पति की मौत के 3 महीने बाद बनी दुल्हन, शादी में शामिल हुए 3 बच्चे, 1 महीने पहले हुआ प्यार – Pics
अकेले जीवन काटना बड़ा मुश्किल होता है। खासकर जब तब आप एक महिला हो और आपके तीन बच्चे हो। मध्य प्रदेश के छतरपुर के पनागर गांव की रहने वाली सुशीला कुशवाहा की हालत भी कुछ ऐसी थी। उसके पति की 3 महीने पहले मौत हो गई थी। अचानक उसके ऊपर बच्चों की सारी जिम्मेदारी आ गई। फिर एक महीने पहले उसे एक शख्स से इश्क हो गया। और हाल ही में दोनों शादी के बंधन में बंध गए।
3 महीने पहले हुई पति की मौत
सुशीला मुख्य रूप से छतरपुर जिले के भीमकुंड की रहने वाली है। करीब दस साल पहले उसे पनागर के सुशील से इश्क हो गया था। दोनों शादी करना चाहते थे। लेकिन परिवार इसके खिलाफ था। ऐसे में कपल ने परिवार के खिलाफ जाकर लव मैरिज कर ली। इस शादी से उसे तीन बच्चे प्रतीक्षा (8), मोहित (4) और वैशाली (1) हुए। शादी की शुरुआत में सबकुछ अच्छा चला लेकिन फिर दिक्कतें आने लगी।
सुशीला के ससुराल वालों ने उन्हें अपनाया नहीं था। ऐसे में पति ने बीवी बच्चों के पालन पोषण के लिए कर्ज ले लिया। फिर उसकी अपने परिवार से दिक्कतें भी शुरू हो गई। वह दबाव में रहने लगा। और तीन महीने पहले उसने जहर खाकर आत्महत्या कर ली। पति की मौत से सुशीला का जीवन अस्त व्यस्त हो गया। उसने अकेले बच्चों को संभालने की कोशिश की, लेकिन बहुत दिक्कतें आने लगी।
एक महीने पहले हुए प्यार और अब शादी
फिर करीब एक महीने पहले सुशीला की मुलाकात लखनगुवां के रहने वाले अज्जू कुशवाहा से हुई। दोनों एक ही समाज से थे इसलिए दोनों की बातचीत शुरू हो गई। दोनों अच्छे दोस्त बन गए। अज्जू सुशीला की बहुत परवाह करने लगा। उसके हालचाल लेता और उसका दुख बाटता। सुशीला को अज्जू की ये बात पसंद आई। उसने आगे रहकर शादी के लिए प्रपोज कर दिया। अज्जू ने भी इसे स्वीकार कर लिया।
अज्जू कुंवारा था, जबकि सुशीला विधवा, इसलिए उसके घरवाले शादी को नहीं माने। लेकिन बाद में अज्जू ने सबको मना लिया। हालांकि सुशीला के घरवालों ने दूरी बना ली। फिर कपल ने रविवार को छतरपुर में मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के तहत नगर पालिका द्वारा आयोजित सामूहिक विवाह सम्मेलन में एक दूसरे से शादी कर ली। इस शादी में अज्जू का पूरा परिवार शामिल हुआ, लेकिन सुशीला की तरफ से सिर्फ उसके 3 बच्चे आए।
लोग क्या सोचते हैं नहीं पड़ता फर्क
अज्जू ने बताया कि उसे सुशीला से पहली नजर में ही प्यार हो गया था। उसे इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता कि वह शादीशुदा और विधवा है। समाज में लोग इस शादी को लेकर क्या सोचते हैं इस बात से भी उसे कोई फर्क नहीं पड़ता है। उसने अग्नि के समक्ष ईश्वर को साक्षी मानकर सात फेरे लिए हैं। सुशीला के साथ-साथ उसके तीनों बच्चों को भी अपनाया है। वह उन्हें पिता का सुख और नाम देगा। वह अपनी जिंदगी से खुश है।
मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के तहत इस प्रेमी जोड़े को 11 हजार रुपए का चेक और कुछ घरेलू सामान भी भेंट में मिला। वैसे इस अनोखी शादी को लेकर आपके क्या विचार हैं? यदि आपके परिवार में कोई लड़का ऐसी शादी करे तो क्या आप उसे सपोर्ट करेंगे ?