सावन के किसी एक बुधवार को शिवपुत्र गणेश का यह उपाय करके आप भी चमका सकते हैं अपना भाग्य
सावन का पावन महीना पिछले माह 28 जुलाई से ही शुरू हो गया है। सावन के इस महीने में भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए उनके भक्त जी-जान से लगे हुए हैं। कोई काँवर उठाकर सैकड़ों किलोमीटर पैदल चलकर भगवान शिव को जाल चढ़ाने जा रहे है तो कोई अपने पास के ही शिवालय में जाकर सुबह-शाम भगवान शिव की आराधना कर रहा है। सावन के इस पवित्र महीने में हभागवान शिव को बहुत जल्दी प्रसन्न किया जा सकता है, क्योंकि इसी महीने में वह कैलाश से उतरकर धरती पर आते हैं।
हिंदू धार्मिक मान्यता के अनुसार पूरे 12 महीनों में सावन का महीना बहुत ही ख़ास होता है। इस महीने में जो भी व्यक्ति भगवान शिव की सच्चे मन से पूजा करता है, उसकी सभी मनोकामनाएँ पूर्ण हो जाती है। भगवान शिव एक ऐसे देवता हैं, जिनकी पूजा केवल जल और बेलपत्र से भी की जा सकती है और यह ख़ुश होकर व्यक्ति के जीवन को धन्य कर देते हैं। भगवान शिव को सावन में ख़ुश करने के लिए लोग तरह-तरह के उपाय करते हैं, लेकिन भगवान शिव के अलावा इस महीने में उनके पुत्र गणेश की भी पूजा की जाती है।
बुधवार का एक ख़ास उपाय चमका सकता है आपकी क़िस्मत:
श्रीगणेश की पूजा करने से व्यक्ति जीवन की सभी सुख-सुविधाओं की प्राप्ति होती है। सावन के इस ख़ास महीने में बुधवार के दिन श्रीगणेश की पूजा और कुछ ख़ास उपाय करके प्रसन्न किया जा सकता है। सावन में इस बार चार बुधवार पड़ रहे हैं, इनमें से किसी एक बुधवार के दिन यह ख़ास उपाय करके आप भी अपने भाग्य को चमका सकते हैं। सावन के बुधवार को उपाय करने से पहले कुछ ख़ास बातों का ध्यान रखना भी बहुत ज़रूरी होता है और नियमानुसार गणेश जी की पूजा करनी होती है।
इस तरह से करें श्रीगणेश का उपाय:
बुधवार के दिन सुबह जल्दी जागकर स्नान करके अमरूद का एक पौधा लेकर नज़दीकी गणेश जी के मंदिर में जाएँ। मंदिर में श्रीगणेश के सामने एक देशी घी का दीपक जलाएँ। इसके बाद अपनी उम्र के साल के बराबर ‘गं हं क्लौं ग्लौं उच्छिष्टगणेशाय महायक्षायायं बलिः’ इस मंत्र का जाप करें। इसके बाद अमरूद के पौधे को घर ले जाएँ और उसे लगाकर उसकी देखभाल करें। जब उस पेड़ पर फल लगे तो उसके पहले फल से गणेश जो को भोग लगाएँ। जैसे-जैसे अमरूद का पौधा बढ़ेगा आपके जीवन की समस्याओं का अंत हो जाएगा और घर में सुख-समृद्धि भी बढ़ेगी।
देवताओं में प्रथम पूज्य हैं श्रीगणेश:
श्रीगणेश के बारे एम कहा जाता है कि इन्हें देवताओं में प्रथम पूज्य का दर्जा मिला हुआ है। किसी भी देवता की पूजा या किसी शुभ कार्य की शुरुआत से पहले श्रीगणेश की ही पूजा की जाती है। अगर ऐसा नहीं होता है तो वह पूजा या काम असफल माना जाता है। श्रीगणेश भगवान शिव और माता पार्वती के सबसे प्रिय पुत्र हैं। एक बार श्रीगणेश ने शिव-पार्वती का चक्कर लगाकर यह साबित कर दिया कि माता-पिता के पास ही पूरी दुनिया है। तभी से यह शिव-पार्वती के प्रिय हो गए। इसी से ख़ुश होकर शिव-पार्वती ने श्रीगणेश को यह वरदान दिया कि तुम्हारी पूजा सभी देवताओं से पहले की जाएगी।