RBI के इन नए नियमों के चलते RTGS और NEFT ट्रांजैक्शन के लिए अब नहीं देना होगा कोई चार्ज
नोटबंदी के बाद से पैंसो का लेन-देन ऑनलाइन हो गया था। बता दें कि अब आरबीआई लोगों के बीच ऑनलाइन लेन-देन को बढ़ावा देने के लिए कुछ ऐसे नियम लेकर आई है जिससे लोगों को ऑनलाइन लेन-देन में काफी राहत मिलने वाली है। यह नियम 1 जुलाई से चालू हो गया हैं। बता दें कि 1 जुलाई से आप बिना किसी शुल्क के आरटीजीएस (RTGS) और एनईएफटी (NEFT) कर पाएंगे।
बता दें कि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने 1 जुलाई से सभी बैंको को इस नियम का पालन करने की घोषणा कर दी है। जिसमें RTGS और NEFT ट्रांजैक्शन पर अब किसी तरह का शुल्क नहीं लगाया जाएगा। RBI ने बैंकों को 1 जुलाई से आरटीजीएस और एनईएफटी पर लगने वाले चार्जेज हटाने का आदेश दिया है। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने इसी के साथ RTGS के जरिए पैसे भेजने का समय डेढ़ घंटे बढ़ाकर शाम 6 बजे तक कर दिया है।
बता दें कि अब तक एसबीआई बैंक NEFT के जरिए होने वाले लेन-देन के लिए 1 से 5 रुपये के बीच और RTGS के जरिए होने वाले ट्रांजैक्शन के लिए 5 रुपये से 50 रुपये तक वसूल करता था। लेकिन अब ये शुल्क हटा दिया गया है। दरअसल RTGS के जरिए होने वाले लेन-देन में आप 2 लाख या उससे ज्यादा राशि तुरंत ट्रांसफर कर सकते हैं, जिसके लिए पहले ग्राहकों से बैंक पैसे लेता था। लेकिन अब ये चार्ज हटा दिया गया है। इसी के साथ NEFT द्वारा किए गए ट्रांजैक्शन में भी अब आपको किसी तरह का कोई शुल्क नहीं अदा करना होगा।
क्या है आरटीजीएस
आरटीजीएस यानि रियल टाइम ग्रॉस सेटलमेंट अर्थात् तत्काल सकल निपटान है। यह ऑनलाइन पैसे ट्रांसफर करने की सबसे तेज प्रक्रिया है। इस प्रक्रिया में 2 लाख या उससे ज्यादा राशि का 30 मिनट के अंदर ही बैंक को दूसरे खाते में पैसा ट्रांसफर करना होता है। इसका उपयोग ज्यादा राशि को ट्रांसफर करने के लिए किया जाता है। जिसकी न्यूनतम सीमा 2 लाख रूपए है। आप आरटीजीएस के जरिए एक बैंक से दूसरे बैंक में पैसे की एक मोटी रकम ट्रांसफर कर ली जाती है।
क्या है एनईएफटी
एनईएफटी(नेशनल इलेक्ट्रॉनिक फंड ट्रांसफर) देश में बैंकों के जरिये फंड ट्रांसफर करने यानी एक से दूसरी जगह भेजने का तरीका है। लेकिन यह आरटीजीएस की अपेक्षा थोड़ा धीमा होता है। एनईएफटी ते जरिए किसी भी बैंक खाते से दूसरे किसी बैंक के खाते में फंड ट्रांसफर का एक निर्धारित समय होता है। बता दें कि आरटीजीएस की तरह एनईएफटी में कोई न्यूनतम धनराशि नहीं हैं। एनईएफटी के द्वारा होने वाले समय की बचत और आसान प्रक्रिया के कारण से यह बहुत लोकप्रिय है क्योंकि इसमें लेनदेन को ऑनलाइन बैंकिंग द्वारा बहुत आसानी से किया जा सकता है। बता दें कि मोबाइल बैंकिग के जरिए होने वाले ट्रांजैक्शन इसी प्रक्रिया के अनुरूप होते हैं। एनईएफटी की शुरूआत साल 2005 में हुई थी।