गरुड़ पुराण: इन 5 लोगों के घर भूलकर भी न करें भोजन, खत्म हो जाते हैं पुण्य, लगता है पाप
भोजन किसी भी इंसान के जीवन की सबसे जरूरी चीज होती है। कई बार ऐसे भी अवसर आते हैं जब हमे किसी और के घर भोजन करना पड़ता है। लेकिन गरुड़ पुराण की माने तो हमे 5 प्रकार के लोगों के घर भोजन करने से बचना चाहिए।
यदि आप इनके घर कुछ भी खाते हैं तो सारे पुण्य समाप्त हो जाते हैं। फिर आपको जीवन में कई कष्टों का सामना करना पड़ता है।
अपराधी
गरुड़ पुराण के अनुसार हमे कभी भी किसी चोर या अपराध करने वाले व्यक्ति के घर भोजन नहीं करना चाहिए। वह अपनी दो नंबर की काली कमाई से भोजन तैयार करता है। ऐसे में यदि हम उसके घर कुछ खा लें तो हम भी पाप के भागीदार बन जाते हैं। फिर हमने जीवनभर जीतने भी पुण्य कमाएं हैं वह सभी नष्ट हो जाते हैं। इसका सीधा असर हमारे जीवन पर पड़ता है। हमे कई परेशानियों को झेलना पड़ता है।
सूदखोर
गरुड़ पुराण की माने तो जो शख्स सूद का धंधा करता है, दूसरों की मजबूरी का लाभ उठा अपनी रोटियां सेंकता है, गलत ढंग से पैसा कमाता है, वहां भोजन नहीं करना चाहिए। ऐसे लोगों के घर कुछ खाना पीना भी बड़ा पाप माना जाता है। इन लोगों से कभी पैसे भी उधार नहीं लेना चाहिए। वरना उन पैसे से किया गया काम भी बिगड़ जाता है।
बीमार शख्स
गरुड़ पुराण कहता है कि हमे किसी गंभीर रूप से बीमार शख्स के घर भी भोजन करने से बचना चाहिए। वहां पहले से कई किटाणु मौजूद रहते हैं। वह बीमारियों का घर हो सकता है। दूसरी बात ये भी है कि वह शख्स पहले से ही अपनी बीमारी की वजह से दुखी है। ऐसे में हम उसके घर जाकर उसे परेशान करे और उसका भोजन खाए ये उचित नहीं है। इसलिए ऐसा करने से हर हाल में बचना चाहिए।
किन्नर
गरुड़ पुराण के अनुसार हमे किन्नरों के घर भी भोजन नहीं करना चाहिए। आप किन्नरों को अपने घर भोजन जरूर करवा सकते हैं। इससे आपको बहुत सी दुआएं मिलेगी। लेकिन आप भूलकर भी उनके घर भोजन न करें। ये अशुभ होता है। इसकी वजह ये है कि किन्नर जो धन एकत्रित करते हैं वह कई प्रकार के लोगों से लिया होता है। इसमें अच्छे और बुरे दोनों लोग होते हैं। इसलिए यहां भोजन करना अच्छा नहीं माना जाता है।
नशे का धंधा करने वाला
गरुड़ पुराण कहती है कि नशे का व्यापार करने वाले के यहां भी भोजन करने से बचना चाहिए। वह नशा बेच कई लोगों के घर तबाह करता है। इससे उसकी कमाई होती है। ऐसे शख्स के घर किया गया भोजन हमे पाप का भागीदार बनाता है।