विदेशी मीडिया ने नवाजुद्दीन को कहा सुंदर तो छलक पड़ा दर्द, मेरे देश में किसी ने नहीं कहा सुंदर
मुंबई: बॉलीवुड अभिनेता नवाजुद्दीन सिद्दीक़ी के बारे में किसी को बताने की ज़रूरत नहीं है। इनकी गिनती बॉलीवुड के उन अभिनेताओं में की जाती है, जिन्होंने बॉलीवुड में अपनी जगह अपने प्रतिभा के दम पर बनाई है। बॉलीवुड इंडस्ट्री की सच्चाई हर किसी को पता है। यहाँ लोगों को ऊँचे पहचान की वजह से ज़्यादा काम मिलता है। ऐसे में एक छोटे शहर के अभिनेता का बॉलीवुड में अपने लिए यह स्थान बनाना एक बड़ी बात है। जिस तरह से नवाजुद्दीन सिद्दीक़ी ने बॉलीवुड में शुरुआत की थी, किसी को नहीं लगा था कि ये एक दिन इस मुक़ाम तक पहुँच जाएँगे।
छलक पड़ा नवाजुद्दीन का दर्द:
एक इंटरव्यू के दौरान नवाजुद्दीन सिद्दीक़ी ने फ़िल्मी दुनिया को लेकर कई बातें कहीं। नवाजुद्दीन ने यह भी कहा कि वो फ़िल्मी दुनिया के चकाचौंध की बिलकुल भी परवाह नहीं करते हैं। नवाजुद्दीन ने कहा कि, ‘मैं फ़िल्मी चकाचौंध के मायाजाल की परवाह नहीं करता। मैं यह नहीं कहूँगा की मैं पैसों की परवाह नहीं करता हूँ। पैसा बड़ी व्यवसायिक फ़िल्मों से ही आता है।’ आईएनएस के साथ एक इंटरव्यू में नवाजुद्दीन सिद्दीक़ी का दर्द छलक पड़ा।
मुझे कभी मेरे देश में नहीं बुलाया गया सुंदर:
आपकी जानकारी के लिए बता दें हाल ही में हॉलीवुड पत्रकारों ने नवाजुद्दीन को सुंदर कहा। मीडिया ने नवाजुद्दीन की तुलना इतालवी अभिनेता मर्सोलो मास्ट्रोइआनी से की। इसपर नवाज़ ने कहा कि, ‘अमेरिकन सिनेमा पर किताबें छापने वाले सर्वश्रेष्ठ प्रकाशनों में से एक ने मुझे सुंदर बताया। मैं इसकी इज़्ज़त करता हूँ। मुझे कभी मेरे देश में सुंदर नहीं बुलाया गया। ना ही लोगों द्वारा और ना ही मेरा काम पसंद करने वाले समीक्षकों द्वारा। इसलिए यह बहुत बड़ी बात है। रही बात मर्सोलो मास्ट्रोइआनी की तो वह बहुत बेहतरीन अभिनेता हैं। जब मैं उन्हें निर्देशक विक्टोरिया डी सिका की फ़िल्म में एक्टिंग करते देखता हूँ तो, मुझे आश्चर्य होता है कि अभिनय में इस स्तर की वास्तविकता भी हो सकती है।’
मैंने मंटो की तरह शांत रहने की कोशिश की है:
मंटो में अपने अभिनय के बारे में नवाजुद्दीन ने कहा, ‘मैंने सआदत हसन मंटो की तरह जितना सम्भव हो सका, उतना शांत और नियंत्रित रहने की कोशिश की। मंटो ने अपने जीवन में कभी ऊँची आवाज़ में बात नहीं की। इसके बाद भी उन्हें लोगों को अपनी बात बताने में कभी परेशानी नहीं हुई। हम जितनी ऊँची आवाज़ में बात करते हैं, अपनी पहचान खोने की, अपनी असुरक्षा की भावना को उजागर करते हैं। हम भारतीय भी ऊँची आवाज़ में बात करते हैं।’ नवाजुद्दीन ने बताया कि अपनी दोस्त तनिशा चटर्जी की फ़िल्म की शूटिंग के लिए मैं लगभग डेढ़ महीने रोम में था।
नवाज़ ने कहा कि, उस समय मैंने मार्सोलो मास्ट्रोइआनी को समर्पित संग्रहालय को देखा। जहाँ उनकी फ़िल्मों और कलाकृतियों को देखने और उनके जीवन के अनुभव को लेना बहुत अद्भुत था। अशोक कुमार और देव आनंद जैसे महान अभिनेताओं के संग्रहालय कहाँ हैं। नवाज़ ने अन्य अभिनेताओं की प्रशंसा के बारे में कहा कि, मैं अभिनेताओं की प्रशंसा नहीं करता, मैं प्रदर्शन की प्रशंसा करता हूँ। मैंने हॉंगकॉंग की फ़िल्म ‘इन द मूड फ़ॉर लव’ देखी और मैं टोनी लेउंग के अभिनय को देखकर स्तब्ध रह गया। नवाजुद्दीन ने कहा कि मुझे प्रस्तुति में अनिश्चितता पसंद है।