अध्यात्म

बिना तोड़-फोड़ के भी सुधार सकते हैं घर का खराब वास्तु, बस यहां बना ले ओम, स्वास्तिक और त्रिसूल

जब भी कोई घर बनाया या ख़रीदा जाता हैं तो उसके वास्तु पर विशेष ध्यान दिया जाता हैं. ऐसा कहा जाता हैं कि घर में यदि सभी चीजें वास्तु के अनुरूप होती हैं तो सब कुछ अच्छा होता हैं और घर में सकारात्मकता आती हैं. इसके विपरीत यदि घर वास्तु के हिसाब से नहीं बना हैं तो वास्तु दोष उत्पन्न होता हैं जो घर में दरिद्रता, खराब स्वास्थ्य और दुर्भाग्य लाता हैं. अब समस्यां ये हैं कि कई बार स्थिति ऐसी रहती हैं कि हम घर के वास्तु पर ध्यान नहीं दे पाते हैं. ऐसे में उसे सुधारने बैठे तो घर में काफी तोड़ फोड़ करनी पड़ सकती हैं. ये तोड़फोड़ आपके जेब पर भी भारी पड़ जाएगी. ऐसे में आपको टेंशन लेने की जरूरत नहीं हैं क्योंकि हम आपको एक ऐसा उपाय बताने जा रहे हैं जिसकी सहायता से आप बिना घर में कोई तोड़ फोड़ किये भी ख़राब वास्तु को सुधार सकते हैं.

मुख्य द्वार के लिए

आपके घर का मुख्य द्वार यदि उत्तर-पश्चिम कोण में बना हैं तो आप दरवाजे की दोनों तरफ ओम, स्वास्तिक और त्रिशूल लगा दे. इसके साथ ही दरवाजे के बाहर पिरामिड लगा दे. ऐसा करने से गलत दिशा में मुख्य द्वार होने से उत्पन्न वास्तु दोष समाप्त हो जाएगा.

किचन के लिए

घर का किचन यदि उत्तर पूर्व दिशा में बना हैं तो किचन के बाहर या ऊपर 18 बाय 18 का एक आईना लगा दे. अप चाहे तो उत्तर पूर्व कोण में पिरामिड भी रख सकते हैं. इससे किचन का वास्तु दोष समाप्त हो जाएगा.

टॉयलेट और बाथरूम के लिए

उत्तर पूर्व दिशा भगवान का स्थान होने के कारण इस दिशा में टॉयलेट कभी नहीं होना चाहिए. लेकिन यदि आपके घर ऐसा हैं तो उसके अंदर एक कटोरी में समुद्री नमक डाल रख दे. इसे आप हर 20 दिन में बदलते रहे. साथ ही टॉयलेट की बड़ी दिवार पर एक आईना लगा दे.

प्रवेश द्वार के लिए

आपका प्रवेश द्वार यदि दक्षिण-पश्चिम या दक्षिण-पूर्वदिशा में हैं तो उसके दोनों तरफ ओम, पिरामिड एवं स्वास्तिक लगाए. ये नहीं करना तो पांच – सात छड़ी वाला विंड चाइम भी टांग सकते हैं.

पेड़ के लिए

घर के आसपास नैर्ऋत्‍य कोण या आग्‍नेय कोण में कोई पेड़ नहीं होना चाहिए. इस स्थिति में आपको रोजाना शाम को उसके पास आटे का बना दीपक या अगरबत्ती लगाना चाहिए.

टूटी फूटी जगह के लिए

घर के उत्तर पूर्व हिस्से में दरवाजा, दीवार या कोई भी चीज टूटी हुई नहीं होना चाहिए. यदि ऐसा हैं तो वहां एक बड़ा सा आइना लगा दे.

जल स्त्रोत के लिए

आग्‍नेय कोण में यदि कोई जल स्त्रोत जैसे कुआ या बोरिंग इत्यादि हैं तो इससे उत्पन्न वास्तु दोष से आपके घर की महिला या बच्चे को शारीरिक तकलीफ हो सकती हैं. ऐसा रोकने के लिए उस जल स्त्रोत के पास फिटकरी का एक टुकड़ा रखे.

तो दोस्तों हमें उम्मीद हैं कि आपको ये टिप्स पसंद आई होगी. इसे आप दूसरों के साथ भी शेयर करे ताकि वे भी अपने घर को बिना तोड़े फोड़े ही खराब वास्तु सुधार सके. इस तरह उनके भी मरम्मत के पैसे बच जाएंगे.

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