सावन के महीने में भूलकर भी ना करें ये काम, वर्ना भगवान शिव हो जाते हैं नाराज़
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शिवभक्तों के लिए सावन का महीना बहुत ही ख़ास होता है। इस पूरे महीने में शिवभक्तों के अंदर एक अलग ही उत्साह देखने को मिलता है। शिवभक्त सावन के महीने में दूर-दूर भगवान शिव की आराधना करने के लिए जाते हैं। हिंदू धर्म शास्त्रों में कहा गया है कि ने दिनों की अपेक्षा सावन के महीने में भगवान शिव की पूजा से ज़्यादा लाभ मिलते हैं। इस बार सावन में बहुत ही ख़ास संयोग बन रहा है, इस वजह से इस बार का सावन सबके लिए ख़ुशियों की सौग़ात लेकर आया है। हिंदू धर्मशास्त्रों के अनुसार जिस साल सावन के महीने में पाँच सोमवार पड़ते हैं, उस समय रोटक व्रत लगता है।
इसी वजह से इस बार एक छोटी सी चूक आपको मुसीबत में डाल सकती है। वैसे तो भगवान शिव को भोलेनाथ कहा जाता है, क्योंकि ये सबका भला करते हैं, लेकिन जब ये क्रोधित हो जाते हैं तो ऋष्टि का विनाश भी कर देते हैं। इसलिए इस बार सावन के महीने में भगवान शिव की पूजा करते समय कोई ऐसा काम ना करें, जिससे भगवान शिव का आशीर्वाद आपको ना मिल पाए। आज हम आपको कुछ ऐसी बातों के बारे में बताने जा रहे हैं, जो भगवान शिव की पूजा करते समय बिलकुल भी नहीं करना चाहिए।
भूलकर भी ना करें इस सावन में ये ग़लतियाँ:
*- भगवान शिव का अभिषेक करते समय इस बात का ख़ास ध्यान रखें कि हल्दी का इस्तेमाल बिलकुल भी नहीं करना है।
*- सावन के महीने में बैंगन के बारे में शास्त्रों में भी कहा गया है कि सावन में बैंगन नहीं खाना चाहिए। बैंगन को अशुद्ध माना जाता है, इसलिए सावन में इसे खाने से बचना चाहिए। यही वजह है कि बैंगन को द्वादशी, चतुर्दशी और कार्तिक माह में नहीं खाया जाता है।
*- जो लोग सावन महीने में व्रत करते हैं, उन्हें दूध का सेवन भी नहीं करना चाहिए। इसके पीछे वैज्ञानिक कारण भी है। सावन के महीने में घास के साथ कई तरह के कीड़े-मकौड़े होते हैं, जिन्हें भैंस खा जाती है। इससे उसका दूध ज़हरीला हो जाता है।
*- सावन के महीने में कभी भी अपने मन में बुरे विचार नहीं लाने चाहिए। सावन में हो सके तो ज़्यादातर समय धर्म सम्बंधी किताबों का अध्ययन करें।
*- सावन के महीने में अपने माँ-बाप, बुज़ुर्ग व्यक्ति, भाई-बहन, महिला, ज्ञानी और ग़रीब लोगों का अपमान नहीं करना चाहिए। इससे भगवान शिव क्रोधित हो जाते हैं।
*- शास्त्रों में यह भी कहा गया है कि सावन के महीने में भगवान और भक्त के बीच की दूरी बहुत कम हो जाती है। इस वजह से सुबह देर तक ना सोएँ। सुबह जल्दी जागकर भगवान शिव की आराधना करें।
*- सावन के महीने में माँस-मदिरा के सेवन से भी दूर रहना चाहिए। इससे मन अशुद्ध होता है और अशुद्ध मन में हमेशा बुरे ख़याल ही आते हैं।
*- सावन के महीने में अपने आस-पास के माहौल को साफ़-सुथरा रखें ताकि सकारात्मकता बनी रहे।
*- सावन में पति-पत्नी को दूरी बनाकर रखनी चाहिए। ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए। जो लोग ऐसा नहीं करते हैं, उन्हें नर्क की पीड़ा भुगतनी पड़ती है। ऐसे लोग अगले जन्म में पशु के रूप में पैदा होते हैं।