नाचते नाचते मर्द से औरत बन गया संतोष शाह, सिस्टम ने पुरुष से बना दिया लड़की
अक्सर हमें ऐसे हैरान करने वाले मामले सुनने और देखने को मिलते है जिन पर एक पल के लिए विश्वास भी करना मुश्किल हो जाता है. ऐसा ही एक मामला और सामने आया है. जहां एक लाचार व्यक्ति को सिस्टम ने और भी अधिक लाचार कर दिया है. यहां बात हो रही है एक संतोष शाह नाम के युवक की जो कि एक कलाकार है.
संतोष शाह को इस सिस्टम ने खुशबू बना दिया है. लोगों के हालात बदलते है, समय बदलता है लेकिन संतोष नाम के कलाकार का तो सिस्टम ने जेंडर ही बदल दिया. संतोष सिस्टम की लापरवाही के कारण खुशबू बन चुका है.उसके परिजन उसका नाम बदलने के लिए इधर-उधर भटक रहे हैं.
यह मामला बिहार के सीतामढ़ी का है. यहां का संतोष शाह अब खुशबू कुमारी हो गया है. लेकिन सिस्टम की गलती के कारण. सिस्टम उसे पुरुष नहीं मान रहा है जबकि खुद को पुरुष साबित करने के लिए संतोष को जद्दोजहद करनी पड़ रही है. संतोष आरा अस्पताल में भर्ती है. 14 दिसंबर को आरा जिले के भदौर में उनका एक्सीडेंट हो गया था.
बता दें कि संतोष शाह डांसर के रूप में काम करते हैं. वो अक्सर महिलाओं के कपड़े पहनकर काम करते है. संतोष ने बताया कि यह उनका पेशा है. जब संतोष का एक्सीडेंट हुआ था तब भी उसने महिलाओं के कपड़े पहन रखे थे. एक्सीडेंट के बाद उसे अनजान लोगों ने अस्पताल में भर्ती करवा दिया था.
स्थिति ज्यादा गंभीर होने के बाद संतोष को पटना के पीएमसीएच रेफर कर दिया गया था. एक्सीडेंट में संतोष ने अपने दोनों पैर गंवा दिए. लेकिन इससे भी बड़ी विडंबना यह रही कि लड़की की पोशाक में होने के कारण लोगों ने अपस्ताल में संतोष का नाम खुशबू लिखवा दिया था. अब उसके परिजन नाम बदलवाने के लिए अधिकारियों के चक्कर काट रहे हैं.
एक माह से ज्यादा समय हो गया है संतोष अस्पताल में भर्ती है. दोनों पैर गंवाने के बाद उनकी मुश्किलों में और अधिक इजाफा हो गया है. नाम में हेराफेरी के चलते संतोष शाह को सरकारी योजनाओं का फायदा भी नहीं मिल पा रहा है. युवक दो बच्चों का पिता है. इस बुरे समय में संतोष ने भोजपुरी सिनेमा के दो बड़े स्टार पवन सिंह और ख़ेसारीलाल यादव से भी मदद मांगी है.
एक समाचार चैनल से बात करते हुए युवक ने कहा है कि, ”एक कलाकार तो दूसरे कलाकार की मदद कर ही सकता है. सरकार और अधिकारी कोई मदद नहीं कर रहे. अब हमारे हीरो ही कुछ मदद कर दें”.
संतोष ने साथ ही कहा कि, ”मैं एक कलाकार हूं. लड़की के कपड़ों में डांस करना मेरा पेशा है. इसी से अपने बीवी, बच्चों और परिवार का पालन पोषण करता हूं. भगवान ने मेरे दोनों पैर छीन लिये और इस सिस्टम ने मेरी पहचान. फिलहाल 20 दिनों से इमरजेंसी वार्ड में भर्ती हूं और मेरा नाम सही करवाने के लिए भाई कागजात लेकर अधिकारियों के पास भटक रहा है”.