जब आत्महत्या के लिए गंगा में कूद गए थे कैलाश खेर, संघर्ष के दिनों को याद कर छलका दर्द
हिंदी सिनेमा के जाने-माने सिंगर कैलाश खेर को भला कौन नहीं जानता। कैलाश खेर ने एक से बढ़कर एक गानों को अपनी आवाज दी है और गायकी की दुनिया में बड़ा मुकाम हासिल किया। वर्तमान में कैलाश खेर जिस मुकाम पर है वहां पहुंचना हर किसी का सपना होता है।
हालांकि यहां तक पहुंचने के लिए कैलाश खेर ने अपने जीवन में कई संघर्ष का सामना किया। उन्होंने कई असफलता देखी तब जाकर उन्हें सफलता मिली है। कैलाश खेर ने खुलासा किया था कि उनकी जिंदगी में ऐसा भी दौरा गया था जब वह आत्महत्या करने के लिए गंगा में कूद गए थे। आइए जानते हैं कैलाश खेर से जुड़ा ये मामला क्या है?
गंगा में कूद गए थे कैलाश खेर
दरअसल, हाल ही में हुए इंटरव्यू के दौरान कैलाश खेर ने मीडिया से बातचीत करते हुए बताया कि, उन्होंने भी सुसाइड की कोशिश की थी। कैलाश खेर ने अपने बयान में कहा कि, “मैंने जिंदा रहने के लिए कई अजीब काम किए थे। मैं 20 या 21 साल का था जब मैंने दिल्ली में निर्यात कारोबार करना शुरू किया। मैं जर्मनी में हैंडीक्राफ्ट बेचता था। दुर्भाग्य से अचानक वह व्यवसाय चौपट हो गया।
व्यवसाय में कई समस्याओं का सामना करने के बाद मैं ‘पंडित’ बनने के लिए ऋषिकेश चला गया। हालांकि, मुझे लगता था कि मैं वहां एक सही नहीं था क्योंकि मेरे साथी मुझसे छोटे थे और मेरे विचार कभी भी उनसे मेल नहीं खाते थे। मैं निराश था क्योंकि मैं हर चीज में असफल हो रहा था..इसलिए एक दिन मैंने गंगा नदी में कूदकर आत्महत्या करने की कोशिश की।”
आगे सिंगर ने कहा कि, “लेकिन घाट पर एक आदमी ने तुरंत गंगा में छलांग लगा दी और मुझे बचा लिया। उन्होंने पूछा, ‘तैरना नहीं आता तो क्यों कूदे?’ मैंने जवाब दिया, ‘मरने (मरने के लिए)’…और मेरी आत्महत्या की बात जानने के बाद उन्होंने मेरे सिर पर जोर से मारा। इस घटना के बाद अगले दिन खुद को अपने कमरे में बंद कर लिया और मैं अस्तित्व के बारे में सोचते रहा और कठिन दौर के दौरान भगवान से बात करने की कोशिश की।”
इन गानों को कैलाश खेर ने दी आवाज
इसके अलावा कैलाश खेर ने बताया कि, “जब मैं बॉम्बे आया था तब मैं 30 साल का था और तब तक जीवन को जानता था। लेकिन मैं अपने 20 के दशक में था जब मुझे कई अन्य प्रयासों में असफलता मिली और फिर डिप्रेशन से जूझ रहा था। मैंने आत्महत्या का भी प्रयास किया। मुझे विश्वास है कि यह मां गंगा ही होगी जो मुझे दूर धकेल रही हैं और मुझे पिता समुद्र की ओर भेज रही हैं। तो मैं समुद्र के किनारे – बंबई में उतरा।
इस तरह के आत्मघाती विचारों से बाहर निकलने का रास्ता तब आया जब मैंने यह सोचना बंद कर दिया कि मैं बेकार हूं या उपयोगी और अपने काम पर केंद्रित हूं।”
गौरतलब है कि, वर्तमान में कैलाश खेर किसी पहचान के मोहताज नहीं है। दुनिया उनके गानें की दीवानी है। बता दे कैलाश खेर ने अपने करियर में ‘सैयां’, ‘तेरी दीवानी’, ‘चांद सिफारिश’ और ‘अल्लाह के बंदे’ जैसे कई सुपरहिट गाने गाए हैं।