शुक्रवार को इस प्रकार करेंगे संतोषी माता व्रत तो आपके हर दुख होंगे दूर
सप्ताह का हर दिन किसी न किसी देवी-देवता को समर्पित है, शुक्रवार का दिन माता संतोषी की आराधना का विशेष दिन माना जाता है, संतोषी माता को शुक्रवार का दिन समर्पित है, अगर व्यक्ति इस दिन माता संतोषी का व्रत करता है तो इससे उसको अपने जीवन में चमत्कारिक फायदे देखने को मिलते हैं, संतोषी माता व्रत करने से साधक की सभी मनोकामनाएं पूरी हो सकती हैं, ऐसा माना जाता है कि जो व्यक्ति सच्चे मन से माता रानी का व्रत करता है उसके जीवन के सभी दुख दूर होते हैं, परंतु सबसे पहले आपको शुक्रवार के व्रत को लेकर कुछ महत्वपूर्ण बातों को जानना बहुत ही जरूरी है, यदि आप इन जरूरी बातों का पालन नहीं करेंगे तो इससे संतोषी माता का व्रत पूरा नहीं होगा, आज हम आपको संतोषी माता व्रत पूजा की विधि बताने वाले है।
संतोषी माता व्रत विधि | Santoshi Mata Vrat Vidhi
- अगर आप शुक्रवार के दिन माता संतोषी का व्रत कर रहे हैं तो सबसे पहले आपको सूर्य उदय से पहले उठना होगा।
- आप अपने पूरे घर की ठीक प्रकार से साफ-सफाई कीजिए, आप अपने सभी कार्यों से निवृत्त होकर स्नान कर लीजिए।
- आप अपने घर के पूजा स्थल या फिर किसी पवित्र जगह पर माता संतोषी जी की प्रतिमा या तस्वीर स्थापित कीजिए और सभी पूजा की सामग्री रखें और किसी बड़े पात्र में शुद्ध जल भरकर रख लीजिए।
- जो आपने जल से भरा हुआ पात्र रखा है उस पर गुड़ और चने से भरकर दूसरा पात्र रख लीजिए और माता संतोषी जी की विधि विधान पूर्वक पूजा कीजिए।
- माता संतोषी जी की पूजा के दौरान आप घी का दीपक जलाकर माता रानी को भोग लगाएं, उसके बाद आपको संतोषी माता की कथा सुननी है, इसके बाद आप माता रानी की आरती करें और गुड़-चने का प्रसाद बांट दीजिए।
- जब आपकी पूजा पूरी हो जाए तब आपने जो जल से भरा हुआ पात्र रखा है उसका जल आप अपने घर के हर कोने-कोने में छिड़क दीजिए, बाकी बचे हुए पानी को आप तुलसी के पौधे में डाल दीजिए।
- अगर हम संतोषी माता व्रत के नियम के अनुसार देखे तो साधक को कुल 16 शुक्रवार का व्रत करना चाहिए, इसके पश्चात आप आखरी शुक्रवार के व्रत के दिन विसर्जन कीजिए, जब आप व्रत का उद्यापन कर रहे हैं तब आप 8 बच्चों को खीर-पूरी का भोजन करा कर उनको दक्षिणा में केले का प्रसाद आदि देकर विदा कीजिए।
माता संतोषी व्रत में ना करें यह काम
- अगर आप शुक्रवार के दिन माता संतोषी का व्रत कर रहे हैं तो व्रत करने वाले स्त्री-पुरुष को इस बात का ध्यान रखना होगा कि आप व्रत में खट्टी चीजों को ना छुएं और ना ही खट्टी चीजों का सेवन कीजिए।
- आप गुड़ और चने का प्रसाद स्वयं ग्रहण कर सकते हैं।
- आप व्रत के दौरान भोजन में किसी भी प्रकार की खट्टी चीजें जैसे अचार, खट्टा फल का सेवन मत कीजिए और ना ही परिवार के लोगों को खट्टी चीजें खाने के लिए दे।
माता संतोषी व्रत से मिलने वाला फल
अगर आप विधि विधान पूर्वक माता संतोषी का व्रत कर लेते हैं तो इससे साधक की सभी मनोकामनाएं शीघ्र पूरी होती है, विद्यार्थियों को परीक्षा में सफलता हासिल होती है, यदि आपका कोई कोर्ट-कचहरी का मामला चल रहा है तो उसमें आपको विजय हासिल होगी, व्यापार से जुड़े हुए लोगों को अपने व्यापार में अच्छा लाभ मिलेगा, घर परिवार में सुख समृद्धि आती है, अगर शुक्रवार का व्रत अविवाहित लड़कियां करती है तो उनको अच्छा जीवनसाथी मिलेगा।