43 साल बाद डैनी ने किया खुलासा, इस ख़ास वजह से छोड़ दिया था शोले के गब्बर का रोल
घातक में कातिया, अग्निपथ के कांचा चीना को तो आप सब जानते ही हैं। जी हां हम बात कर रहे हैं, बॉलीवुड के मशहूर विलेन डैनी डेनजोंगपा की। जो इन दिनों जल्द ही बायोस्कोपवाला में सबके सामने आऩे वाले हैं। लेकिन क्या आपको पता है कि डैनी को आज से 43 साल पहले शोले फिल्म के गब्बर सिंह का रोल मिला था। जिसको डैनी ने करने से मना कर दिया था। जो बाद में डायरेक्टर रमेश सिप्पी ने अमजद खान को दे दिया था।
गब्बर सिंह का नाम आज पूरी को सबसे खतरनाक विलेन रूप में माना जाता है। शोले फिल्म जिसने भी देखी गब्बर सिंह को कभी नहीं भूल पाया। अमजद खान इस रोल को करके अमर हो गए, लेकिन उस वक्त ये रोल डैनी डेंजोंगपा को मिला था। लेकिन उन्होने मना कर दिया। फिल्म ने जब इतना नाम कर लिया। तो लोगों ने डैनी की किस्मत को जमकर कोसा, क्योंकि अगर डैनी गब्बर का रोल करते तो आज लोग उन्हें याद करते। लेकिन कहते हैं न की किस्मत से ज्यादा समय से पहले कुछ नहीं मिलता।
डैनी ने बताया कि, ‘मुझे गब्बर के रोल के लिए ना कहने का कोई मलाल नहीं हुआ था। वो इसलिए क्योंकि ‘शोले’ के बाद अमजद खान की प्राइस बढ़ गई थी और इससे उनकी फीस भी ऑटोमेटिकली बढ़ गई थी। वहीं दुनिया जानती है कि पैसा भले डैनी का बढ़ गया हो लेकिन शोहरत तो अमजद खान की बढ़ी थी।
डैनी को ब्लॉकबस्टर फिल्म ‘शोले’ में गब्बर सिंह का रोल ऑफर हुआ था। लेकिन उन्होंने इस रोल को करने से मना कर दिया था। दरअसल उन्हें शोले के डायरेक्टर रमेश सिप्पी ने जब फिल्म ऑफर की तब वे ‘धर्मात्मा’ फिल्म के लिए फिरोज खान को हां कह चुके थे। फिरोज खान ने आफगानिस्तान में शूटिंग की परमिशन भी ले ली थी। लिहाजा शूटिंग टाली नहीं जा सकती थी। तो डेट्स की कमी कारण उन्होंने गब्बर के रोल को ना कहना पड़ा।
डैनी जल्द ही अपनी नई फिल्म ‘बायोस्कोपवाला’ में नजर आएंगे। उनका रोल ‘काबुलीवाला’ के बलराज साहनी के किरदार से प्रेरित है। जिसका नाम रहमत खान है। कहानी के मुताबिक ‘बायोस्कोपवाला’ रहमत खान अफगानिस्तान से कोलकाता आता है। बच्ची मिनी में अपनी बेटी का अक्स देखता है’। इसी के इर्द गिर्द कहानी गढ़ी गई है।
डैनी का अफगानिस्तान से बड़ा कनेक्शन रहा है वो यहां कई फिल्मों की शूटिंग कर चुके हैं। डैनी के मुताबिक, फिरोज खान के साथ ‘धर्मात्मा’ और अमिताभ बच्च्न के साथ ‘खुदा गवाह’ जैसी फिल्मों को अफगानिस्तान में शूट कर चुके हैं। फिल्म ‘खुदा गवाह’ की शूटिंग के दौरान वहां तालिबान का साया था। हम सबने बंदूकों और स्टेटगन के घेरे में शूटिंग की थी। ‘बायोस्कोपवाला’ की कहानी भी अफगानिस्तान की प्रष्ठिभूमि पर आधारित है।
डैनी डेन्जोंगपा इस साल तीन फिल्म ‘बायोस्कोपवाला’, ‘मणिकर्णिका : क्वीकन ऑफ झांसी’ और ‘बैटल ऑफ सारागढ़ी’ में नजर आएंगे। ‘मणिकर्णिका : क्वीलन ऑफ झांसी’ में वे गुलाम मोहम्मद गौस खान बने हैं, जो झांसी की रानी का खास रक्षक था। वहीं दूसरी तरफ ‘बैटल ऑफ सारागढ़ी’ में वे अफगान सरदार के रोल में हैं। इसमें रणदीप हुड्डा भारतीय सेना के प्रमुख की भूमिका में हैं। इसके साथ ही ‘बैटल ऑफ सारागढ़ी’ की शूटिंग भी जल्दी ही शुरू होने वाली है।