ये है हनुमानजी का चमत्कारिक तीर्थ स्थल, जहां दर्शन से कष्ट हो जाते हैं दूर
महाबली हनुमान जी को भगवान शिव जी का 11 वां रुद्र अवतार माना जाता है, कलयुग में हनुमानजी एकमात्र ऐसे देवता है जो अपने भक्तों की पुकार अवश्य सुनते हैं, यह कलयुग के अजर-अमर देवता माने गए हैं, देशभर में हनुमान जी से जुड़े हुए बहुत से मंदिर मौजूद है, जिन मंदिरों में लोग अपने जीवन की परेशानियां लेकर हनुमान जी की शरण में जाते हैं, ऐसा बताया जाता है कि इन मंदिरों में जो भी भक्त अपनी दुख परेशानियां लेकर आता है उसको अपने सभी संकटों से हनुमानजी छुटकारा दिलाते हैं, आज हम आपको हनुमान जी के ऐसे चमत्कारिक तीर्थ स्थल के बारे में जानकारी देने वाले हैं जो बहुत ही खास माना गया है, ऐसा बताया जाता है कि यहां पर संकट मोचन हनुमान जी अभी भी वास करते हैं, इसी स्थान पर हनुमान जी को लंका दहन के बाद ताप से मुक्ति मिली थी।
हम आपको हनुमान जी के जिस तीर्थ स्थल के बारे में जानकारी देने जा रहे हैं यह हनुमान धारा मंदिर है, चित्रकूट में हनुमान जी का एक ऐसा मंदिर है जो भक्तों की आस्था का केंद्र बना हुआ है, हनुमान जी का यह मंदिर पर्वतमाला के मध्य भाग में स्थित है, पहाड़ के सहारे हनुमान जी की एक विशाल मूर्ति के ठीक सामने दो जलकुंड हमेशा जल से भरे रहते हैं और इनमें पानी निरंतर बहता रहता है, यह जलधारा हनुमान जी को स्पर्श करते हुए निरंतर बहता रहता है, इसी वजह से इस मंदिर को हनुमान धारा मंदिर कहा जाता है।
महाबली हनुमान जी के इस तीर्थ स्थल के बारे में ऐसा बताया जाता है कि जब महाबली हनुमान जी ने रावण की लंका में आग लगाई थी तब वह अपनी पूंछ की आग को बुझाने के लिए इसी स्थान पर आए थे, जिसको हनुमान धारा कहा जाता है, यह एक चमत्कारिक पवित्र और ठंडी जलधारा है, जो पर्वत से निकलकर हनुमान जी की मूर्ति की पूंछ को स्नान कराकर नीचे कुंड में चली जाती है, मान्यता अनुसार जब हनुमानजी ने अपनी पूंछ से आग लगाई थी तब उनकी पूंछ पर बहुत जलन हो रही थी तब महाबली हनुमान जी ने श्री राम जी से प्रार्थना की कि जिससे अपनी जली हुई पूंछ का इलाज हो सके, तब रामजी ने अपने बाण के प्रहार से इसी स्थान पर एक पवित्र धारा बनाई जो हनुमान जी की पूंछ पर गिरकर इनकी पूंछ के दर्द को कम किया।
यहां पर भगवान श्री राम जी का एक छोटा सा मंदिर भी मौजूद है, यहां पर हनुमान जी के दर्शन करने से पहले नीचे बने कुंड के पानी में भक्त हाथ मुंह धोते हैं, कुछ वर्षों पहले यहां पर पंचमुखी हनुमान जी प्रकट हुए थे, अगर आप यहां पर जाने का कभी प्लान बनाते हैं तो यहां पर सबसे निकटतम रेलवे स्टेशन चित्रकूट धाम कर्वी है, मंगलवार, शनिवार के अलावा हनुमान जयंती और नवरात्रों में यहां पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ लगी रहती है, वैसे तो इस मंदिर में हफ्ते में सातों दिन भक्तों के लिए हनुमान धारा मंदिर खुला रहता है, जहां पर हनुमान भक्त इनकी विधि विधान पूर्वक पूजा अर्चना करते हैं, ऐसा बताया जाता है कि यहां पर स्थित कुंड के जल का सेवन करने से भक्तों के समस्त कष्ट और परेशानियां दूर हो जाती हैं, हनुमान धारा मंदिर के आस-पास बहुत से दर्शनीय स्थल है।