरक संहिता में दही के लिए दधी: कल्पतरू लिखा गया है यानी दही खाना कल्पतरू के समान है जिससे शरीर के सारे रोग नष्ट हो जाते हैं। दही खाते समय इन बातों का ध्यान रखें।
दही कब नहीं खानी चाहिए
— बासी या खट्टा Dahi नहीं खाना चाहिए।
— रात के समय Dahi या छाछ नहीं लेने चाहिए।
— मांसाहार के साथ Dahi नहीं खाना चाहिए।
— कब्ज हो तो Dahi के स्थान पर छाछ का प्रयोग करना चाहिए।
— सर्दी , जुकाम ,खांसी , कफ हो तो Dahi ना खाये।
— दमा या साँस की समस्या हो तो Dahi सावधानी पूर्वक खाये।
— त्वचा रोग की स्थिति में Dahi डॉक्टर से पूछ कर ही उपयोग में लें।
— शरीर में कही भी सूजन हो तो Dahi ना खाये वर्ना सूजन बढ़ सकती है।
— दहि को गरम करके नहीं खाना चाहिए।
— बसंत ऋतू में दहि का सेवन नहीं करना चाहिए।
इस मौसम में खाएं
आयुर्वेद विशेषज्ञ वैद्य पदम जैन के अनुसार हालांकि आम धारणा बारिश के मौसम में दही को नहीं खाने की है लेकिन 16वीं शताब्दी के वनौषधि ग्रंथ भावप्रकाश में दही को बारिश और गर्मी में खाना उपयोगी बताया गया है। सर्दी में खाने की मनाही है। दही ठंडा व भारी होता है इसलिए शीत ऋतु में खाने से मांसपेशियों व नसों में रुकावट आकर नर्व सिस्टम व चेतना कमजोर होने लगती है जिससे व्यक्ति में थकान, निद्रा और आलस जैसे लक्षण होने लगते हैं।
डिनर में न लें
आयुर्वेद विशेषज्ञ डॉ. रमाकांत शर्मा के अनुसार दोपहर में 2-3 बजे से पहले दही खाना लाभकारी है। डिनर में लेने से यह फेफड़ों में संक्रमण, खांसी-जुकाम के अलावा जोड़ों की तकलीफ बढ़ाता है।
इन रोगों में लाभकारी
इसे खाली पेट सुबह के समय खाने से अल्सर, एसिडिटी, हाथ-पैरों के दर्द, नेत्र जलन व आंतों के रोगों में आराम मिलता है। एक समय में 250 ग्राम दही खाया जा सकता है।
ऐसे करें प्रयोग
जिन्हें शरीर में कमजोरी, वजन न बढऩे, अपच या भूख न लगने की समस्या हो उन्हें भोजन के बाद एक कटोरी मीठा दही खाना चाहिए। दही को दूध व दूध से बनी चीजों के साथ न खाएं वर्ना अपच की समस्या हो सकती है।