अध्यात्म

शनिदेव बिगड़ी तकदीर बनाने वाले हैं देवता, शनिवार की शाम करें ये उपाय, दुखों का होगा अंत

शनिदेव को बिगड़ी तकदीर बनाने वाला देवता माना गया है। शनि देव न्याय के देवता भी कहे जाते हैं। यह मनुष्य के कर्मों के अनुसार ही फल प्रदान करते हैं। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार शनिदेव की पूजा अर्चना करने से भक्तों के ऊपर इनका आशीर्वाद बना रहता है। वर्तमान समय में ऐसे बहुत से लोग हैं जो शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए तरह-तरह के उपाय अपनाते हैं ताकि इनकी कृपा से जीवन की दुख-परेशानियां समाप्त हो जाएँ। शनिदेव की पूजा करने से शनि देव से मिलने वाले दुष्प्रभावों से छुटकारा मिलता है। आज हम आपको कुछ कारगर उपायों के बारे में जानकारी देने वाले हैं जिनको अगर आप शनिवार की शाम को करते हैं तो इससे शनिदेव प्रसन्न होंगे और आपके जीवन की सभी समस्याओं का अंत होगा।

शनिवार को इन तरीकों से करें शनिदेव को प्रसन्न

शनिदेव की प्रतिमा के समक्ष सुंदरकांड का पाठ

आप शनिवार की शाम को किसी भी शनि मंदिर में जाकर शनिदेव की प्रतिमा के समक्ष बैठ जाएँ और वहां पर सुंदरकांड का पाठ कीजिए। जब सुंदरकांड का पाठ पूरा हो जाए तब उसके पश्चात आपको मंत्र “नीलांजन समाभासं रवि पुत्रां यमाग्रजं।, छाया मार्तण्डसंभूतं तं नामामि शनैश्चरम्।।” का जाप करना होगा।

संकट से मुक्ति पाने के लिए

अगर आप चाहते हैं कि आपके जीवन के तमाम संकट दूर हो जाएं तो आप इसके लिए शनिवार की शाम को काली गाय या फिर काले कुत्ते को रोटी खिलाएं। अगर आपको काला कुत्ता नहीं मिल रहा है तो ऐसी स्थिति में आप किसी भी कुत्ते को रोटी खिला सकते हैं।

अपराजिता के नीले रंग के फूल अर्पित करें

शनिवार का दिन शनिदेव की पूजा अर्चना करने का विशेष दिन माना जाता है। आप शनिवार की शाम को शनिदेव की पूजा के दौरान अपराजिता का नीले रंग का फूल अर्पित कीजिए। ऐसा माना जाता है कि इस उपाय को अपनाने से शनि देव प्रसन्न होते हैं और जीवन की सभी समस्याएं दूर हो जाती हैं। आपको बता दें कि यह फूल शनिदेव को अत्यधिक पसंद है। इसके अलावा आप अपराजिता का फूल अपने हाथ में लेकर शनिदेव से अपनी परेशानी बताएं, इसके बाद इस फूल को आप बहते हुए पानी में प्रवाहित कर दीजिए। अगर आप किसी वजह से यह फूल पानी में प्रवाहित नहीं कर सकते तो आप इसको मिट्टी में दबा सकते हैं।

बरगद के पेड़ के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाएं

आप शनिवार की शाम को किसी भी बरगद के पेड़ के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाएं और उसी पेड़ के नीचे बैठकर शनि देव के मंत्र “ओम शं शनैश्चराय नमः” का जाप कीजिए। इससे शनिदेव की कृपा दृष्टि आपके ऊपर सदैव बनी रहेगी और आपके जीवन के दुःख दूर होंगे। इस उपाय के अलावा आप शनिवार की रात को बरगद के पेड़ की जड़ के पास चौमुखा दीपक जलाएं। ऐसा माना जाता है कि इस उपाय से शनि देव की असीम कृपा प्राप्त होती है और शनि साढ़ेसाती और ढैय्या के दुष्प्रभाव से छुटकारा मिलता है।

जरूरतमंद लोगों को दान

आप शनिवार के दिन जरूरतमंद लोगों को काला कपड़ा, काली चप्पल आदि चीजें दान कर सकते हैं। आप शनिवार की शाम को कुष्ठ रोगियों को काली वस्तुओं का दान कीजिए।

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