भैरव बाबा का चमत्कारिक मंदिर, जहां भक्तों पर संकट आने से पहले मूर्ति से गिरने लगते हैं आंसू
हर इंसान यही चाहता है कि उसके ऊपर भगवान की कृपा दृष्टि हमेशा बनी रहे, सभी लोग भगवान की कृपा प्राप्त करने के लिए इनकी पूजा-अर्चना करते हैं और बहुत से लोग मंदिरों में जाकर भगवान से अपने दुखों को छुटकारा प्राप्त करने के लिए प्रार्थना करते हैं, वैसे देखा जाए तो अपने भक्तों के ऊपर भगवान की हमेशा कृपा दृष्टि बनी रहती है और भगवान अपने भक्तों के ऊपर हमेशा मेहरबान रहते हैं, परंतु क्या आप लोगों ने कभी ऐसा सुना है कि जहां पर भक्तों के ऊपर अगर कोई भी संकट आता है तो उससे पहले ही वहां मंदिर में स्थापित मूर्ति से आंसू गिरने लगते हैं? जी हां, आप लोग बिल्कुल सही सुन रहे हैं एक ऐसा मंदिर है जहां पर भक्तों पर कोई भी कष्ट आए तो उस मंदिर में स्थापित मूर्ति से आंसू बहने लगते हैं, इससे वहां के स्थानीय लोगों को आने वाली परेशानियों का अनुमान पहले हो जाता है।
आज हम आपको जिस मंदिर के बारे में जानकारी दे रहे हैं यह मंदिर हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले में स्थित है, हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा क्षेत्र में बज्रेश्वरी देवी का मंदिर है, अगर यहां के आसपास के क्षेत्रों में जैसे ही कोई परेशानी होती है तो इस मंदिर में भैरव बाबा की मूर्ति स्थापित है जिसमें से आंसू गिरने लगते हैं, भैरव बाबा की मूर्ति से आंसू निकलने की वजह से यहां के स्थानीय लोगों को आने वाली समस्या का अनुमान पहले हो जाता है, बज्रेश्वरी देवी मंदिर में स्थापित भैरव बाबा की प्रतिमा के बारे में ऐसा बताया जाता है कि यह प्रतिमा 5000 वर्ष से भी अधिक पुरानी है, यहां के पुजारी का ऐसा कहना है कि जब भी भैरव बाबा की मूर्ति से आंसू गिरते हैं तो यहां के श्रद्धालु संकट को दूर करने के लिए पूजा अर्चना आरंभ करते हैं।
जब इस मंदिर के अंदर मौजूद भैरव बाबा की मूर्ति से आंसू गिरते हैं तो यहां पूजा-अर्चना के साथ साथ हवन का भी आयोजन लोग करते हैं, ऐसा बताया जाता है कि यह सब कार्य करने से भैरव बाबा अपने भक्तों पर आने वाली परेशानियों को दूर करते हैं यह स्थान तंत्र मंत्र, ज्योतिष विद्या आदि की प्राप्ति के लिए जाना जाता है, इस स्थान पर शक्ति पीठ भी है, इस स्थान पर माता सती का दाहिनी वक्षस्थल गिरा था, इसी वजह से इस स्थान को स्तनपीठ भी कहा जाता है, स्तन भाग गिरने की वजह से जिस शक्ति के रूप में माता प्रकट हुई थी वह बज्रेश्वरी के नाम से जानी जाती है, इस मंदिर के परिसर में भैरव बाबा का भी मंदिर मौजूद है।
इस चमत्कारिक मंदिर के बारे में ऐसा बताया जाता है कि एक बार यहां पर मौजूद भैरव बाबा की मूर्ति से आंसू और शरीर से पसीना निकला था, जिसकी वजह से उस समय पर कांगड़ा बाजार में भीषण आग लगी थी और कई दुकानें जली और काफी नुकसान हुआ था, इसी वजह से सभी परेशानियों को टालने के लिए हर वर्ष नवंबर और दिसंबर के मध्य में भैरव जयंती मनाई जाती है, उस दौरान यहां पर भैरव बाबा की पूजा अर्चना होती है और हवन का आयोजन किया जाता है, अगर आप इस मंदिर में कभी जाएंगे तो इस मंदिर के परिसर में प्रवेश करते ही भैरव बाबा की मूर्ति बाई तरफ है।