फिर से संसदीय दल की नेता चुनी गई सोनिया गांधी, कहा-हम दोबारा उठकर खड़े होंगे
लोकसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद कांग्रेस पार्टी एक बार फिर से अपने आपको मजबूत करने में लग गई है और पार्टी को बचाने के लिए सोनिया गांधी ने फिर से कांग्रेस का मोर्चा संभाल लिया है। आज दिल्ली में हुई कांग्रेस पार्टी की बैठक में सोनिया गांधी को एक बार फिर से पार्टी के संसदीय दल का नेता चुना लिया गया है। दरअसल आज संसद भवन में कांग्रेस के 52 नवनिर्वाचित सांसदों, राज्यसभा सदस्यों और महासचिवों की एक बैठक हुई थी और इस बैठक में सोनिया गांधी को पार्टी के संसदीय दल का नेता चुना गया है। आपको बात दें कि सोनिया गांधी साल 2004 से लगातार इस पद पर बनी हुई हैं।
किया मतदातों का शुक्रिया
पार्टी के संसदीय दल का नेता चुने जाने के बाद सोनिया गांधी ने संसद भवन में कांग्रेस के नेताओं को संबोधित करते हुए कहा कि हमारी पार्टी मौजूदा चुनौतियों के सामने अटल है और फिर से खड़ी होगी। हम लोग हमारे देश की जनता के लिए सड़क और सांसद में लडेंगे। अपने भाषण के दौरान सोनिया ने उन वोटरों का शुक्रिया भी किया जिन्होंने कांग्रेस पार्टी पर भरोसा जताते हुए पार्टी के पक्ष में वोट डाले। सोनिया ने कहा, हम कांग्रेस पार्टी में भरोसा रखने के लिए 12.13 करोड़ मतदाताओं को धन्यवाद देते हैं।
हमारे लिए संकट का समय है
बीजेपी से लगातार दो बार लोकसभा चुनाव में मिली हार को लेकर सोनिया गांधी ने कहा कि ये हमारे लिए संकट का समय है, मगर हमारे पास अभी भी अवसर हैं। हमें लोकसभा चुनाव में मिली हार से सही सबक सीखने की जरुरत है। हम लोग अपना हौसला नहीं खोएंगे और सरकार को उसके वादे याद दिलाते रहेंगे।
सोनिया के अलावा राहुल गांधी ने भी कांग्रेस संसदीय दल की बैठक को संबोधित किया और अपने संबोधन में राहुल ने कहा, हमारी पार्टी का हर नेता संविधान और बिना भेदभाव के भारत के हर नागरिक के लिए लड़ता रहेगा।
गौरतलब है कि साल 2014 में हुए लोकसभा चुनाव में भी कांग्रेस की बुरी तरह से हार हुई थी और ये पार्टी 44 सीटें ही जीतने में कामयाब हो पाई थी। इतनी कम सीटे जितने के बाद पार्टी के अध्यक्ष राहुल गांधी ने कांग्रेस को साल 2019 के लोकसभा चुनाव जीताने के लिए खूब मेहनत की थी। लेकिन साल 2019 के लोकसभा चुनाव में फिर से कांग्रेस पार्टी का प्रदर्शन काफी निराशाजनक रहा और इस बार ये पार्टी लोकसभा की केवल 52 सीट ही जीत पाने में कामयाब हुई। वहीं बीजेपी पार्टी से मिली हार के बाद कांग्रेस के अध्यक्ष ने इस हार की जिम्मेदारी अपने ऊपर ली है और 25 मई को कांग्रेस कार्यसमिति (सीडब्ल्यूसी) की हुई बैठक में अपने इस्तीफे की पेशकश की थी। हालांकि,सीडब्ल्यूसी ने राहुल के इस्तीफे को स्वीकार नहीं किया है।
अपनी पार्टी के कई नेताओं से हैं नाराज
लोकसभा चुनाव में हार मिलने के बाद राहुल गांधी अपनी पार्टी के कई वरिष्ठ नेताओं से नाराज हैं। बताया जा रहा है कि राहुल राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और इस राज्य के उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट से बात नहीं कर रहे हैं और ना ही किसी नेता से निजी तौर पर मिल रहे है।