इन चमत्कारिक मंदिरों में आज भी शिवजी करते हैं निवास, जानिए इन प्रसिद्ध मंदिरों की विशेषता
देशभर में भगवान शिव जी से जुड़े हुए बहुत से प्रसिद्ध मंदिर मौजूद है, जहां पर भक्तों का भारी संख्या में तांता लगा रहता है, इन मंदिरों में लोग भगवान भोलेनाथ की कृपा प्राप्त करने के लिए भारी संख्या में दूर-दूर से आते हैं, भगवान शिव जी के ऐसे बहुत से जाने-माने मशहूर मंदिर है जिसके बारे में बहुत से लोगों को जानकारी होगी, इन मंदिरों की अपनी कोई ना कोई खासियत है जिसकी वजह से देश विदेश के लोग इन मंदिरों के बारे में जानते हैं, आज हम आपको भगवान शिव जी के ऐसे मंदिरों के बारे में जानकारी देने वाले हैं जो दुनिया भर में अपनी खासियत के लिए प्रसिद्ध है, लेकिन ज्यादातर लोगों को इन मंदिरों के इतिहास के बारे मैं नहीं पता होगा।
आइए जानते हैं शिव जी के इन प्रसिद्ध मंदिरों के बारे में
गोपेश्वर मंदिर
भगवान शिव जी का चमत्कारिक और प्रसिद्ध मंदिर वृंदावन में स्थित है, जिसको गोपेश्वर मंदिर के नाम से लोग जानते हैं, इस मंदिर के बारे में ऐसा बताया जाता है कि एक बार यहां राधा और श्री कृष्ण महारास कर रहे थे उन्होंने गोपियों को यह आदेश दिया था कि इस स्थान पर कोई भी पुरुष ना आए, लेकिन उसी दौरान महादेव जी उनसे मिलने के लिए आ गए थे, गोपियों ने कृष्ण-राधा के द्वारा दिए गए आदेश का पालन किया था और शिव जी को बाहर ही रोक दिया था, गोपियों ने भोलेनाथ से कहा था कि आप केवल स्त्री के रूप में ही अंदर प्रवेश कर सकते हैं, तब महादेव ने गोपी का रूप धारण किया और अंदर गए लेकिन भगवान श्री कृष्ण जी ने महादेव को पहचान लिया था, तभी से इस मंदिर का नाम गोपेश्वर महादेव मंदिर पड़ा है।
रंगेश्वर मंदिर
भगवान शिव जी का रंगेश्वर मंदिर बहुत ही चमत्कारिक माना गया है, ऐसा बताया जाता है कि यहां पर दर्शन और पूजा करने से सभी प्रकार के कष्ट दूर हो जाते हैं, रंगेश्वर महादेव मंदिर में खप्पर और जेहर की पूजा का विशेष महत्व माना गया है, महाशिवरात्रि के पश्चात आने वाली अमावस्या को यहां पर नवविवाहित महिलाएं पुत्र प्राप्ति के लिए पूजा करती है, इस मंदिर के बारे में ऐसा बताया जाता है कि कंस का वध करने के पश्चात भगवान श्री कृष्ण जी और बलराम में झगड़ा हो गया था, पौराणिक कथा के अनुसार तब देवों के देव महादेव यहां पाताल से प्रकट हुए और रंग है, रंग है, रंग है कहते हुए फैसला सुनाया था कि श्री कृष्ण ने कंस को छल और बलराम ने बल से मारा है, ऐसा बताया जाता है कि जिस स्थान पर भोलेनाथ प्रकट हुए थे वहां पर रंगेश्वर महादेव मंदिर स्थापित है।
आश्वेश्वर मंदिर
देवों के देव महादेव का एक प्रसिद्ध मंदिर नंद गांव में स्थित है, जिसको आश्वेश्वर मंदिर कहा जाता है, इस मंदिर के बारे में ऐसा बताया जाता है कि भगवान शिव जी यहां पर भगवान कृष्ण जी के दर्शन के लिए आए थे, जब वासुदेव अपने पुत्र श्री कृष्ण जी को नंद के यहां छोड़ कर चले गए थे तब भगवान शिव जी श्री कृष्ण जी के दर्शन के इच्छुक थे, तब वह एक योगी का रूप धारण करके यहां पर आए थे और माता यशोदा से कृष्ण जी के दर्शन करने के लिए कहा था, परंतु यशोदा माता ने अपने लाल के दर्शन कराने से मना कर दिया था, लेकिन भगवान शिव जी वहां से नहीं गए और वहीं पर जब तक यशोदा ने कृष्ण जी के दर्शन नहीं कराए बैठे रहे थे, आखिर में यशोदा को श्री कृष्ण जी के दर्शन ही कराने पड़ गए थे।