अध्यात्म

माता रानी के इस मंदिर में सच्चे मन से डोरी बांधने वाले भक्तों की हर मनोकामनाएं होती है पूरी

ऐसा बताया जाता है कि माता हमेशा अपने बच्चों की पुकार सुनकर दौड़ी चली आती है, हमारे देश में ऐसे बहुत से माता रानी के मंदिर मौजूद है जिन मंदिरों से लोगों का अटूट विश्वास जुड़ा हुआ है, माता रानी के इन मंदिर और शक्तिपीठों में रोजाना भक्तों की भारी भीड़ लगी रहती है, लेकिन नवरात्रों के दिनों में इन मंदिरों के अंदर कुछ ज्यादा ही भीड़ देखने को मिलती है, ऐसा बताया जाता है कि इन मंदिरों में अगर जो भक्त अपने सच्चे मन से माता रानी से अपनी मनोकामना मांगता है वह मनोकामना अवश्य पूरी होती है, वैसे देखा जाए तो हमारे भारतवर्ष में ऐसे बहुत से माता के मंदिर है जो अपनी किसी ना किसी खासियत के लिए दुनिया भर में प्रसिद्ध है, अगर आप भी अपनी मनोकामनाएं पूरी करना चाहते हैं तो आज हम आपको एक ऐसे मंदिर के बारे में जानकारी देने वाले हैं जहां पर नवरात्रि के दिनों में दर्शन करने वाले भक्तों की मनोकामनाएं अवश्य पूरी होती है।

हम आपको जिस मंदिर के बारे में जानकारी दे रहे हैं यह माता रानी का मंदिर हरिद्वार में स्थित है, इस मंदिर को मनसा देवी मंदिर के नाम से जाना जाता है, इस मंदिर में एक पेड़ है जो सभी भक्तों की मनोकामनाएं पूरी करने की शक्ति रखता है, शायद आप लोगों में से बहुत से लोग ऐसे होंगे जो इस जानकारी को सुनने के बाद सोच में पड़ गए होंगे परंतु जो जानकारी हम आपको दे रहे हैं यह बिल्कुल सत्य है, इस मंदिर के अंदर एक पेड़ मौजूद है जिसके बारे में ऐसा माना जाता है कि अगर नवरात्रि के दिनों में अपने सच्चे मन से इस पेड़ पर डोरी बांध दी जाए तो भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती है, इस मंदिर के अंदर मौजूद स्नोही वृक्ष पर डोरी बांधने की परंपरा काफी पुरानी है, काफी पुराने समय से यहां पर डोरी बाँधी जाती है।

मनसा देवी मंदिर श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र बना हुआ है, यह मंदिर हरिद्वार में शिवालिक पर्वत श्रृंखलाओं के शिखर पर स्थित है, जब चैत्र या शारदीय नवरात्रि आते हैं तब माता मनसा देवी की विशेष पूजा अर्चना होती है, इस मंदिर के अंदर रोजाना भक्तों की भारी भीड़ लगी रहती है और सभी भक्त माता रानी का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं, इस मंदिर का उल्लेख स्कंद पुराण में भी किया गया है।

अगर हम पौराणिक शास्त्रों के अनुसार देखे तो ऐसा उल्लेख मिलता है कि महिषासुर नामक राक्षस ने देवताओं को पराजित कर दिया था, जिसके पश्चात देवताओं ने देवी माता का स्मरण किया था और देवताओं ने महिषासुर राक्षस का नाश करने की प्रार्थना की थी, जब देवताओं ने माता का स्मरण किया तो माता रानी प्रकट हुई थी और महिषासुर का नाश किया था और उन्होंने यह कहा था कि मैं इसी तरह कलयुग में भी अपने भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी करूंगी, सच मायने में देखा जाए तो मनसा देवी माता का यह मंदिर भक्तों की आस्था का विशेष केंद्र बना हुआ है, रोजाना इस मंदिर के अंदर लाखों की तादात में भक्त माता रानी की कृपा प्राप्त करने के लिए आते हैं और उनके चेहरे पर खुशियां साफ-साफ झलकती है।

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