सफेद से अधिक फायदेमंद है काला लहसुन, ये 6 काली चीजें भी होती है भरी गुणकारी
लहसुन के गुणों के बारे में सभी जानते हैं, कुछ लोग भले लहसुन प्याज धार्मिक मान्यता और प्रण की वजह से नहीं खाते हैं, लेकिन लहसुन में वो कई गुणकारी पदार्थ होते हैं, जो लहसुन के अलावा किसी में नहीं मिलते हैं। सफेद लहसुन के बारे में आपको पता होगा, लेकिन क्या आप जानते हैं, काला लहसुन सफेद से भी ज्यादा फायदे मंद होता। लेकिन रंग की वजह से कुछ लोग इसको लेना पसंद नहीं करते। इसीलिए हम आपको आज उस काली चीजों के बारे में बताने जा रहे हैं। जो भले ही रंग में काले हो, लेकिन आपके काम बहुत आते हैं।
हिन्दी फिल्मों का एक बहुत फेमस गाना है, ‘हम काले हैं तो क्या हुआ, दिलवाले हैं’। ऐसे ही कुछ चीजें है जो देखने में भले ही काली हों लेकिन खाने के बाद उसके गुण बेहद चमकदार हैं। काले रंग की चीजें भी पोषक तत्वों से भरी होती है, कुछ ऐसी ही काले रंग की चीजों के बारे में बता रहे हैं, जिन्हें आपको अपनी डाइट में जरूर शामिल करना चाहिए। काले लहसुन में सफेद लहसुन कि तुलना में एंटीऑक्सिडेंट्स और विटामिन सी की मात्रा दोगुना होती है। सबसे पहले बात करेंगे काना क्विनोवा
किनुआ एक सुपरफूड है. इसमें वे सभी पोषक तत्व मौजूद होते हैं जो हमारे शरीर के लिए लाभकारी माने जाते हैं। ब्राउन राइस से ज्यादा किनुआ शरीर के लिए ताकतवर है। ब्लैक-क्विनोआ सफेद क्विनोआ की तुलना में ज्यादा मीठा और टेस्टी होता है। किनुआ में प्रोटीन के साथ अमिनो एसिड भी पाए जाते हैं। इसके अलावा इसमें फाइबर भी भरपूर मात्रा में होते हैं।यह आयरन और फोलेट का भी बेहतर स्रोत है।
काली लहसुन में प्रोटीन की मात्रा अन्य सब्जियों की तुलना में काफी अधिक है। काले लहसुन में एंटीऑक्सिडेंट्स और विटामिन सी की मात्रा दोगुना होती है। इसमें कारमेलिज्ड होता है जो इसके स्वाद को और ज्यादा बढ़ा देता है। काली लहसुन में कैल्शियम और लोहे की सामग्री अपेक्षाकृत अधिक है, और सेलेनियम, जिंक और जर्मेनियम के तत्व जो एंटीऑक्सीडेंट और कैंसर कैंसर का प्रभाव ले सकते हैं, वे भी समृद्ध हैं।
काला चावल कुपोषण से लडऩे के लिए जिंक चावल, डायबिटीज मरीजों के लिए मुधराज चावल काफी कारगर है, काले चावल फाइबर और एंटीऑक्सीडेंट का खजाना हैं। इसमें कैंसर से लड़ने वाले गुण पाए जाते हैं। काले चावल का आप कई तरह इस्तेमाल कर सकते हैं। आप इसके फ्राइड राइस, दलिया, रोटी और नूडल्स में इस्तेमाल कर सकते हैं। जिसका अंतर्राष्ट्रीय बाजार में दाम काफी अधिक है। काला चावल विदेशों में 18 सौ रुपए किग्रा में बिक रहा है।
काला तिल सिर्फ धार्मित कर्मकांड में नहीं बल्कि शरीर के लिए भी काफी कारगर है। काला तिल में जिंक, कैल्शियम और फोलिक एसिड कूट कूट कर भरा होता है। इसमें ओलेइक एसिड के मात्रा भी अधिक होती है। इतना ही नहीं इसमें मोनो-सैचुरेटेड फैटी एसिड भी होता है जो ‘खराब कोलेस्ट्रॉल’ को कम करता है।
उड़द की दाल खाने से सेहत और सौंदर्य दोनो के लिए अच्छा होता है। साउथ इंडिया के लोग इसीलिए सेहतमंद और सांवले होने के बाद भी अट्रैक्टिव दिखते हैं क्योंकि काली उड़द दाल का दक्षिण भारत में डोसा और इडली बनाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। उड़द की दाल एक अत्यंत बलवर्द्धक, पौष्टिक व सभी दालों में पोषक होती है। इसमें आयरन, फोलेट, फाइबर, पोटेशियम भी भरपूर मात्रा में होता है।
कहा जाता है कि गहरे रंग वाले फलों और सब्जियों में अधिक पोषक तत्वा मौजूद होते हैं। काले मशरूम में मौजूद फाइबर, पोटेशियम, विटामिन C ब्लड प्रेशर को कंट्रोल में रखते हैं। इसमें मौजूद बीट ग्लुकेन नाम का तत्व कोलेस्टॉल कम करने में मदद करता है। इसके अलावा कॉपर से भी ये भरपूर होता है।