काल भैरव के इन प्रसिद्ध मंदिरों में सबकी मुरादें होती है पूरी, करें दर्शन दुखों का होगा निवारण
भगवान भोलेनाथ का दूसरा स्वरूप काल भैरव है भगवान भोलेनाथ ने मार्गशीर्ष मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी को काल भैरव रूप का अवतार लिया था वैसे देखा जाए तो भगवान भोलेनाथ अपने नाम की तरह ही बहुत भोले हैं इनका स्वभाव बहुत ही शांत रहता है परंतु भगवान भोलेनाथ के बारे में ऐसा कहा जाता है कि जब भगवान भोलेनाथ को गुस्सा आ जाए तो यह विनाशकारी होता है शास्त्रों और पुराणों में भगवान भोलेनाथ के दो रूपों का उल्लेख किया गया है उनका पहला रूप विशेश्वर स्वरूप है जो बहुत सौम्य और शांत है जो भक्तों के उद्धार करने वाला रूप माना गया है वहीं दूसरा रूप काल भैरव रूप है जो बुरे लोगों को दंड देने वाला रौद्र भयानक विकराल रूप माना गया है ऐसा माना जाता है कि काल भैरव की पूजा करने से सभी संकटों से छुटकारा प्राप्त होता है परंतु काल भैरव जी की पूजा घर में नहीं की जाती है इसलिए मंदिरों में इनकी पूजा अर्चना के लिए अष्टमी के दिन बहुत भीड़ रहती है आज हम आपको इस लेख के माध्यम से भारत के ऐसे कई स्थानों के प्रसिद्ध काल भैरव मंदिरों के बारे में जानकारी देने वाले हैं जिनकी अपनी अलग अलग विशेषता है।
आइए जानते हैं भारत के इन काल भैरव मंदिरों के बारे में
काल भैरव मंदिर-काशी
काशी के विश्वनाथ मंदिर से 2 किलोमीटर की दूरी पर काशी का काल भैरव मंदिर स्थित है और इस मंदिर की विशेष मान्यता भी है काल भैरव बाबा वाराणसी में काशी कोतवाल के नाम से कहे जाते हैं इनके बारे में ऐसा बताया जाता है कि बाबा काल भैरव काशी के रक्षक है अगर आप काशी विश्वनाथ के दर्शन करने के पश्चात काल भैरव के दर्शन नहीं करते हैं तो आपका दर्शन पूरा नहीं माना जाता है।
काल भैरव मंदिर-उज्जैन
हमारे भारत देश में काल भैरव का सबसे प्रसिद्ध मंदिर उज्जैन में भी मौजूद है काल भैरव जी का यह प्रसिद्ध मंदिर उज्जैन में शिप्रा नदी के तट पर स्थित है यह मंदिर लोगों के बीच काफी आस्था का केंद्र बना हुआ है इस मंदिर के अंदर काल भैरव की मूर्ति को मदिरा अर्पित की जाती है परंतु इस मंदिर में यह चमत्कार देखने को मिलता है कि जो मदिरा काल भैरव की मूर्ति को चढ़ाई जाती है वह काल भैरव की मूर्ति ग्रहण करती है अर्थात मूर्ति चढ़ाई गई मदिरा का पान करती है।
बटुक भैरव मंदिर पांडव किला और बटुक भैरव मंदिर-नई दिल्ली
नई दिल्ली में भैरव बाबा के दो मंदिर मौजूद है जो पांडवों द्वारा बनाए गए हैं पहला भैरव मंदिर बटुक भैरव नाथ मंदिर है यह मंदिर नेहरू पार्क चाणक्यपुरी दिल्ली में स्थित है और दूसरा भैरव मंदिर किलकारी बाबा भैरव नाथ मंदिर है जो पुराने किले के बाहर स्थित है बटुक भैरव नाथ मंदिर में भैरव बाबा का मात्र चेहरा ही है और चेहरे पर बड़ी-बड़ी दो आंखें नजर आती है इन दोनों मंदिरों के प्रति लोगों का अटूट विश्वास देखने को मिलता है।
घोड़ाखडाल बटुक भैरव मंदिर-नैनीताल
नैनीताल के पास स्थित सबसे मशहूर बटुक भैरव जी का मंदिर है यह गोलू देवता के नाम से भी प्रसिद्ध है इस मंदिर के अंदर भैरव बाबा श्वेत गोल प्रतिमा में विराजमान है इस मंदिर में रोजाना पूजा करने के लिए भारी भक्तों की भीड़ रहती है।