हर व्यक्ति को भगवान श्रीकृष्ण जी से सीखने चाहिए यह गुण, जीवन के हर मोड़ पर आएंगे काम
हर व्यक्ति अपने जीवन में बहुत सी अच्छी और बुरी परिस्थितियों से गुजरता है, जब व्यक्ति का जीवन खुशहाल होता है तो उसको किसी बात की चिंता नहीं रहती है परंतु जैसे ही व्यक्ति के जीवन में परेशानियां उत्पन्न होती हैं तो वह काफी विचलित हो उठता है और वह अपनी परेशानी से बाहर निकलने का मार्ग ढूंढता है दरअसल, हमारे जीवन में जो भी परेशानियां उत्पन्न होती हैं उसके पीछे कहीं ना कहीं हम खुद जिम्मेदार होते हैं, हम अपनी गलतियों की वजह से ही परेशानी में आ जाते हैं।
अगर आप अपना जीवन बेहतर तरीके से व्यतीत करना चाहते हैं तो आज हम आपको भगवान कृष्ण जी के कुछ गुणों के बारे में जानकारी देने वाले हैं, भगवान कृष्ण जी ने अपने जीवन में सभी रिश्तो को बखूबी तरीके से निभाया है, अगर व्यक्ति भगवान कृष्ण जी के कुछ गुणों को अपने जीवन में उतार लेता है तो यकीन मानिए उस व्यक्ति के जीवन की ज्यादातर सभी परेशानियां दूर हो जाएंगी, इसलिए हर व्यक्ति को कृष्ण जी के कुछ गुणों से सीख लेना बहुत ही जरूरी है।
हर व्यक्ति को भगवान श्रीकृष्ण जी से सीखने चाहिए यह गुण
गुरु का आदर
आप लोग जानते ही हैं भगवान श्री कृष्ण जी विष्णु जी के अवतार हैं परंतु इसके बावजूद भी भगवान कृष्ण जी के मन में अपने गुरु के प्रति हमेशा सम्मान रहा था, इन्होंने अपने गुरुओं को पूरा सम्मान दिया था।
माता-पिता को सम्मान देना
भगवान कृष्ण जी का पालन पोषण यशोदा और नंद ने किया था लेकिन भगवान श्री कृष्ण जी के माता-पिता देवकी और वासुदेव थे, भगवान कृष्ण जी ने अपनी दोनों माता को अपने जीवन में बराबर का दर्जा दिया था और इन्होंने अपना कर्तव्य भी ठीक प्रकार से निभाया था, भगवान कृष्ण जी के इस गुण से हर व्यक्ति को यह सीखना चाहिए कि मां-बाप का स्थान सबसे ऊपर होता है, हर व्यक्ति को माता-पिता की सेवा में अपना जीवन समर्पित करना चाहिए।
मित्रता
आप सभी लोगों ने सुदामा और भगवान कृष्ण जी की दोस्ती के बारे में तो सुना ही होगा, भगवान कृष्ण जी और सुदामा की दोस्ती अटूट थी, इनकी दोस्ती से हमें यह सीख लेनी चाहिए कि व्यक्ति को अपने रिश्ते की कदर करनी चाहिए और दोस्ती के लिए कुछ भी करना चाहिए, भगवान कृष्ण जी ने अपने जीवन में रिश्ते को कभी ऊंचा नीचा नहीं देखा था और ना ही अमीरी गरीबी से तुलना की थी।
सच्चा प्रेम
जैसा कि आप सभी लोग जानते हैं वृंदावन के अंदर भगवान कृष्ण जी की बहुत सी गोपियां थी जो भगवान कृष्ण जी से अति प्रेम करती थी, कृष्ण जी भी उन सभी गोपियों का सम्मान किया करते थे, परंतु भगवान कृष्ण जी राधा जी से प्रेम करते थे, कृष्ण जी के जीवन में राधा जी का प्रेम एक महत्वपूर्ण हिस्सा था परंतु इसके बावजूद भी श्री कृष्ण जी अपनी सभी गोपियों को प्यार और सम्मान दिया था, उनका यह गुण हमें अवश्य सीखना चाहिए।
मोह से ऊपर उठना
भगवान कृष्ण जी ने हमें सत्य का ज्ञान बताया है, जब कुरुक्षेत्र में अर्जुन को भगवान कृष्ण जी उपदेश दे रहे थे तब कृष्ण जी ने अर्जुन को यह समझाया था कि जो तुम्हारे सामने खड़ा है वह तुम्हारा शत्रु है, उनका यह संदेश हमें इस बात को सिखाता है कि सत्य की राह पर चलते हुए हमें किसी का पक्ष नहीं लेना चाहिए, गलत व्यक्ति को हमेशा गलत ही कहना चाहिए और सही व्यक्ति को हमेशा सही ही कहना चाहिए, इसलिए अगर आप अपने जीवन में यह सीख ले लेते हैं तो घर परिवार में होने वाले वाद विवाद समाप्त हो जाएंगे।