आप भी रहते है डिप्रेशन में तो आज ही हो जाएँ सावधान, वर्ना हो सकती है घातक बीमारियाँ
आज की भागदौड़ भरी ज़िंदगी में व्यक्ति के पास एक समस्या नहीं है। आज लोग जीवन में कई तरह की समस्याओं का सामना कर रहे हैं, नौकरी की चिंता, घर-परिवार की चिंता, बॉस की डाँट लोगों को तनाव का शिकार बना देती हैं। तनाव एक ऐसी स्थिति होती है, जो किसी भी व्यक्ति की ज़िंदगी को हमेशा के लिए बर्बाद कर देती है। आज के समय में तनाव जैसी समस्या का शिकार ज़्यादातर लोग हैं। तनाव को लोग छोटी समस्या समझकर अनदेखा कर देते हैं, जबकि अगर आप तनाव की वजह से होने वाली परेशानियों के बारे में जानेंगे तो इसे अनदेखा करने की भूल कभी नहीं करेंगे।
लोगों के पास समस्याओं की कमी नहीं है। सभी के जीवन में कोई ना कोई समस्या लगी हुई है। दुनिया में शायद ही कोई ऐसा व्यक्ति होगा जो बिना समस्याओं के जीवन जी रहा होगा। हर व्यक्ति छोटी-बड़ी समस्याओं का सामना करता है। कई लोग जीवन की इन समस्याओं को आसानी से झेल लेते हैं और आगे बढ़ने की कोशिश करते हैं, जबकि कई लोग इसे दिल से लगा लेते हैं और तनाव में चले जाते हैं। यह स्थिति बहुत ही हानिकारक होती है।
तनाव दिमाग़ को समय से पहले बना देता है बूढ़ा:
आपको यह जानकर काफ़ी हैरानी होगी कि डिप्रेशन आपको केवल बीमार ही नहीं बनाता है, बल्कि आपके दिमाग़ को समय से पहले बूढ़ा भी बना देता है। हाल ही में हुई एक रिसर्च से यह बात सामने आयी है कि तनाव की वजह से लोग डिमेंशिया के शिकार हो रहे हैं। इस शोध के अनुसार डिमेंशिया से पीड़ित 65 साल से ज़्यादा वर्ष के 40770 मरीज़ों और 283933 ऐसे मरीजों का चिकित्सकीय रिकार्ड खंगाला है, जिन्हें यह बीमारी नहीं थी। इसके लिए शोधकर्ताओं ने मरीज़ों के रिकार्ड में दर्ज 2 करोड़ 70 लाख चिकित्सीय पर्चों का विश्लेषण किया।
इस विश्लेषण के बाद यह बात सामने आयी कि ऐसे मरीज़ों को डिमेंशिया की अधिकता देखी गयी, जिन्हें अवसादरोधी, मूत्राशय और पर्किंसन जैसी बीमारी की एंटिकोलीनेर्जिक दवाओं के सेवन की सलाह दी गयी थी। अमेरिका की इण्डियाना यूनिवर्सिटी के नोल कैंपबेल ने बताया कि, एंटिकोलीनेर्जिक दवाएँ वो दवाएँ हैं, जो तांत्रिक तंत्र के तांत्रिक संचारण एसीटाइकोलीन को बाधित करता है। पूर्व में भी ज्ञान संबंधी विकार का संभावित कारण मानने के संकेत मिलते रहे। इस अध्ययन से इन दवाओं के नुक़सान के बारे में बताने के लिए काफ़ी है।
शुरुआत में नहीं दिखाई देते हैं लक्षण:
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि डिमेंशिया एक बीमारी नहीं बल्कि एक लक्षण है। इसमें व्यक्ति को भूलने की आदत लग जाती है। वह कोई भी चीज़ भूल जाता है। हर रोज़ के छोटे-मोटे काम उसे याद नहीं रहते हैं। उसे बोलने में दिक़्क़त, खाना ठीक से ना चबाने की आदत, चलने में परेशानी और आक्रामक व्यवहार जैसे लक्षण दिखाई देने लगते हैं। शुरुआत में इसके लक्षण पता नहीं चलते हैं, लेकिन बाद में धीरे-धीरे उस व्यक्ति के साथ रहने वालों को ये लक्षण दिखाई देने लगते हैं। डिमेंशिया के कई लक्षण कई रोगों की वजह से पैदा हो सकते हैं। ये मस्तिष्क को हानि पहुँचाते हैं।