अध्यात्म

हर किसी मनुष्य को भगवान विष्णु से सीखने चाहिए सफलता के ये मूल मंत्र, जीवन को मिलेगी नई दिशा

एक सफल व्यक्ति बनने की चाहत हर किसी मनुष्य की होती है, परंतु क्या हर कोई व्यक्ति सफल हो पाता है? जी नहीं, क्योंकि एक सफल व्यक्ति बनने के लिए व्यक्ति के अंदर वह सभी गुण मौजूद होने चाहिए जिससे वह आगे बढ़ सके, आज हम आपको इस लेख में सफलता के मूल मंत्र बताने वाले हैं दरअसल, हर किसी व्यक्ति को भगवान विष्णु जी से कुछ सफलता के मूल मंत्र सीखने चाहिए।

जैसा कि आप सभी लोग जानते हैं भगवान विष्णु जी जगत के पालनहार माने गए हैं, हिंदू धर्म के अनुसार भगवान विष्णु जी को परमेश्वर के तीन मुख्य रूपों में से एक माना गया है और यह त्रिमूर्ति के अहम हिस्से है, अगर आप अपने जीवन में एक सफल व्यक्ति बनना चाहते हैं तो आपको भगवान विष्णु जी से सीख लेने की आवश्यकता है, आखिर हम कौनसी सीख ले कर सफलता के मार्ग पर आगे बढ़ सकते हैं चलिए जानते हैं इसके बारे में।

भगवान विष्णु से सीखनी चाहिए सफलता के यह मूल मंत्र

1. किसी भी व्यक्ति की सहायता करना एक अच्छी बात है परंतु ज्यादातर ऐसे लोग होते हैं जब किसी के ऊपर उपकार करते हैं तो बदले में उनको यही उम्मीद रहती है कि वह व्यक्ति भी हमारी सहायता करें, लेकिन अगर हम विष्णु पुराण के अनुसार देखें तो भगवान विष्णु जी ने यह बताया है कि व्यक्ति को हमेशा उपकार करते रहने चाहिए परंतु उसके बदले में कभी भी किसी चीज की उम्मीद नहीं करना चाहिए।

2. पौराणिक कथाओं में इस बात का उल्लेख किया गया है कि जब भी राक्षसों ने विनाश कार्य आरंभ किया था तब सभी देवता गण भगवान विष्णु जी की शरण में गए थे, भगवान विष्णु जी का पहला संदेश यह है कि मनुष्य को हमेशा धैर्य बनाए रखना चाहिए, भगवान विष्णु जी ने धैर्य रखते हुए संसार का कल्याण किया था, इसी वजह से अगर व्यक्ति के जीवन में कभी कठिन समय आता है तो उसको अपना धैर्य बिल्कुल भी नहीं होना चाहिए, अगर व्यक्ति धैर्य रखेगा तो वह विपरीत परिस्थितियों का आसानी से सामना कर सकता है।

3. आप लोगों ने देखा होगा कि वर्तमान की शादियां अधिक समय तक नहीं चल पाती है, शादी होने के बाद कुछ समय के लिए सब कुछ ठीक-ठाक चलता है परंतु कुछ सालों बाद अक्सर शादियां टूटने की कगार में आ जाती है और कई शादियां तो टूट भी जाती है, ऐसी स्थिति में भगवान विष्णु जी और देवी लक्ष्मी जी का जिक्र हर धार्मिक कथाओं में किया गया है, व्यक्ति को हमेशा रिश्तो का सम्मान करना चाहिए, व्यक्ति रिश्ते का सम्मान इतना करें कि वह दो होकर भी एक रहे, इसी वजह से विष्णु जी को श्रीलक्ष्मीनारायण भगवान भी कहा जाता है, हर व्यक्ति को अपने जीवन साथी का पूरा सम्मान करना चाहिए और कभी भी एक दूसरे को अलग नहीं समझना चाहिए।

4. जैसा कि आप सभी लोग जानते हैं भगवान विष्णु जी ने जब भी धरती पर पाप का बोझ बढ़ा है तब-तब किसी ना किसी रूप में अवतार लिया है, धार्मिक कथाओं में भी इस बात का उल्लेख किया गया है कि समाज सुधार के लिए भगवान विष्णु जी किसी ना किसी रूप में आए हैं, भगवान विष्णु जी ने हमेशा सामाजिक हित को सर्वोपरि रखा है, इसलिए मनुष्य को भी अपनी सामाजिक दृष्टिकोण को बेहतर बनाए रखना होगा।

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