पहले बीमार पिता की इच्छा पूरी करने के लिए बनी डॉक्टर। फिर अचानक छोड़ दी डॉक्टरी। देश की सेवा का जुनून दिल में लिए की यूपीएससी की तैयारी। दो महीने की तैयारी में ही निकाल दी यूपीएससी प्रीलिम्स। जीतोड़ मेहनत कर बनी थी आईएएस। लेकिन फिर छोड़ दी आईएएस की सरकारी नौकरी। बन गई टीचर। वजह जान रह जाएंगे दंग।
यूपीएससी की परीक्षा देश की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक होती है। इसे क्रैक करने और आईएएस जैसा respectable पद पाने का सपना हर साल लाखों लोग देखते हैं। लेकिन ये सपना सिर्फ कुछ गिने चुने लोगों का ही पूरा होता है। लेकिन क्या होगा जब कोई कड़ी मेहनत कर आईएएस बन जाए, और फिर इस रुतबे वाले पद को अपनी स्वेच्छा से त्याग दे? यकीनन एक सरकारी नौकरी और आईएएस जैसा सम्मानीय पद कोई नहीं छोड़ना चाहेगा। लेकिन आज हम आपको देश की एक ऐसी पॉपुलर आईएएस अधिकारी से मिलाने जा रहे हैं जिन्होंने टीचर बनने के लिए आईएएस की अच्छी खासी नौकरी छोड़ दी। इस एक्स आईएएस अधिकारी का नाम है डॉ तनु जैन। अब उन्होंने ऐसा क्यों किया? और उनकी लाइफ की जर्नी कितनी उतार चढ़ाव से भरी रही। ये जानने के लिए वीडियो के अंत तक बने रहिए। क्योंकि आज का हमारा ये वीडियो आपको लाइफ में कुछ अलग और बड़ा करने की प्रेरणा देगा।
तनु जैन सोशल मीडिया पर एक लोकप्रिय आईएएस अधिकारी हैं। वह यूपीएससी के उम्मीदवारों को यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा को क्रैक करने में मदद करने के लिए मोटीवेशनल स्पीच भी देती हैं। आईएएस अधिकारी तनु जैन अपने साक्षात्कार लेने के कौशल के लिए जानी जाती हैं। वह वर्तमान में डीआरडीओ में सहायक निदेशक के रूप में कार्यरत हैं और दृष्टि आईएएस कोचिंग में मॉक इंटरव्यू लेती हैं। उनके मॉक इंटरव्यू के वीडियो और रील्स सोशल मीडिया पर बड़े वायरल होते हैं। यूपीएससी अभ्यर्थियों को गाइड करने के लिए तनु जैन Tathastuics नाम का अपना यूट्यूब चैनल भी चलाती हैं।
तनु की आईएएस से टीचर और यूट्यूबर बनने तक क सफर काफी रोचक है। डाक्टर तनु जैन का जन्म दिल्ली के सदर बाजार में 17 जुलाई 1986 एक सामान्य परिवार में हुआ था। इनकी पिताजी एक बिजनेसमैन है तो मां हाउसवाइफ हैं। तनु जैन ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा दिल्ली के कैंब्रिज श्रीनिवासपुरी स्कूल से प्राप्त की 12वीं कक्षा में इन्होंने 94% बनाए थे और यह बचपन से ही डॉक्टर बनना चाहती थी। 12वीं के बाद इन्होंने डॉक्टर की पढ़ाई के लिए Neet की परीक्षा दी जब इन्होंने Neet की परीक्षा दी थी।
तभी इनके पिताजी का बहुत बुरी तरीके से एक्सीडेंट हो गया था जिसमें उन्हें काफी गंभीर चोट आई थी। जिसके कारण इनके पिताजी को डॉक्टर ने 2 साल बेड रेस्ट की सलाह दी। यह तनु की लाइफ का सबसे बुरा दौर था। उन्हें लगा मानो सब कुछ खत्म हो गया हो। अब वह कुछ नहीं कर पाएंगी। उनका आत्मविश्वास पूरी तरह कैसे टूट चुका था। लेकिन उनके पापा ने उनका आत्मविश्वास फिर से जगाया और उन्हें यह भरोसा दिलाया कि वह डॉक्टर बन सकती हैं उन्हें आगे पढ़ाई करनी चाहिए। पिता से मिले प्रोत्साहन के बाद वह हिम्मत जुटा अपने लक्ष्य की और बड़ी। उन्होंने भारतीय सुभारती मेडिकल कॉलेज मेरठ मैं एडमिशन लिया इस कॉलेज से इन्होंने बैचलर ऑफ डेंटल BDS सर्जरी की डिग्री प्राप्त की।
लेकिन उन्हें समझ में नहीं आता था कि वह कैसे लोगों के बीच रहकर उनकी सेवा कर सकती है। उन्होंने डॉक्टर की पढ़ाई इसीलिए की थी। ताकि वह लोगों की सेवा कर सके परंतु जिस प्रकार से वह सेवा करना चाहती थी डॉक्टर की डिग्री प्राप्त करने के बाद भी वह लोगों के लिए वह सब नहीं कर पा रही थी।
इसीलिए उन्होंने डॉक्टर की जॉब छोड़ यूपीएससी की तैयारी शुरू कर दी। और मात्र 2 महीने की पढ़ाई कर 2012 में यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा का पहला पेपर प्रीलिम्स क्लियर कर लिया। लेकिन वह आगे के चरणों में यानी कि मेंस और इंटरव्यू में सफल नहीं हो सकी।
पहले प्रयास में असफलता मिलने के बाद तनु ने हार नहीं मानी। वे प्रयास करती रहीं। और सेकंड अटेंप दिया। इसमें उन्होंने प्रीलिम्स के साथ- साथ मेंस भी निकाल लिया। लेकिन वे इंटरव्यू राउन्ड में सफल नहीं हो सकी। फिर उन्होंने तीसरा प्रयास किया और इस बार तीनों चरणों में सफलता हासिल कर यूपीएससी एग्जाम में 648 रैंक हासिल की।
करीब साढ़े सात साल तक आईएएस की जॉब करने के बाद उन्होंने ये नौकरी छोड़ दी। दरअसल IAS ऑफिसर बनने के बाद उन्होंने अपने कई सोशल वर्क किए। मोटीवेशनल स्पीच के सेमीनार दिए और कुछ किताबें भी लिखी।
लोग अक्सर डॉ. तनु जैन से यह सवाल पूछ लेते हैं कि उन्होंने सिविल सर्विसेस की नौकरी क्यों छोड़ी? इस पर वह कहती हैं कि सर्विस के दौरान उन्होंने यूपीएससी सिविल सर्विसेस एग्जाम के कई मॉक इंटरव्यू लिए। कई जगहों पर पढ़ाया भी। पढ़ाते पढ़ाते उन्होंने अपने भीतर की टीचिंग वाली खूबी को जाना। उन्होंने बताया मेरी सिविल सर्विसेज की जॉब में कोई दिक्कत नहीं थी। सब बढ़िया चल रहा था। मैंने सरकार में साढ़े सात साल तक काम किया। लेकिन पढ़ाने के दौरान मुझे महसूस हुआ कि मेरे अंदर टीचर वाली खासियत है। मुझे अपने अंदर टीचिंग के प्रति जुनून दिखा।
तनु ने आगे बताया कि मुझे यूपीएससी की तैयारी वाली चीजों में कुछ समस्या दिखी। मैंने भी यूपीएससी की तैयारी के दौरान काफी संघर्ष किया है। मैं भी कैंडिडेट रही हूं। तो मैं जानती हूं कि कहां चूक हो रही है। तो मैंने सोचा कि जिंदगी ने मुझे मौका दिया है कि मैं किसी को सही कर सकूं। मेरे पति पहले ही सिविल सर्विसेज में हैं, इसलिए मैं ये रिस्क ले सकती थी। तो बस यही सब सोचकर एक नई पहल करने का फैसला लिया।
बता दें कि तनु ने कुछ महीने पहले ही दिल्ली में तथास्तु नाम से एक IAS कोचिंग सेंटर खोला है। डॉ. तनु जैन सोशल मीडिया पर भी काफी एक्टिव हैं और फेमस भी हैं। खासकर उनके आईएएस बनने के मॉक इंटरव्यू के विडीयोज और रील्स लोगों को सबसे ज्यादा पसंद आते हैं। बात दें कि तनु के पति वात्सल्य कुमार भी एक आईएएस ऑफिसर हैं।
वैसे आपके अनुसार तनु ने आईएएस की नौकरी छोड़ टीचिंग प्रोफेशन ज्वाइन कर सही किया या गलत? हमें कमेन्ट कर जरूर बताएं।