सावन माह में दुर्गा सप्तशती के पाठ से भक्तों को मिलेगा खास फल, अनेक प्रकार की बाधाएं होंगी दूर
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जैसा कि आप सभी लोग जानते हैं 06 जुलाई 2020 से सावन का पावन महीना आरंभ हो चुका है। सावन के महीने में देवों के देव महादेव की विशेष पूजा अर्चना की जाती है। अगर हम शास्त्रों के अनुसार देखें तो सावन महीने में दुर्गा सप्तशती के मंत्रों का जाप विधि विधान पूर्वक किया जाए तो इससे मनुष्य के जीवन के हर कष्ट दूर हो सकते हैं। तंत्र शास्त्र के अनुसार सावन महीने या फिर किसी भी नवरात्रि में दुर्गा सप्तशती के मंत्रों का जाप फलदायक माना गया है। आपको बता दें कि मंगलवार को देवी मां को प्रसन्न करने के लिए मंगला गौरी व्रत भी किया जाता है। सप्ताह के दिनों के अनुसार देवी मां के 3 दिन यानी मंगलवार, शुक्रवार और शनिवार माने गए हैं। ऐसा माना जाता है कि सावन के महीने में शिव जी के साथ साथ यदि देवी शक्ति की पूजा की जाए और विभिन्न मंत्रों का जाप किया जाए तो सभी जीवन की बाधाएं दूर होतीं हैं।
आज हम आपको दुर्गा सप्तशती के मंत्र जाप की विधि क्या है? और इससे आपको किन-किन समस्याओं से छुटकारा मिल सकता है। इसके बारे में जानकारी देने वाले हैं। अगर आप सावन महीने में दुर्गा सप्तशती का पाठ और मंत्रों का जाप करते हैं तो इससे आपको विशेष फल की प्राप्ति होगी।
दुर्गा सप्तशती मंत्र जाप की विधि
अगर आप सावन महीने में दुर्गा सप्तशती मंत्र का जाप कर रहें हैं तो आप सुबह के समय जल्दी उठकर स्नान करने के पश्चात साफ वस्त्रों का धारण करें और सबसे पहले आपको भगवान शिव जी और माता दुर्गा जी की पूजा करनी होगी। इसके पश्चात आपको किसी एकांत स्थान पर कुशा के आसन पर बैठना होगा और आप दुर्गा सप्तशती मंत्र का जाप करें। आप इन मंत्रों का जाप करने के लिए लाल चंदन के मोतियों की माला का प्रयोग कर सकते हैं।
दुर्गा सप्तशती के इन मंत्रों से आपके जीवन के कष्ट होंगे दूर
1. दुर्गे स्मृता हरसि भीतिमशेषजन्तो:।
स्वस्थै: स्मृता मतिमतीव शुभां ददासि।।
दारिद्रयदु:खभयहारिणि का त्वदन्या।
सर्वोपकारकरणाय सदाद्र्रचिता।।
अगर आपके घर-परिवार में दरिद्रता का वास है तो दरिद्रता से छुटकारा पाने के लिए इस मंत्र का जाप करना बहुत ही शुभ माना गया है।
2. एवं देव्या वरं लब्ध्वा सुरथः क्षत्रियर्षभ।।
अगर आपकी कोई अधूरी इच्छा है। आप अपनी मनोकामनाओं को जल्द से जल्द पूरा करना चाहते हैं तो सावन महीने में आप इस मंत्र का जाप करें। जल्द ही आपको इच्छित फल की प्राप्ति होगी।
3. ॐ कात्यायनि महामाये महायेगिन्यधीश्वरि ।
नन्दगोपसुते देवि पतिं मे कुरु ते नमः।।
अगर किसी कुंवारी कन्या को इच्छित पति प्राप्ति की कामना है तो वह इस मंत्र का जाप करें।
4. जयन्ती मड्गला काली भद्रकाली कपालिनी।
दुर्गा क्षमा शिवाधात्री स्वाहा स्वधा नमोस्तुते।।
अगर आप इस मंत्र का जाप करते हैं तो इससे महामारी का नाश होता है।
5. रोगानशेषानपहंसि तुष्टा
रुष्टा तु कामान् सकलानभीष्टान् ।
त्वामाश्रितानां न विपन्नराणां
त्वामाश्रिता ह्याश्रयतां प्रयान्ति।।
अगर आप किसी बीमारी से काफी लंबे समय से परेशान चल रहें हैं। इलाज कराने के बावजूद भी तबीयत में सुधार नहीं आ रहा है तो आप दुर्गा सप्तशती के इस मंत्र का जाप करें। इससे सभी रोगों का नाश होगा।
शास्त्रों के अनुसार दुर्गा सप्तशती में हर समस्या के लिए एक विशेष मंत्र बताए गए हैं। उपरोक्त आपको कुछ मंत्रों के बारे में जानकारी दी गई है। अगर आप इन मंत्रों का उच्चारण ठीक प्रकार से नहीं कर पा रहे हैं तो आप किसी योग्य ब्राह्मण की सहायता ले सकते हैं। परंतु आपको इस बात का ध्यान रहे कि इन मंत्रों का उच्चारण ठीक प्रकार से होना चाहिए अन्यथा इसका दुष्परिणाम प्राप्त हो सकता है।