200 साल पुराने इस हनुमान मंदिर में भक्तों के कष्टों का होता है अंत, बजरंबली सबका करते है कल्याण
महाबली हनुमान जी कलयुग में भी हमारे बीच धरती पर सशरीर मौजूद है, वर्तमान समय में भी यह अपने भक्तों के सभी कष्ट दूर करने वाले माने जाते हैं, ऐसा कहा जाता है कि यह अपने भक्तों की पुकार तुरंत सुनते हैं और व्यक्ति के जीवन के सभी कष्ट चमत्कारिक रूप से दूर हो जाते हैं, बहुत से लोग ऐसे हैं जो हनुमान जी की कृपा प्राप्त करने के लिए इनकी पूजा अर्चना करते हैं, जो व्यक्ति हनुमान जी की शरण में जाता है उसको सभी सुख-सुविधाएं प्राप्त होती है, हनुमान जी हमारे रक्षक हैं, यह कलयुग में भी धरती पर विचरण करते हैं, देश भर में ऐसे बहुत से हनुमान मंदिर है जहां पर भक्त अपने जीवन की दुख परेशानियां लेकर जाते हैं और इन मंदिरों में हनुमान जी के दर्शन करने मात्र से ही व्यक्ति के कष्ट दूर हो जाते हैं।
ऐसा बताया जाता है कि देश के इन मंदिरों के अंदर हनुमान जी का चमत्कार देखने को मिलता है, जो भक्त अपने सच्चे मन से इनकी पूजा-अर्चना करता है उसकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती है, आज हम आपको बजरंगबली के एक ऐसे चमत्कारिक मंदिर के बारे में जानकारी देने वाले हैं जिसके बारे में ऐसा बताया जाता है कि इस मंदिर में दर्शन करने वाले भक्तों की सभी मनोकामनाएं हनुमान जी के आशीर्वाद से पूरी हो जाती है।
हम आपको संकट मोचन हनुमान जी के जिस चमत्कारिक मंदिर के बारे में जानकारी देने वाले हैं यह मंदिर मध्य प्रदेश की भूमि पर स्थित है, जिसको “हनुमान दादा मंदिर” के नाम से लोग जानते हैं, हनुमान जी का यह चमत्कारिक मंदिर भोपाल से करीब 40 किलोमीटर की दूरी पर रायसेन जिले के ग्राम छिंद में बना हुआ है, यह मंदिर भक्तों की आस्था का प्रमुख केंद्र है, इस मंदिर के अंदर वर्ष भर भक्तों की भारी भीड़ लगी रहती है और सबसे विशेष बात यह है कि इस मंदिर के अंदर प्रत्येक मंगलवार के दिन भक्त यहां पर माथा टेकने के लिए दूर-दराज से आते हैं, प्रत्येक मंगलवार के दिन हनुमान जी के इस मंदिर में भंडारे का आयोजन किया जाता है, भंडारे के पश्चात इस मंदिर में भजन संध्या भी होती है, दूर-दूर से भक्त अपनी मनोकामनाएं लेकर इस मंदिर में पैदल ही हनुमान दादा के दर्शन करने के लिए आते हैं, आपको बता दें कि इस मंदिर के अंदर झंडे अर्पित करना, चादर अर्पित करना और चोला चढ़ाने का रिवाज है जो कि पुराने समय से ही चला आ रहा है।
महाबली हनुमान जी के इस मंदिर के अंदर निर्धन, गरीब, नेता, अभिनेता सभी अपना सर झुकाते हैं, इस मंदिर के परिसर में एक विशाल पीपल का पेड़ लगा हुआ है जिसके नीचे दक्षिणमुखी दादा जी की प्रतिमा नजर आती है, विशेष रूप से मंगलवार और शनिवार के दिन दूर-दूर से श्रद्धालु हनुमान जी के दर्शन करने के लिए आते हैं, यह मंदिर करीब 200 साल पुराना बताया जाता ,है ऐसा कहा जाता है कि काफी पहले हनुमान जी का एक परम भक्त हुआ करता था, जिसने यहां पर साधना की थी, हनुमान जी ने अपने भक्त से प्रसन्न होकर दादा जी सदैव इस प्रतिमा में साक्षात निवास करते हैं, जो भक्त अपने सच्चे मन से हनुमान जी के दर्शन करता है उसके सभी कष्ट हनुमानजी दूर करते हैं।