बॉलीवुड

जूस की दूकान से शुरू हुआ था गुलशन कुमार का करियर, फिर यूं बने थे संगीत के बादशाह

भजन सम्राट के नाम से मशहूर गुलशन कुमार आज किसी पहचान के मोहताज नहीं है। वह बॉलीवुड इंडस्ट्री के एक ऐसे कलाकार थे जिन्होंने अपनी मेहनत के बलबूते पर स्टारडम हासिल किया था। यूं तो गुलशन कुमार अब हमारे बीच नहीं है लेकिन उनके भजन आज भी दर्शकों के जुबान पर है। वही उनकी कंपनी t-series आज भी सफलता की सीढिया चढ़ रही है। बता दे आज 5 मई को गुलशन कुमार की बर्थ एनिवर्सरी है। ऐसे में हम आपको बताने जा रहे हैं उनके जीवन से जुड़ी कुछ अनसुनी बातें..

gulshan kumar

कैसेट किंग कहे जाते थे गुलशन कुमार

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बता दें, गुलशन कुमार का जन्म 5 मई को एक पंजाबी परिवार में हुआ। उन्होंने दिल्ली के कॉलेज से ग्रेजुएशन किया। बता दे उनके पिता चंद्रभान एक जूस की दुकान पर काम करते थे जहां गुलशन भी उनकी मदद किया करते थे। लेकिन इसके बाद उनके पिता ने सस्ती कैसेट्स और गाने रिकॉर्ड कर बेचने शुरू कर दिए और यहीं से गुलशन कुमार के करियर की शुरुआत हुई।

टी सीरीज है भारत की सबसे बड़ी संगीत कंपनी

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बता दें, इसके बाद गुलशन कुमार ने सुपर कैसेट इंडस्ट्रीज लिमिटेड कंपनी बनाई जो आगे चलकर भारत में सबसे बड़ी संगीत कंपनी के नाम से मशहूर हुई और उसके बाद गुलशन कुमार को ‘कैसेट किंग’ भी कहा जाने लगा। इसके बाद उन्होंने दिल्ली के नोएडा में प्रोडक्शन कंपनी खोली और धीरे-धीरे ये पॉपुलर हो गई। इसके बाद वह मुंबई आ पहुंचे जहां उन्होंने करीब 15 से ज्यादा फिल्में प्रोड्यूस की। बता दे उन्होंने साल 1989 में रिलीज हुई फिल्म ‘लाल दुपट्टा मलमल’ अपने करियर की शुरुआत की थ,  लेकिन उन्हें सबसे ज्यादा सफलता हासिल हुई साल 1990 में रिलीज फिल्म ‘आशिकी’ से।

गुलशन कुमार थे भारत के सबसे ज्यादा टैक्स देने वाले शख्स

बता दें, महज 10 साल में ही गुलशन कुमार टी सीरीज के बिजनेस को 350 मिलियन तक पहुंचाने में कामयाब रहे थे। इतना ही नहीं बल्कि उन्होंने अपने करियर में कुमार सानू, अनुराधा पौडवाल, सोनू निगम जैसे मशहूर सिंगर को लांच किया। इसके बाद साल 1992 में वह भारत के सबसे ज्यादा टैक्स देने वाले कलाकार बन गए थे।

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गुलशन कुमार ने जितनी दौलत कमाई थी उसे ज्यादा वह अपने पैसे को समाज सेवा में लगाते थे। इसके अलावा मां माता वैष्णो देवी के बहुत बड़े भक्त थे। ऐसे में उन्होंने कई भंडारे करवाएं और जो उनके नाम से आज भी संचालित होते हैं। वह भंडारे में तीर्थयात्रियों के लिए निशुल्क भोजन उपलब्ध कराते थे। इसी सफलता के साथ-साथ गुलशन कुमार के दुश्मन भी बन गए। ऐसे में 12 अगस्त साल 1997 को कुछ बदमाशों ने उनकी गोली मारकर हत्या कर दी।

अंडरवर्ल्ड से मौल ली थी दुश्मनी

कहा जाता है कि एक बार अबू सलीम ने गुलशन कुमार से हर महीने 50 लाख रुपए देने की मांग की थी, लेकिन इसके लिए गुलशन कुमार ने इंकार कर दिया था और उन्होंने कहा था कि, वह इतने पैसों का वैष्णो देवी के मंदिर में भंडारा करवाएंगे। कहा जाता है कि इसी के बाद वह अंडरवर्ल्ड के निशाने पर आ गए थे। ऐसे में फिर 12 अगस्त के दिन वह मंदिर में आरती करने पहुंचे जहां पर दो अज्ञात लोगों ने उन पर करीब 16 बुलेट की फायरिंग कर दी। इतना ही नहीं बल्कि गुलशन कुमार के ड्राइवर को भी छलनी कर दिया गया था। इसके बाद तुरंत गुलशन कुमार को अस्पताल ले जाया गया लेकिन रास्ते में ही उन्होंने दम तोड़ दिया।

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बेटे भूषण कुमार सँभालते हैं टी सीरीज की कमान

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बता दें, गुलशन कुमार की स्थापित की गई कंपनी आज बॉलीवुड इंडस्ट्री की सबसे बड़ी कंपनी है और उनके बैनर तले कई गायकों को लॉन्च भी कर दिया गया है। वर्तमान में उनकी कंपनी बेटा भूषण कुमार और बेटी तुलसी कुमार संभाल रही है। रिपोर्ट की मानें तो टी सीरीज का बिजनेस करीब 24 देशों के साथ-साथ 6 महाद्वीप में भी फैला हुआ है।

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