संन्यास के लिए छोड़ा करोड़ों का बिजनेस, माता-पिता और बेटे के साथ भतीजा भी लेने जा रहा दीक्षा
आज की भागती दौड़ती जीवनशैली में हर कोई पद, प्रतिष्ठा, मान-सम्मान और पैसे के पीछे भागता है. लोग सबसे अधिक प्राथमिकता पैसे को देते है. हर कोई ज्यादा से ज्यादा पैसे कमाने की चाह रखता है. हालांकि कई लोग ऐसे भी है जो पैसे को प्राथमिकता न देकर अध्यात्म की ओर बढ़ते है.
आज के समय में अध्यात्म के प्रति लोग कम ही झुकाव रखते है. हालांकि कई लोग अध्यात्म और धर्म के लिए अपना सब कुछ छोड़ देते है. अब ऐसा ही कुछ किया है गुजरात के एक जैन परिवार ने. एक जैन परिवार ने सब कुछ छोड़कर पूर्णतः अध्यात्म और धर्म का रास्ता चुन लिया है.
यहां बात हो रही है गुजरात के भुज के एक जैन परिवार की. जैन धर्म में अक्सर देखा जाता है कि लोग सब कुछ त्याग कर धर्म के रास्ते पर चलते है और संन्यासी बन जाते है. इसी राह पर अब गुजरात के एक जैन परिवार ने भी अपने कदम बढ़ा दिए है. आइए इस परिवार के बारे में विस्तार से जानते है.
बात हो रही है भुज के एक मेहता परिवार की. पीयूष कांतिलाल मेहता, उनकी पत्नी पूर्वीबेन, बेटे मेघकुमार और भतीजे कृष्णकुमार निकुंज ने दुनियादारी छोड़कर संन्यास लेने का फैसला कर लिया है. सभी सांसारिक जीवन को छोड़कर अध्यात्म के रास्ते पर चल पड़े है.
मुमुक्ष पीयूष कांतिलाल मेहता, पूर्वीबेन, मेघकुमार और कृष्णकुमार निकुंज भुज में वागड़ा क्षेत्र के अजरामार संप्रदाय से संबंध रखते हैं. ये सभी दीक्षा लेने के लिए तैयार है. प्राप्त मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सभी श्री कोटि स्थानकवासी जैन संघ के तहत औपचारिक भगवती दीक्षा लेने जा रहे हैं.
पीयूष मेहता अपनी पत्नी, बेटे और भतीजे के साथ दीक्षा लेंगे. इससे पहले एक भव्य समारोह का आयोजन भी किया गया. जिसमें कई लोगों ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई. बताया जा रहा है कि पहले पीयूष मेहता ने संन्यास लेने का फैसला लिया था. इसके बाद उनकी पत्नी पूर्वीबेन ने भी यह राह चुनी. पिता पीयूष और मां पूर्वी बेन के फैसले को बेटे मेघकुमार ने भी पाना अपना लिया और उसने भी यह राह चुन ली. इसके बाद भतीजे कृष्णकुमार निकुंज ने भी संन्यास लेने का फैसला ले लिया.
पीयूष मेहता का है कपड़ों का व्यापार, सालाना टर्नओवर करोड़ों का
गौरतलब है कि मुमुक्ष पीयूष मेहता एक संपन्न परिवार से संबंध रखते है. उनका रेडीमेड कपड़ों का थोक का व्यापार है. वे इस काम से सालाना करोड़ों रुपयों की कमाई करते है लेकिन अब व्यापार-व्यवसाय छोड़कर वे परिवार संग संन्यास लें रहे हैं.