गणेशोत्सव विशेष: मुंबई के वो पाँच मशहूर गणेश पांडाल, जहाँ दर्शन करने आते हैं दुनिया भर से लोग
13 सितम्बर से गणेश चतुर्थी के दिन से गणेशोत्सव शुरू हो गया है। वैसे तो श्री गणेश की पूजा भारत के हर कोने में धूम-धाम से की जाती है, लेकिन महाराष्ट्र और उसके आस-पास के राज्यों में इस पर्व की धूम रहती है। गणेश चतुर्थी से शुरू होकर 10 दिनों तक चलने वाले इस गणेशोत्सव में लोग 10 दिनों के लिए श्री गणेश को अपने घरों में विराजित करवाते हैं और उनकी पूजा-पाठ करते हैं। उसके बाद उन्हें विसर्जित कर दिया जाता है। इन 10 दिनों के दौरान लोगों के मन में ख़ुशी-उल्लास भरा रहता है।
श्री गणेश की विदाई के समय कई लोगों की आँखों से अश्रु धारा बहने लगती है। मुंबई में श्री गणेश की पूजा बड़े धूम-धाम से की जाती है। कई जगहों पर तो श्री गणेश के इतने भव्य पांडाल बनाए जाते हैं, जिनकी ख़ूबसूरती देखते ही बनती है। ये पांडाल केवल भारत में ही नहीं बल्कि पूरे विश्व में प्रसिद्ध हैं। आपको जानकर हैरानी होगी कि इन पंडालों के दर्शन के लिए भारत के कोने-कोने से लोग तो जाते ही हैं, साथ ही विदेशों से भी लोग आते हैं।
दर्शन करने आते हैं बॉलीवुड के सितारे भी:
आज हम आपको मुंबई के 5 ऐसे भव्य पांडालों के बारे में बताने जा रह हैं, जो अपनी विशेषता की वजह से पूरी दुनिया में मशहूर हैं। इन गणेश पांडालों में बॉलीवुड के सितारों, आम लोग और विदेशियों का इन 10 दिनों के बीच में आना-जाना लगा रहता है।
मुंबई के 5 सबसे प्रसिद्ध गणेश पांडाल:
*- लालबागचा राजा:
लालबागचा राजा यानी लाल बाग़ का राजा। यह पांडाल पूरी दुनिया में सबसे ज़्यादा मशहूर है। आपको जानकर हैरानी होगी कि इस गणेश पांडाल को पहली बार 1934 में बनाया गया था। यहाँ 15 लाख से ज़्यादा श्रद्धालु गणपति के दर्शन के लिए घंटों लाइन में लगे रहते हैं। लालबाग के राजा को मन्नतों का गणपति भी कहा जाता है। 10 दिनों के दौरान यहाँ बॉलीवुड के कई सितारे गणपति के दर्शन के लिए आते हैं।
*- गणेश गली मुंबईचा राजा:
आपको बता दें गणेश गली मुंबईचा राजा, यहाँ के सबसे पुराने पंडालों में से एक है। इसकी शुरुआत 1928 में हुई थी। हर साल इसे एक थीम को आधार बनाकर बनाया जाता है। इस जगह पर भारत के प्रसिद्ध मंदिरों की आकृति भी बनाई जाती है।
*- खेतवाड़ी का राजा:
इस मंडल की स्थापना 1959 में हुई थी। यहाँ पर 2000 में गणपति की सबसे ऊँची 40 फ़ीट की प्रतिमा बनाई गयी थी। गणेश की प्रतिमा को असली सोने के गहने भी पहनाए गए थे।
*- अंधेरी का राजा:
अंधेरी का राजा सबसे छोटे लेकिन सबसे मशहूर हैं। इस मंडल की स्थापना 1966 में हुई थी। यहाँ पर भी बॉलीवुड के कई बड़े-बड़े सितारे गणपति के दर्शन के लिए आते हैं।
*- जीबीएस सेवा मंडल, किंग सर्कल:
बता दें इसे गोल्ड गणेश के नाम से भी जाना जाता है। यहाँ स्थापित किए जानें वाले गणेश जी को शुद्ध सोने के गहने पहनाए जाते हैं। सोने के गहनों का वज़न 60 किलो से ज़्यादा होता है। इस मंडल की शुरुआत 1954 में हुई थी। इसकी स्थापना कर्नाटक के एक ग़रीब ब्राह्मण परिवार ने की थी। इस मंडल की सबसे ख़ास बात यह है कि यहाँ श्री गणेश की प्रतिमा को इको फ़्रेंडली भी बनाया जाता है, जो मिट्टी को होती है।