21 अगस्त हरतालिका तीज पर इस सरल विधि से करें शिव पूजा, अखंड सौभाग्य की होगी प्राप्ति
हरतालिका तीज को सबसे कठिन व्रत माना गया है। भाद्रपद मास शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को हरतालिका तीज का पर्व मनाया जाता है। इस वर्ष हरतालिका तीज 21 अगस्त 2020 को पड़ रहा है। महिलाएं इस दिन अखंड सौभाग्य की प्राप्ति के लिए निर्जला व्रत रखकर भगवान शिव जी और माता पार्वती जी की विधि-विधान पूर्वक पूजा करती हैं। ऐसा माना जाता है कि अगर हरतालिका तीज पर विधि विधान पूर्वक पूजा की जाए तो दांपत्य जीवन खुशहाल बना रहता है और पति पत्नी के बीच प्रेम संबंधों में मजबूती आती है।
देश के ज्यादातर हिस्सों में हरतालिका तीज पर सुहागिन महिलाएं और कुंवारी लड़कियां निर्जला व्रत रखती है। भगवान शिव और पार्वती जी की पूजा करके सुख-समृद्धि के लिए सुहागन महिलाएं प्रार्थना करती हैं। आज हम आपको हरितालिका तीज की पूजा विधि और कुछ जरूरी बातों के बारे में जानकारी देने वाले हैं। जिनका आप पालन करते हैं तो इससे भगवान शिव जी की कृपा दृष्टि आपके ऊपर बनी रहेगी।
हरतालिका तीज पूजा विधि | Hartalika Teej Puja Vidhi
- जो महिलाएं हरितालिका तीज का व्रत कर रही हैं, उनको सबसे पहले बालू रेत से भगवान गणेश, शिव और माता पार्वती जी की प्रतिमा बनानी होगी। इसके पश्चात आप इस प्रतिमा को एक चौकी के ऊपर स्थापित कर दीजिए।
- आप चौकी के ऊपर चावलों से एक अष्टदल कमल बनाकर उसके ऊपर कलश की स्थापना कीजिए।
- आप कलश की स्थापना चावल की ढेरी के ऊपर कीजिए, लेकिन आपको इससे पहले इस बात का ध्यान रखना होगा कि आप कलश में जल, अक्षत, सुपारी, सिक्का डालकर उसके ऊपर आम के पत्ते रखें।
- जब आप यह सभी कार्य कर लें तब उसके पश्चात आपको भगवान गणेश और माता पार्वती जी को कुमकुम का तिलक लगाना होगा। भगवान शिव जी को आप चंदन का तिलक लगाकर सफेद फूल अर्पित कीजिए। आप गणेश और पार्वती माता को फूल या माला अर्पित करें।
- हरतालिका तीज की पूजा के दौरान आप माता पार्वती को पीले चावल चढ़ाएं और भगवान शिव को सफेद चावल चढ़ाएं, इसके बाद आपको माता पार्वती को कलावा अर्पित करना होगा और भगवान गणेश और शिव जी को जनेऊ अर्पित कीजिए। आप माता पार्वती जी को श्रृंगार की वस्तुएं चढ़ाएं। हरितालिका तीज कथा पढ़ें और सुने। इसके पश्चात आपको आरती करनी होगी और भगवान को मिठाई का भोग लगाइए।
इन विशेष बातों पर नजर डालें
- अगर महिलाएं हरितालिका तीज का व्रत कर रही हैं तो उनको यह व्रत हर वर्ष रखना होगा। अगर आप किसी कारण से व्रत छोड़ना चाहती हैं तो आप उद्यापन के पश्चात आप व्रत किसी और को दे सकती हैं।
- शिव और माता पार्वती जी की विधि-विधान पूर्वक पूजा जरूर करें।
- इस दिन आप रात्रि के समय जागरण करें।
- हरतालिका तीज का व्रत करने वाली महिलाओं को इस बात का ध्यान रखना होगा कि माता पार्वती जी को श्रृंगार का सामान अर्पित करना आवश्यक है।
- आप भगवान शिव जी को धोती और अंगोछा अर्पित कीजिए। जब आप पूजा कर ले तब सुहाग की सामग्री किसी मंदिर के पुरोहित या निर्धन व्यक्ति को दान करें।
- शिव-पार्वती की पूजा करने के पश्चात आप प्रसाद बांट कर खुद भी ग्रहण करें।