पोटैशियम की कमी से होती है ये 7 समस्याएं, नंबर 3 से तो है हर कोई परेशान
स्वस्थ रहने के लिए संतुलित आहार जरूरी है। जिसके लिए कैल्शियम, विटामिन, आयरन, मिनरल्स, पोटैशियम, जैसे अनेक पोषक तत्वों की आवश्यक्ता होती है। जिसमें आज हम पोटैशियम और पोटैशियम की कमी से होने वाले बीमारीयो तथा उनके लक्षणों के बारे में बताएँगे ।
डॉक्टरों के मुताबिक एक शरीर को रोजाना 47000 मिलीग्राम पोटैशियम की जरूरत होती है। पोटैशियम की कमी से हाइपोकैलिमिया नामक गंभीर बीमारी का खतरा शरीर को रहता है। साथ ही मानसिक रोग के होने की संभावना भी बढ़ जाती है। चूँकि पोटैशियम दिल दिमाग और मांसपेशियों को सुचारू रूप से चलाने का कार्य करते हैं। इसीलिए पोटैशियम का शरीर में संतुलित मात्रा में होना बेहद अनिवार्य है।
आइए जानते हैं कि पोटैशियम की कमी से हमारे शरीर में क्या क्या लक्षण दिखते हैं, जिसे समय से पहचानकर शरीर में पोटैशियम की मात्रा को संतुलित रखा जा सकता है।
- हार्ट बीट का बढ़ना– दिल की धड़कन के तेज होने के तो बहुत से कारण हैं, पोटैशियम की कमी भी इसका एक कारण माना जाता है। रक्त में पोटैशियम की मात्रा घट जाने से दिल के धड़कने में बाधा उत्पन्न होती है। इसलिए कहा जाता है कि पोटैशियम दिल के धड़कन को सामान्य रखने में काफी सहायक होता है।
- हाई ब्लड प्रेशर– रक्त के ठीक ढंग से चलने के लिए पोटैशियम मदद करता है। पोटैशियम की कमी से रक्त वाहिकाओं पर दबाव पड़ता है और ब्लड प्रेशर बाधित होती है।
- थकान– शरीर को संतुलित आहार न मिलने से थकान बनी रहती है। पोषक तत्वों के कमी से मांस पेशियों का लचीलापन खो जाता है और मांस पेशियाँ सख्त हो जाते हैं। जो शरीर के थकान का कारण बनती हैं।
- कमजोरी- भोजन में सभी पोषक तत्वों का होना अनिवार्य है। पोटैशियम की मात्रा कम होने से शरीर में लैक्टिक एसिड की मात्रा बढ़ जाती है। जो कमजोरी का कारण बनती है।
- डिप्रैशन– अधिक तनाव से डिप्रेशन होता है और इसका एक प्रमुख कारण पोटैशियम की कमी है।
- इनशोमेनिया– इनशोमेनिया एक खास तरह की बीमारी है जो नींद नहीं आने की वजह से होती है। अर्थात नींद का न आना पोटैशियम की कमी का पुख्ता संकेत है।
- सोडियम की मात्रा बढ़ना– सोडियम की मात्रा बढ़ने से पोटैशियम की कमी हो जाती है। जिससे दिल की बीमारी के खतरे बने रहते हैं। फास्ट फूड का कम सेवन करना चाहिए जिससे सोडियम की मात्रा कंट्रोल रहे।
पोटैशियम से भरपूर आहार क्या क्या हैं?- यदि शरीर को उपरोक्त संकेत मिले तो पोटैशियम के स्त्रोत वाले आहार का सेवन करें। पोटैशियम का सबसे अच्छे स्त्रोत आलू, हरी सब्जियां माने जाते हैं। इनके अलावा मछली, अनाज, मशरूम, दही भी अच्छे स्त्रोत हैं। फलों की बात की जाए तो केला और संतरा पोटैशियम से भरपूर आहार हैं।
पोटैशियम के फायदे-
- मांसपेशियों के दर्द को कम करना- शरीर में अधिकांश पोटैशियम मांस पेशियों के कोशिकाओं में रहते हैं। पोटैशियम मांसपेशियों और मष्तिस्क की तंत्रिकाओं के बीच संबंधो को और अधिक सुचारू रूप से चलाता है।
हड्डियों के लिए- हड्डियों के स्वस्थ रहने के लिए कैल्शियम के साथ साथ पोटैशियम भी जरूरी होता है। पोटैशियम शरीर में लैक्टिक और दूसरे प्रकार के एसिड को कम करता है जो हड्डियों को दर्द से दूर रखते हैं।
- ब्लड प्रेशर को सामान्य रखने में सहायक
- हड्डियों के लिए बेहद जरूरी
- शरीर में बनने वाले तरल पदार्थों को संतुलित करता है।
पोटैशियम की अधिकता से नुकसान- किसी भी चीज की अधिक मात्रा हानिकारक ही होती है। इसी तरह शरीर में सभी पोषक तत्वों का संतुलन आवश्यक है। पोटैशियम की अधिक मात्रा हमारे स्वास्थय संबंधी कई बीमारीयों को पैदा कर सकती है।