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बालाकोट एयर स्ट्राइक के लिए वायु सेना ने रखा था ये खास कोडनेम, इतिहास से है गहरा कनेक्शन

भारतीय वायुसेना फरवरी में पाकिस्तान पर सर्जिकल स्ट्राइक की थी। इस सर्जिकल स्ट्राइक की चर्चा पूरी दुनिया में हुई। इस दौरान काफी कुछ घटित हुआ, जोकि इतिहास के पन्नों में हमेशा के लिए अंकित हो गया। जी हां, भारतीय वायुसेना द्वारा की एयर स्ट्राइक से पाकिस्तान बैकफुट पर आ गया था, जिसके बाद विश्व पटल पर भारत की जय जयकार होने लगी थी। इस एयर स्ट्राइक के चर्चे सालों साल तक चलेंगे, लेकिन फिलहाल इससे जुड़ी एक अनोखी जानकारी सामने आ रही है, जिसके बारे में अभी तक सभी अंजान थे। तो चलिए जानते हैं कि हमारे इस लेख में आपके लिए क्या खास है?

भारतीय वायुसेना ने पाक से बदला लेने के लिए फरवरी में पाकिस्तान के बालाकोट में जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी ठिकानों पर हमला किया था, जिसे काफी सीक्रेट तरीके से अंजाम दिया गया था। एयर स्ट्राइक की भनक तब पूरी दुनिया को लगी, जब लक्ष्य की प्राप्ति हो गई थी। इस मिशन को सीक्रेट बनाने के लिए इसे एक कोडनेम दिया गया था, ताकि किसी को जरा भी भनक न लगे। बता दें कि भारतीय वायुसेना ने तड़के ही पाकिस्तान पर एयर स्ट्राइक की थी, जिससे पाक पूरी सहम गया था।

बालाकोट एयर स्ट्राइक का था ये कोडनेम

पुलवामा हमले का बदला लेने के लिए भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान पर वायु के मार्ग से अटैक करने का प्लान बनाया, जोकि सफल रहा। भारतीय वायुसेना ने जैश-ए-मोहम्मद के ठिकानों को तबाह कर दिया, जिसमें कई आतंकियों के मारे जाने की खबर भी सामने आई। इतना ही नहीं, इस सर्जिकल स्ट्राइक के बाद पाकिस्तान पूरी तरह से घुटने पर आ गया था। बालाकोट एयर स्ट्राइक का कोडनेम बंदर था, जिससे किसी को भी भनक नहीं। ऑपरेशन बंदर को भारतीय वायुसेना सूझबूझ के साथ अंजाम दिया और सफलता भी हाथ लगी।

क्यों दिया गया था ये कोडनेम

सूत्रों की माने तो भारत के इतिहास में हुए युद्ध में बंदर का अहम योगदान रहा है। गौरतलब है कि रामायण की लड़ाई में वानर सेना की अहम भूमिका रही थी, जिसकी वजह से इस ऑपरेशन का नाम बंदर रखा गया था। बता दें कि ऑपरेशन बंदर से किसी को भी जरा भी शक नहीं हुआ और भारतीय वायुसेना ने अपना काम कर दिया। इसके पीछे की एक और वजह बताई जा रही है कि चूंकि हनुमान जी वायु के रास्ते से ही लंका में प्रवेश किया थे, इसीलिए भी इस ऑपरेशन का नाम बंदर रखा गया।

ऐसे दिया था ऑपरेशन बंदर को अंजाम

बताते चलें कि 26 फरवरी के तड़के ही 12 मिराज-2000 ने कई एयर बेस से उड़ान भरी थी, जिसके बाद भारतीय वायु सेना के पायलट्स ने 5 स्पाइस 2000 बम फेंके थे और आतंकवादियों के ठिकानों को तबाह किया था। इससे पहले पाकिस्तानी सेना का ध्यान भटकाने के लिए कई जहाज को पास में ही छोड़ा गया था, ताकि ठिकानों को तबाह करने में किसी भी तरह का कोई बाधा न आए। पाकिस्तान के बालाकोट में  बम गिराने के कुछ ही क्षणों के बाद ही भारतीय वायुसेना के जवान वतन लौट आए।

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