इन परिस्थितियों में ना करें सावन का उपवास, अन्यथा आपको पूजा का नहीं मिलेगा फल
शिव भक्तों के लिए सावन का महीना बहुत ही विशेष माना जाता है, इस पावन महीने में भक्त भगवान शिव जी की पूजा-आराधना करके इनको प्रसन्न करने का प्रयास करते हैं। शिव मंदिरों के अंदर भक्तों की भारी भीड़ लगी रहती है। लोग भगवान शिव जी का जलाभिषेक करके विधि-विधान पूर्वक इनकी आराधना करते हैं। सावन का सोमवार बहुत ही महत्वपूर्ण बताया जाता है, सावन सोमवार का व्रत रखने वाले भक्तों को भगवान शिव जी की विशेष कृपा प्राप्त होती है। अगर आप भी सावन का उपवास कर रहे हैं तो आपको कुछ जरूरी नियमों का पता होना बहुत ही जरूरी है। दरअसल। ऐसी कुछ परिस्थितियां होती हैं जिनमें व्रत नहीं रखना चाहिए, अन्यथा आपको अपनी पूजा का फल प्राप्त नहीं हो पाएगा।
इन परिस्थितियों में ना करें सावन उपवास
1- महिलाओं को इस बात का विशेष ध्यान रखना होगा कि आप रजस्वला के दिनों में उपवास भूल कर भी मत कीजिए।
2. अगर आप किसी दूर यात्रा पर जा रहे हैं तो ऐसी स्थिति में उपवास रखना जरूरी नहीं माना जाता है।
3. मान्यता अनुसार युद्ध की स्थिति में व्रत रखना नहीं चाहिए, अगर ऐसी परिस्थिति उत्पन्न हो रही है तो आप व्रत का त्याग कर सकते हैं।
4. अशौच अवस्था यानी कि सूतक, जन्म मरण के दौरान लगने वाला छूत, मल-मूत्र आदि का स्पर्श हो जाने पर व्रत रखना ठीक नहीं माना गया है, क्योंकि ऐसी अवस्था में व्यक्ति अशुद्ध होता है।
5. यदि कोई व्यक्ति किसी प्रकार का कार्य कर रहा है, परंतु कार्य करने के दौरान आपको व्रत रखने में कठिनाई उत्पन्न हो रही है, काम के समय यदि आपको शारीरिक कष्ट या फिर मानसिक कष्ट से गुजरना पड़ रहा है, तो ऐसी अवस्था में आप व्रत ना रखें, क्योंकि ऐसे में अगर आप व्रत रखते हैं तो इससे आपको अपनी पूजा का फल नहीं मिल पाता है।
6. अगर कोई छोटा बच्चा या फिर बड़ा बुजुर्ग व्रत कर रहा है तो उसको इस बात का ध्यान रखना होगा कि वह अपनी शारीरिक शक्ति के अनुसार फलाहार करते हुए व्रत रख सकता है, अगर आप व्रत करने में सक्षम नहीं है तो आप व्रत का त्याग कर सकते हैं।
मनुष्य अगर कोई भी व्रत करता है तो व्रत के कुछ ना कुछ नियम अवश्य होते हैं, अगर नियमों के अनुसार व्रत किए जाए तो इससे व्यक्ति को अपनी पूजा का उचित फल मिलता है, व्रत के नियमों का पालन करना बहुत ही जरूरी है, अगर आप किसी वजह से व्रत के नियमों का पालन नहीं कर पाते हैं तो आपकी पूजा व्यर्थ हो सकती है, कोई भी व्रत या फिर सावन महीने का उपवास रखते समय आपको ब्रह्मचर्य का पालन करना बहुत ही जरूरी है, आप व्रत के दिन अपनी वाणी पर कंट्रोल रखें, अपने मन में गलत विचार उत्पन्न ना होने दें, आपको झूठ बोलने से बचना चाहिए, आपको ऐसे लोगों से दूरी बनाए रखने की आवश्यकता है जो अधर्म के मार्ग पर चलते हैं, व्रत के दौरान मनुष्य को अपने मन में किसी भी प्रकार की गलत भावना नहीं लानी चाहिए, अगर आप व्रत कर रहे हैं तो आपको हमेशा सत्य को अपनाना चाहिए, आपके मन में क्षमा, दया की भावना होनी चाहिए। आपको अपनी इंद्रियों पर नियंत्रण होना बहुत ही जरूरी है।