अध्यात्म

माता का प्राचीन और प्रसिद्ध मंदिर, जहां सच्ची श्रद्धा से मांगने वाले कभी नहीं जाते खाली हाथ

यह बात कहीं ना कहीं बिल्कुल सत्य है कि मां के दरबार से कभी भी भक्त खाली वापस नहीं जाता है, हमारे देश भर में देवी मां के बहुत से प्रसिद्ध मंदिर है जहां पर रोजाना ही लाखों की तादात में भक्त अपनी परेशानियां और मनोकामनाएं लेकर माता के दरबार में जाते हैं और माता के समक्ष अपनी परेशानियों को दूर करने और अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति की प्रार्थना करते हैं, विशेष रुप से नवरात्रि के दिन माता के इन मंदिरों में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ लगी रहती है, अगर नवरात्रि के दिनों में माता रानी से भक्त अपनी मनोकामना पूरी करने की प्रार्थना करता है तो निश्चित ही उसको फल की प्राप्ति होती है, अक्सर भक्त माता रानी की कृपा प्राप्त करने के लिए देश में स्थित कई मंदिरों और शक्ति पीठ में जाते हैं।

आज हम आपको एक ऐसे माता के दरबार के बारे में जानकारी देने वाले हैं जो काफी प्राचीन और प्रसिद्ध है, इस माता के दरबार में भक्त अक्सर अपनी परेशानियों से मुक्ति पाने के लिए जाते हैं, और ऐसा बताया जाता है कि माता रानी की कृपा से व्यक्ति की सभी समस्याएं दूर होती हैं, हम जिस मंदिर के बारे में बात कर रहे हैं यह मंदिर मध्य प्रदेश आगरा के मालवा जिले में स्थित नलखेड़ा नगर में स्थित है, जिसको “बगलामुखी मंदिर” के नाम से लोग जानते हैं, माता का यह मंदिर धार्मिक दृष्टि से बहुत महत्व माना गया है, मां बगलामुखी के दर्शन करने के लिए यहां पर हजारों-लाखों की संख्या में भक्त दूर-दराज से आते हैं और माता का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं, माता के दर्शन से व्यक्ति को मानसिक सुख मिलता है, जो भक्त मां बगलामुखी की अपने सच्चे मन से आराधना करता है उसकी सभी मनोकामनाएं माता रानी पूरी करती हैं।

यह मंदिर 3 मुखी वाली त्रिशक्ति बगलामुखी देवी को समर्पित है, ऐसा माना जाता है कि यह मंदिर बहुत ही चमत्कारिक है, इस मंदिर के अंदर देश के विभिन्न स्थानों से साधु-संत और तांत्रिक अनुष्ठान करने के लिए आते हैं, इस मंदिर के बारे में ऐसा बताया जाता है कि इसकी स्थापना महाभारत में विजय के उद्देश्य से भगवान श्री कृष्ण की सलाह पर ही युधिष्ठिर ने की थी, लोक मान्यताओं के अनुसार देखा जाए तो इस चमत्कारिक मंदिर के अंदर जो माता बगलामुखी की प्रतिमा स्थित है वह स्वयंभू है, पूरे विश्व भर में मां बगलामुखी के केवल तीन ही महत्वपूर्ण प्राचीन मंदिर है, जिनको सिद्धपीठ कहा जाता है, उन्हीं में से नलखेड़ा का यह मंदिर एक है।

इस मंदिर के आसपास का नजारा बहुत ही सुंदर है, इस मंदिर में आपको बहुत से वृक्ष देखने को मिलेंगे, जिनमें बिल्वपत्र, चंपा, सफेद आंकड़ा, आंवला, नीम और पीपल के वृक्ष एक साथ स्थित है, इसके आसपास बहुत ही सुंदर हरा भरा बगीचा बना हुआ है, नवरात्रि के दिनों में इस मंदिर के अंदर भक्तों की भारी भीड़ लगी रहती है, अगर आप इस मंदिर में जाना चाहते हैं तो सड़क मार्ग से जा सकते हैं, नलखेड़ा पहुंचने के लिए देवास या उज्जैन के मार्ग से जाने के लिए बस और टैक्सी आपको मिल जाएगी, इसके अलावा आप वायु मार्ग का भी प्रयोग कर सकते हैं, नलखेड़ा के निकट ही इंदौर का विमानक्षेत्र है, रेल मार्ग से भी यहां पर पहुंचा जा सकता है।

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