पैगम्बर विवाद पर भारत को मिला बांग्लादेश का साथ, मंत्री बोले मुहम्मद पर टिपण्णी हमारा मसला नहीं
कुछ दिन पहले नूपुर शर्मा ने मुहम्मद पर बयान दिया था, जो कट्टरपंथियों को पसंद नहीं आया
मोहम्मद पर बयान देने के बाद भारतीय जनता पार्टी ने अपनी प्रवक्ता नूपुर शर्मा को 6 साल के लिए पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया था. इससे पहले नूपुर शर्मा ने सोशल मीडिया के माध्यम से अपने बयान पर खेद जताते हुए माफी भी मांग ली थी. हालांकि उन्होंने ने जो कहा तह वो ज़ाकिर नाइक जैसे लोग पहले भी कहते हुए आये हैं और क़ुरान और हदीस में भी वही लिखा है
नूपुर शर्मा ने अपने बयान पर माफी भी मांग ली है और पार्टी ने उन्हें 6 साल के लिए निलंबित कर दिया है. इसके बावजूद विवाद अब तक थमने का नाम नहीं ले रहा है. देशभर में नूपुर शर्मा की गिरफ्तारी की मांग उठ रही है. उनका जमकर विरोध भी हो रहा है. हालांकि उनका समर्थन करने वालों की भी कमी नहीं है.
बता दें कि नूपुर शर्मा का विरोध और समर्थन देश ही नहीं बल्कि विदेश में भी हो रहा है. कई मुस्लिमों देशों ने भी नूपुर के बयान पर आपत्ति जताई है. वहीं कई विदेशी राजनीतिक हस्तियों ने नूपुर का साथ दिया है और उनके बयान का समर्थन किया है. इसी बीच अब इस मामले पर बांग्लादेश से बड़ा बयान सामने आया है.
कई मुस्लिम देशों ने पैगंबर मोहम्मद पर दिए गए नूपुर शर्मा द्वारा विवादित बयान पर आपत्तिजनक बयान देते हुए इस पर अपनी बात रखी जबकि अब बांग्लादेश के मंत्री ने इस मामले पर कहा है कि यह भारत का आंतरिक मामला है. उन्होंने इसमें किसी अन्य को हस्तक्षेप न करने की बात कही है
बता दें कि इस मामले में बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना के सूचना और प्रसारण मंत्री हसन महमूद ने कहा कि मोहम्मद पर विवादित बयान देने के मामले में अन्य देशों में जो माहौल देखने को मिला है अन्य मुस्लिम देशों की तरह बांग्लादेश में यह ध्यान खींचने वाला मामला नहीं है.
बांग्लादेश की सरकार के मंत्री हसन महदूद ने कहा है कि इस मामले में भड़काऊ बयान देने के मामले में भारत में FIR दर्ज की गई है. मुझे उम्मीद है कि आगे की कार्रवाई की जाएगी. वहीं आग उन्होंने कहा कि पैंगबर पर बयान के मामले में बांग्लादेश की सरकार कोई समझौता नहीं कर रही है, न ही कभी वह ऐसा करेगी. मैंने खुद इसकी निंदा की है. मैंने इस मामले पर सार्वजनिक बैठक में निंदा जताई.
आगे अपने बयान में महमूद ने कहा कि ये भारत का आंतरिक मामला है. यह बांग्लादेश का आंतरिक मामला नहीं है, बल्कि बाहर का मामला है. वहीं, ये भारत का मामला है. दुनिया में जहां कहीं भी ऐसा होता है, इस्लामिक पक्ष इसका विरोध करते हैं, यहां भी किया. यह सामान्य बात है.
क्या है विवाद ?
बता दें कि 27 मई को ज्ञानवापी मस्जिद मामले पर एक टीवी डिबेट के दौरान नूपुर शर्मा ने पैगंबर मोहम्मद पर आपत्तिजनक बातें कही थी. उनका वीडियो वायरल हुआ और देखते ही देखते विवाद देश दुनिया तक फ़ैल गया. वहीं अपनी सफाई पेश करते हुए नूपुर शर्मा ने कहा था कि जब हिंदू देवी देवताओं और भगवान शिव का अपमान किया जाता है तब कुछ नहीं. उन्होंने कहा कि महादेव का अपमान मैं बर्दाश्त नहीं कर पाई थी. नूपुर ने भगवान शिव के अपमान के जवाब में मोहम्मद पर बयान दिया था.