भैरव बाबा के इस मंदिर में हर मनोकामना होती है पूरी, 21 रविवार हाजरी लगाने से कष्ट होते हैं दूर
वर्तमान समय में भी देश भर के मंदिरों के चमत्कार और उनकी विशेषताएं लोगों की आस्था का केंद्र बनी हुई है, देश भर में ऐसे बहुत से मंदिर स्थित है जिनके प्रति लोगों के मन में आस्था देखने को मिलती है, देशभर के इन मंदिरों में होने वाले चमत्कारों को देखकर अक्सर लोग अचंभित रह जाते हैं और उनको यह सभी चमत्कार एक सपने की तरह नजर आते हैं, परंतु आस्था में विश्वास करने वाले लोग इनको भगवान का चमत्कार ही मानते हैं और जो लोग आस्था में विश्वास नहीं रखते उनके लिए यह सब अंधविश्वास मात्र है, इन्हीं चमत्कारिक मंदिरों में से एक आज हम आपको एक ऐसे मंदिर के बारे में जानकारी देने वाले हैं जिस मंदिर के अंदर अगर 21 रविवार हाजिरी लगाई जाए तो भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती है और उसके जीवन के सभी कष्ट समाप्त हो जाते हैं।
दरअसल, आज हम जिस मंदिर की बात कर रहे हैं यह मंदिर बाबा विश्वनाथ की पावन नगरी काशी में स्थित है काशी को भगवान शिवजी की नगरी कहा जाता है भगवान शिव जी के भक्त बाबा विश्वनाथ के दर्शन के लिए वर्ष भर भारी संख्या में आते हैं, इस मंदिर के बारे में ऐसा बताया जाता है कि अगर काशी में भैरव के दर्शन नहीं किया जाए तो बाबा विश्वनाथ का दर्शन अधूरा ही माना जाता है, भैरव बाबा का यह मंदिर वाराणसी के कमछा क्षेत्र के अपने दो रूप में विराजमान है, ऐसा कहा जाता है कि इन दोनों रूपों के दर्शन करने से व्यक्ति के ऊपर अगर ग्रहों की किसी प्रकार की बाधा है तो वह समाप्त हो जाती है, इतना ही नहीं इससे संतान प्राप्ति की इच्छाएं भी पूर्ण होती है, वैसे तो इस मंदिर में रोजाना भक्तों की भारी भीड़ लगी रहती है परंतु रविवार के दिन भक्तों की कुछ अधिक ही भीड़ देखने को मिलती है, भैरव बाबा के दर्शन करने के लिए यहां भक्तों का ताँता लगा रहता है, अगर आप इस मंदिर के परिसर में प्रवेश करेंगे तो इस मंदिर की बाईं तरफ बटुक भैरव की दिव्य प्रतिमा मौजूद है ऐसा माना जाता है कि बटुक भैरव के दर्शन से सभी प्रकार के भय से छुटकारा प्राप्त होता है।
इस मंदिर के अंदर भैरव बाबा के पहले रूप के दर्शन करने मात्र से ही भक्तों के सभी कष्ट दूर होते हैं, भैरव बाबा का पहला रूप उनका बाल रूप है, इसके बारे में ऐसा बताया जाता है कि अगर इनके दर्शन किए जाए तो पुत्र प्राप्ति की इच्छा पूरी होती है, यहां की मान्यता अनुसार ऐसा बताया जाता है कि अगर कोई भक्त 21 मंगलवार या रविवार इनके दरबार में हाजिरी लगाता है तो उसके जीवन के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं और उसका जीवन खुशियों से भर जाता है, दूसरे हिस्से में भैरव बाबा का दूसरा रूप देखने को मिलता है भैरव बाबा का यह रूप भी बाल रूप है इसके बारे में ऐसा कहा जाता है कि इनके दर्शन करने से राहु और केतु की सभी बाधाएं दूर होती है और भक्तों को आशीर्वाद प्राप्त होता है, इस मंदिर के पुजारी का ऐसा बताना है कि जो भक्त इनके दर्शन करता है उनकी सभी इच्छाएं पूरी होती हैं।
इस मंदिर के खुलने का समय सुबह 4:00 से दोपहर 1:00 बजे तक है और शाम के वक्त 4:00 बजे को यह मंदिर खुलता है और रात को 12:00 बजे तक खुला रहता है, इस मंदिर के अंदर तीन बार आरती की जाती है और इस आरती में सबसे विशेष बात यह है कि आरती के समय नगाड़े बजाए जाते हैं ऐसा माना जाता है कि इस मंदिर में पूजा और आरती के समय जो नगाड़ा बजाता है उसके ऊपर भैरव बाबा की विशेष कृपा दृष्टि बनी रहती है।