भाईदूज 2017 : यदि नहीं है आपकी बहन तो इस तरह भाईदूज मनाना है बेहद लाभकारी
भाईदूज हिन्दू धर्म में भाई बहन के स्नेह के प्रतिक के रूप में मनाया जाना वाला त्यौहार है. हिन्दू धर्म में भाई बहन के लिए साल भर में २ त्यौहार मनाये जाते है जिसमे पहला सावन मास की पूर्णिमा को रक्षाबंधन के रूप में मनाया जाता है. जिसमे बहन अपने भाई के हाथ में राखी बांधकर अपने भाई की लम्बी आयु की प्रार्थना करती है और भाई अपनी बहन की रक्षा करने प्रण लेता है. और दूसरा दीवाली के दो दिन बाद भाईदूज का मनाया जाता है. भाईदूज के पवन अवसर पर बहन अपने भाई की लम्बी आयु के लिए प्रार्थना करती है. भाईदूज का त्यौहार कार्तिक मास की द्वितीया तिथि को मनाया जाता है इस साल यह 21 अक्तूबर को शनिवार के दिन मनाया जायेगा. जो की दीवाली के दो दिन बाद होता है.
भाईदूज के दिन बहन अपने भाई के जीवन में सफलता पाने और उसकी लम्बी आयु, अच्छा स्वस्थ के लिए मंगल कामना करती है और अपने भाई को तिलक करती है. इस दिन जिन लोगो की बहन की शादी हो जाती है वो भाई अपनी बहन के घर जाते है वहा जेक तिलक करवाते है. भाईदूज के दिन बहन के घर खाना खाने से बहुत लाभ मिलता है और इस दिन बहन को अपने भाई के को चावल खिलाने चाहिए.
इस प्रकार से भाई दूज का ये त्यौहार बहुत ही पावन मन जाता है साल भर में आने वाले त्योहारों में से भाई बहन के स्नेह के लिए भी बहुत महत्व रखता है. अगर किसी की सफी बहन नही होती है तो उनकी चचेरी बहन या ममेरी बहन या ममेरी बहन उस भाई के लिए तिलक करती है और उसके जीवन के लिए प्रार्थना करती है.
अगर किसी की बहन नही है तो वह गाय या फिर किसी नदी के पास बैठकर भोजन करने से बुत लाभ मिलता है ये भी शुभ मन गया है भाई दूज के दिन. इस दिन यमराज व यमुना जी के पूजन का विशेष महत्व है इस प्रकार से भाई दूज का त्यौहार बहुत शुभ माना जाता है.
शुभ मुहूर्त
तारीख- 21 अक्टूबर
दिन- शनिवार
शुभ मुहूर्त- द्वितीया तिथि का आरंभ दोपहर 1:37 बजे से
द्वितीया तिथि समाप्त 3:00 बजे 22 अक्टूबर