मामा जबरन कर रहे थे दोगुनी उम्र के आदमी से शादी, बच्ची ने ऐसे सिखाया सबक, हाथोंहाथ रुकवाई शादी
शादी एक ऐसी चीज है जिसे हर कोई करता है। लेकिन इसके भी कुछ नियम कायदे होते हैं। पहली बात तो शादी हमेशा लड़का या लड़की की मर्जी से ही होना चाहिए। दूसरी बात ये कि भारत सरकार ने शादी की न्यूनतम आयु तय कर रखी है। शादी के लिए लड़की की उम्र कम से कम 18 वर्ष जबकि लड़के की 21 साल होना चाहिए। इससे कम उम्र में हुई शादी बाल विवाह की श्रेणी में आती है जो कि कानूनन अपराध है।
बाल विवाह से पहले भागी लड़की
बाल विवाह गैर कानूनी होने के बावजूद लोग इसे करते रहते हैं। अब मध्य प्रदेश के इंदौर शहर का ये मामला ही ले लीजिए। यहां एक नाबालिग लड़की की उससे दोगुनी उम्र के आदमी से शादी होने जा रही थी। लेकिन लड़की हल्दी रस्म होने से पहले ही बुधवार (25 मई) भाग गई। इसके बाद लड़की ने समझदारी दिखाई और इस घटना की सूचना स्थानीय प्रशासन को दी।
लड़की ने बताया कि उसके मामा उसकी शादी दुगुनी उम्र के आदमी से करने जा रहे थे। लड़की की उम्र 15 वर्ष है। वहीं जिस शख्स से उसकी शादी होने जा रही थी वह 30 साल का है। बताया जा रहा है कि लड़की के पिता इस दुनिया में नहीं है। उसकी मां ने दूसरी शादी कर ली है। वह अपने दूसरे पति संग अलग रहती है। लड़की अपने मामा के साथ रहती थी, जो उसकी कम उम्र में जबरन शादी करवा रहा था।
वर पक्ष बोला- हमे लड़की की गलत उम्र बताई
इस मामले पर बाल महिला और बाल विकास विभाग ने दखलंदाजी की है। इसके प्रभारी महेंद्र पाठक ने बताया कि हमने पीड़ित लड़की के मामा को कानूनी कार्रवाई की चेतावनी दी है। अब लड़की का बाल विवाह रुक गया है। बालिका वधू बनते-बनते बची लड़की को इंदौर के ही एक आश्रय स्थल शिफ्ट किया गया है। बातचीत कर उसकी कॉउन्सलिंग भी की गई है।
प्रभारी महेंद्र पाठक ने ये भी बताया कि वर पक्ष का कहना है कि उन्हें लड़की के नाबालिग होने की जानकारी नहीं थी। लड़की के मामा ने उन्हें लड़की की उम्र 21 वर्ष बताई थी। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के अंतर्गत दोषी पक्ष को दो साल की जेल या एक लाख रुपए का जुर्माना या दोनों सजाएं मिलती है।
यदि आप अपने आसपास कोई बाल विवाह होते देखें तो तुरंत इसकी सूचना पुलिस को दें। आपका एक फोन कॉल भी किसी लड़की की जिंदगी तबाह होने से बचा सकता है।