अध्यात्म

इस एक मंत्र के जाप से होता है धनलभ, नहीं रहती जीवन में किसी चीज़ की कमी

हर व्यक्ति को जीवन की कुछ ज़रूरतों को पूरा करने के लिए धन-दौलत की आवश्यकता पड़ती ही है। आज के समय में जिसे देखो वही धन-दौलत के पीछे पागल हुआ रहता है। लोग यह चाहते हैं कि उनके पास जल्द से जल्द इतना पैसा आ जाए कि वह जीवन की हर इच्छा को आसानी से पूरा कर सकें, लेकिन सबके साथ ऐसा हो नहीं पाता है। कुछ लोग अपना जीवन बड़े मज़े में गुज़ारते हैं तो कुछ लोग जीवनभर संघर्ष करते रहते हैं। ऐसे लोग चाहते हैं कि उन्हें भी ख़ूब धन की प्राप्ति हो जाए।

करें माता लक्ष्मी के साथ श्री गणेश की भी पूजा:

कहा जाता है कि हर व्यक्ति को उसके कर्म के हिसाब से ही फल मिलता है। लेकिन कई बार अच्छे कर्म करने वालों को भी जीवन में कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इसके पीछे क्या वजह हो सकती है, यह सोचकर व्यक्ति काफ़ी परेशान होता है। ज़्यादातर लोग धन प्राप्ति के लिए माता लक्ष्मी की आराधना करते हैं। जबकि हिंदू धार्मिक मान्यता के अनुसार माता लक्ष्मी के साथ ही श्री गणेश की भी पूजा की जानी चाहिए। इन दोनो की पूजा से व्यक्ति के जीवन के सभी दुःख दूर हो जाते हैं।

पा सकते हैं जीवन के सभी दुखों से मुक्ति:

बुधवार को श्री गणेश का दिन माना जाता है, वहीं शुक्रवार को माता लक्ष्मी का दिन माना गया है। बुधवार को श्री गणेश के साथ ही माता लक्ष्मी की पूजा करने से रिद्धि-सिद्धि की प्राप्ति होती है और महालक्ष्मी की कृपा से धन-दौलत की कमी दूर हो जाती है। केवल यही नहीं सावन महीने में इन दोनो देवी-देवताओं की पूजा से विशेष फल की भी प्राप्ति होती है। आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि श्री गणेश और माता लक्ष्मी की पूजा किस तरह से करके आप जीवन के सभी दुखों से मुक्ति पा सकते हैं।

सबसे पहले सुबह जागकर स्नान करनेके बाद पीले रंग के वस्त्र धारण करें। किसी मंदिर में जाकर श्री गणेश और माता लक्ष्मी की पूजा की तैयारि करें। अब पूर्व दिशा की तरफ़ मुँह करके कुश के आसन पर बैठ जाएँ। श्री गणेश और माता लक्ष्मी का पंचामृत से स्नान करवाएँ। इसके बाद श्री गणेश की मूर्ति को हल्दी से रंगे हुए पीले चावल पर विराजित करें। वहीं देवी लक्ष्मी को कुमकुम से रंगे हुए लाल रंग के चावल पर विराजित करें। श्री गणेश को चंदन लाल फूल चढ़ाएँ और माता लक्ष्मी को कुमकुम और लाल फूल अर्पित करें। इसके बाद गुड़ से बने हुए लड्डू और खीर का भोग लगाएँ।

माँगे अपनी ग़लतियों के लिए माफ़ी:

भोग लगाने के बाद अगरबत्ती और दीपक जलाएँ और श्री गणेश एवं माता लक्ष्मी की आरती करें। पूजा की समाप्ति पर भगवान से अपनी ग़लतियों के लिए माफ़ी माँगें और अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए प्रार्थना करें। इसके बाद पंचामृत और प्रसाद ग्रहण करें और दूसरों को भी बाटें। इस पूजा के दौरान श्री गणेश और माता लक्ष्मी के मंत्र का जाप भी करें।

लक्ष्मी-विनायक मंत्र:

दन्ताभये चक्र दरो दधानं, कराग्रस्वर्णघटं त्रिनेत्रम्।
धृताब्जया लिंगितमब्धिपुत्रया लक्ष्मी गणेशं कनकाभमीडे।।
श्रीं गं सौम्याय गणपतये वर वरदे सर्वजनं में वशमानय स्वाहा।।

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि पूजा के दौरान इस मंत्र का कम से कम 108 बार जाप ज़रूर करें। मंत्र का जाप करने के लिए कमलगट्टे की माला का उपयोग करें। मंत्र का जाप सही उच्चारण के साथ करना बहुत ही ज़रूरी होता है।

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